ब्राह्मण शायरी हिन्दी मे | 499+ BEST Brahman Shayari in Hindi
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=> 01 - टॉप Brahman Shayari in Hindi With Images
ब्राह्मण वह हैं,
जो ब्रह्मा को ही मोक्ष का आधार मानता हो..!!
ब्राह्मण जब चाहे किसी का शनि ख़राब कर दे,
ब्राह्मण जब चाहे राहु चढ़ा दे
जब चाहे शनि सही कर दे..!!
*
सहारे ढूढ़ने की आदत नही हमारी,
हम अकेले पूरी महफ़िल के बराबर हैं..!!
–जय श्री परशुराम जी
पंडितो का शान-शौकत और वफ़ा को
देखकर छोरियाँ भी कहती हैं
ना दर्द चाहिए ना दर्द की दवा चाहिए
हमें तो पंडित जैसा यार चाहिए।
फोर्ड, बुलट और राइफल, शान है ब्राह्मण की,
लोहे बरगी यारी असली जान है ब्राह्मण की..!!
ब्राह्मण इतने भी कमजोर नहीं की
किसी की सहारे का इंतजार करें
शव भी पड़ा हो ब्राह्मण का तो भी
खुद उठने का हौसला रखता हैं.
*
वेद-उपनिषद मुख में हैं
फरशा त्रिशूल जिनकी रानी
पंडित से मत करना कभी मनमानी।
पंडित की यारी
जोहे दुनिया सारी
करें जो शेर की सवारी
महाकाल का हैं वो कट्टर पुजारी।
पंडित हूँ लाडले, एहसान,
और अपमान कभी नहीं भूलता..!!
ब्राह्मण जब दिल से सोचे तो
तुम अपना भाग्य बना लेना
हो क्रोधित जब ब्राह्मण
तुझपर अपना जान बचा लेना।
=> 02 - Brahman Shayari Attitude
मैं छोरा ब्रामण का,
Jaipur से आया हूँ,
तीन बार लगे मर्डर केस,
ना पुलिस के हाथ आया हूँ..!!
मैं छोरा ब्रामण का,
Jaipur से आया हूँ,
तीन बार लगे मर्डर केस,
ना पुलिस के हाथ आया हूँ..!!
*
ब्रामण का बेटा हूँ,
दिल में जिगर रखता हूँ,
इरादों में तेज धार रखता हूँ,
इसलिए ब्रामण होने पर गर्व करता हूँ..!!
क्या लेके आया हैं क्या लेके जायेगा
ब्राह्मण का खून लेकर आया हूँ
एक-एक बून्द मानवता हेतु लूटाकर जाऊंगा।
एक तो में गोरा,
ऊपर से ब्रामण का छोरा गमण्ड तो होगा..!!
कर ले जितने भी जतन भवसागर न तू पार कर पायेगा
छोड़ दे ब्राह्मण को दुत्कारना नहीं तो
नाली का कीड़ा बन जायेगा।
*
ब्रामण से जो टकरायेगा,
वो परशुराम का भी दुश्मन कहलायेगा..!!
भुत भयंकर होत हैं.
प्राण पखेरू उड़ जात हैं
मृत्यु के बाद भी जो जीवित रहे
पंडित वही जात हैं.
काल के गाल से बचा,
मृत्यु को विजय करने वाला
महा मृत्युंजय मन्त्र जिसने रचा.
जिव कल्याण हेतु जीवित
हड्डियाँ जिसने दान की
ब्राह्मण हैं वो उसी ने
सबकी नइया पार की.
-
है वो प्रचंड तपस्वी, माता हैं उसकी काल भैरवी
बिगड़े काम सब बन जाएंगे यदि हो ब्राह्मण की पैरवी।
=> 03 - ब्राह्मण शायरी फोटो
ब्राह्मण हैं तो देश हैं,
ब्राह्मण की धड़कन जब तक चलेगी
हे भारत माँ तुझ पे कोई आँख नहीं उठेगी
अगर की जुर्रत किसी ने भी तो
कयामत से पहले क़यामत होगी।
-
कर्म की भूमी पर, किस्मत के फूल खिलते हैं,
नसीब अगर बुलंदी पर हो तो ही
ब्राह्मण के घर जन्म मिलते हैं..!!
*
पंडित जिस दिन बिगड़ गये इतिहास पुराना खोलेंगे,
धाक हमारी देखकर गुँगे भी ज़य ज़य ब्राह्मण बोलेगे..!!
-
इतना आशीर्वाद तेरे पूर्वजो ने तुझे नहीं दिए होंगे
उससे ज्यादा आशीर्वाद तो ब्राह्मण तुझे देता हैं.
पूरा विश्व देवताओं के अधीन हैं,
देवता मन्त्र के अधीन हैं,
और मन्त्र ब्राह्मणो के अधीन हैं.
जय जय परशुराम !
-
मत डरा पंडित को तू काल से डरता हैं,
तो पंडित सिर्फ महाकाल से..!!
*
पंडित का तीन काम- शिक्षा, दीक्षा और भिक्षा,
फेल कर दे ब्राह्मण को नहीं हैं कोई ऐसी परीक्षा..!!
-
पंडित का तीन काम- शिक्षा, दीक्षा और भिक्षा,
फेल कर दे ब्राह्मण को नहीं हैं कोई ऐसी परीक्षा..!!
मारी जूता जो सिकंदर को दिया युद्ध में हराय
पंडित जात हैं उसका पुरे विश्व में सराहा जाये।
-
ब्राह्मण इस देश की शान हैं,
ब्राह्मण देश का अभिमान हैं।
=> 04 - ब्राह्मण परशुराम शायरी
यदि समाज में सबसे ज्यादा योगदान किसी का रहा हैं
तो वह ब्राह्मण समाज का रहा हैं,
अंग्रेजो से लड़ना हो या लड़ना हो मुग़ल जैसे पिचाश से
ब्राह्मण समाज सबसे आगे लड़ा हैं.
-
ब्राह्मण वो हैं जो शस्त्र और शास्त्र के,
सहयोग से समाज से अज्ञानता को दूर करे।
*
पंडित बुरी या दुनिया बुरी इसका फैसला हो ना सका,
और पंडित तो हो गया सबका लेकिन पंडित का कोई हो ना सका..!!
-
जब तक रगो में आखिरी कतरा हैं,
शरीर पर रूह का कब्जा रहेगा,
हम पंडित Ji हैं,
और यही Pandito वाला jajba रहेगा।।
जब जब ब्राह्मण बोला हैं
राजसिंहासन डोला हैं
जब-जब ब्राह्मण बोलेगा
राज सिंघासन डोलेगा।
-
चलता रहा हुँ अगनीपथ पर ” चलता चला जाऊंगा”
ब्राह्मण बन कर जन्म लिया मैंने “ब्राह्मण बन कर हि मर जाऊंगा”
मेला लग जाएगा उस दिन शमशान में,
जिस दिन ये पंडित मरके जाएगा आसमान में..।
*
सहारे ढूंढने की जरुरत नहीं,
पंडित अकेले एक सेना के बराबर हैं..!!
-
ब्राह्मण बदलते तो बदलते सारे नतीजे हैं
सारा मंजर, सारा अंजाम बदल जाता हैं,
कौन कहता हैं परशुराम अब नहीं हैं,
यहाँ सभी ब्राह्मणो के हृदय में
भगवान् परशुराम पाए जाते हैं.
“ब्रामण” के ठाठ देख कर तो
आजकल शहर की छोरियां भी कहने लगी हैं
ना दवा चाहिए ना दर्द चाहिए,
हमें तो बस ब्राह्मणो का लड़का चाहिए।।
-
ब्राह्मण पंजे को कमल बना देते, ब्राह्मण काटों को फुल बना देते,
लेकिन ऐकता नही हैं ब्राह्मण में, नहीं तो अयोध्या में क्या,
पाकिस्तान में भी हर दिन एक राम मंदिर बना देते।
=> 05 - ब्राह्मण शायरी डाउनलोड
वो ब्राह्मण किस काम का
जो नाम न ले भगवान् परशुराम का
-
ब्राह्मण पुत्र हैं हम, करेजा दमदार रखते हैं,
इतिहास की क्या बिसात हम तो
पूरा ब्रह्माण्ड बदलने की ताकत रखते हैं..!!
*
रोता तू क्यों हैं उठ कर सभी समस्या को खंडित
मत कम समझ खुदको क्युकी छोरा हैं तूँ पंडित
-
जलते है तो जलने दो,
बुझना मेरा काम नही,
जलाकर राख न कर दु,
तो ब्राह्मण मेरा नाम नहीं।
शतरंज की चालो से क्या उलझाएगा तू पंडित को
शतरंज भी हमने पैदा किया टक्कर ना देना पंडित को
-
ये आवाज नही ब्राह्मण कि दहाड़ हैं,
अकेले भी खडे सामने हो जाये तो पहाड़ हैं।
*
देख भैया !
जब #Bullet का पड़े साया
तो समझलेना तेरा बाप
ब्राह्मण आया !
-
बिना तङके की दाल और बिना,
Attitude का माल ब्राह्मण न पसंद कौनी।
जब फितरत में नशा ब्राह्मण का हैं,
तो रुतबे में गुरुर तो लाज़मी हैं..!!
-
ब्राह्मण से टकराएगा धुर्रा धुर्रा में उड़ जाएगा,
ना ही मिलेगी कही शरण सर छुपाने को तरस जायेगा..!!
=> 06 - ब्राह्मण है हम
शेर जैसा जिगरा हैं,
बराबरी में बैठ जाये हर किसी की अवकात नहीं,
सारे जग में ढूंढ लिया ब्राह्मण जैसी
दूसरी कोई जात नहीं..!!
-
ब्राह्मण जो भी करता हैं
उच्च कोटि का करता हैं
चाहे वो विनास हो या विकास हो
जय जय महाकाल।
*
ब्राह्मण जो भी करता हैं
उच्च कोटि का करता हैं
चाहे वो विनास हो या विकास हो
जय जय महाकाल।
-
मत कर इतना गुरुर दो दिन की जिंदगानी पर
सिख कुछ तू पंडित से
भयभीत नहीं होता जो मृत्यु के भी आने पर.
एक झोली साथ में बस वस्त्र की
एक जोड़ी फिर भी स्थापित करे,
जो विश्व की सबसे बड़ी साम्राज्य ब्राह्मण ही हैं
वो चाणक्य उसका नाम..!!
-
ना नेवला हैं ना साप हैं
क्या कांग्रेस और क्या आप हैं
न पुण्य का लालच हैं ना करते हम पाप हैं,
पर एक बात कान खोल कर सुन लो
पंडित का छोरा ही सबका बाप हैं.
*
ब्राह्मण जैसे हैं उन्हें वैसे ही रहने दो
अगर हम बिगड़ गए ना तो वही,
अंदाज होगा और अपना हर जगह राज होगा ।
-
हैं जैसे वैसे रहने दो हमें
बिगड़ गए जो ब्राह्मण तो
अंदाज पुराना होगा और
हर तरफ राज हमारा होगा।
^
शतरंज कि चालो का खोफ तो उनहे होता हैं,
जो सियासत करते हैं,
हम तो भगवान परशुराम के बंशज है
ना हार का फिक्र और ना जीत का जिक्र।
-
लोहा टाटा का, जूता बाटा का,
छोरा ब्रामण का, दुनिया में मशहूर हैं।
=> 07 - ब्राह्मण समाज पर कविता
प्रेम इतना की चींटी को भी हाथ जोड़ लेते हैं
हम हैं पंडित अंगारो से भी खेल लेते हैं,
क्रोध इतना की हजारो हड्डियाँ भी तोड़ देते हैं.
-
गहरी काली रात में छोटा सा दीपक भी प्रकाश करता हैं,
करोडो के भीड़ में ब्राह्मण ही पहचाना जाता हैं..!!
*
पत्थर नहीं फौलाद हैं हम
शेरदिल ब्राह्मण की औलाद हैं हम.
-
कर्म की भूमि पर कर्मफल खिलते हैं,
किस्मत बुलंद हो तभी ब्राह्मण के घर जन्म मिलते हैं..!!
^
यारी करे तो यारो का यार हैं ब्राह्मण
दुश्मनी करे तो तूफ़ान हैं ब्राह्मण
इसीलिए अधर्मी कहते हैं -‘बाप रे बाप!’
बड़ा खतरनाक हैं ब्राह्मण।
-
तप कर बने फौलाद हैं हम भगवान् परशुराम की औलाद हैं हम,
ब्राह्मण समाज के हम चीते हैं अपने बल-बुत्ते पर जीते है..!!
*
हम ब्राह्मण शांत हैं तो श्री राम हैं,
भड़के तो फरसाधारी परशुराम हैं..!!
-
जलते हैं तो जलने दो
बुझाना हमारा काम नहीं,
जलाकर जो राख ना कर दू
तो ब्राह्मण मेरा नाम नहीं।
^
गीजगढ़ का बाजार हो,
“Black Safari Car” हो, पिछे बैठे मेरे यार हो,
और देखने वाला कहे,
काश ये ””ब्रामण का छोरा”” मेरी छोरी का yaar हो।
-
Attitude मत दिखा तू ये बन्दा
बंद कर दे तू अपना धंधा
पंडित से जो टकराएगा
तहस-नहस हो जायेगा।
=> 08 - आज पंडित शायरी
दुआ लफ़्ज़ों से नहीं दिल से होनी चाहिए क्योंकि
ब्रामण उनकी भी सुनते हैं जो बोल नहीं पाते ।।
-
मैं भारत पुत्र लिखूं तुम ब्राह्मण समझ लेना
जब भी मैं त्याग की कहानी कहूँ
तुम ब्राह्मण की कहानी समझ लेना
जब भी मानवता की बात करूँ
तुम ब्राह्मणत्व समझ लेना
जब भी युद्ध की बात करूँ
तुम परशुराम समझ लेना।
*
ब्राह्मण एकम सेना
ब्राह्मण दूना कोटि सेना
जब-जब ब्राह्मण का खून खौले
काँपे धरती का कोना-कोना।
-
जब बुलेट का पड़े साया,
तो समज लेना तेरा बाप ब्राह्मण आया..।
^
पढ़-पढ़ अंग्रेजी पंडित बना ना कोय
दो लाइन संस्कृत न पढ़ सके तो काहे को पंडित होय?
-
शेर कि सवारी और पंडित कि यारी,
किस्मत वालो को नसीब होती हैं।
*
चलता हूँ अपनी धुन में महादेव के गीत गाऊंगा,
ब्राह्मण बनकर आया हूँ दुबारा ब्राह्मण बनने ही आऊंगा..!!
-
ब्राह्मण ही प्रथम हैं ब्राह्मण ही अनंत हैं
पंडित ही आरम्भ हैं ब्राह्मण ही अंत हैं.
ब्राह्मण प्रचंड हैं, करता जब कोई अधर्म
^
पंडित बुरा या दुनिया बुरी,
फ़ैसला हो न सका,
कमबख्त पंडित तो सब का हो गया,
लेकिन पंडित का कोई ना हो सका।
-
शास्त्र और शस्त्र जिनसे जन्म लिए
उसकी बात पुरानी हैं,
पृथ्वी को भी स्वर्ग बनाया था
जिसने यह उस ब्राह्मण की कहानी हैं..!!
=> 09 - ब्राह्मण राजपूत शायरी
पंडित से जलते सभी हैं
लेकिन यह सच हैं की
पंडित जैसा बनने को
ललचते भी सभी हैं.
-
ना नजर बुरी हैं ना मुँह काला हैं,
अपना कोई क्या बिगाडेगा,
अपने सिर पे तो फरसे वाला हैं।
*
शब्द की बिसात क्या, शब्द की अवकात क्या
निःशब्द हैं वह, पंडित की दूसरी पहचान क्या?
-
वो ब्राहमण ही किस काम का,
जो नाम ना ले परशुराम का।
^
गर जो नहीं सुधरे, सुधारेंगे हम
क्या करें धर्महित में
भगवान् परशुराम की
तरह फरसा उठा लेंगे हम
गर जो उठ गया फरसा त्राहि-त्राहि मच जायेगा।
फिर क्या मक्का-मदीना तेरा बाप भी बचा नहीं पायेगा।
-
ब्राह्मणों की ताकत तूफान बन गई…!
बाजीराव की वीरता हिंदुस्तान की शान बन गई!
जब जब उठाया फरसा ब्राह्मणों ने…!
दुश्मनों की धरती शमशान बन गई!!
जय परशुराम
*
ब्राह्मणों की ताकत तूफान बन गई…!
बाजीराव की वीरता हिंदुस्तान की शान बन गई!
जब जब उठाया फरसा ब्राह्मणों ने…!
दुश्मनों की धरती शमशान बन गई!!
जय परशुराम
-
पंडित भूखा तो सुदामा कहलाता हैं
गर जो पंडित समझा चाणक्य बन जाता हैं
रूठा जो पंडित तो परशुराम हो जाता हैं.
^
हम पत्थर नहीं फौलाद हैं
हम ब्राह्मण की औलाद हैं
जय दादा परशुराम
-
पंजे को कमल का फूल बना देते काँटो को भी धूल बना देते
एकता नहीं हैं ब्राह्मणो में नहीं तो
अयोध्या क्या मक्का-मदीना में राम मंदिर बनवा देते.
=> 10 - ब्राह्मण पर दोहे
यारी करे तो यारो के यार हे BRAHMAN
और दुशमन के लिए तुफान हे BRAHMAN
तभी तो दुनिया कहती है
बाप रे खतरनाक हे
-
ब्राह्मण आते हैं तो वसंत ऋतू आता हैं
वसंत ऋतू आने से प्रकृति सुधर जाती हैं
ब्राह्मण के आने से संस्कृति सुधर जाती हैं.
*
पंडित का बेटा हु,
रखता हु जान हतेली पर
अगर मिलना हो तो आ जाना हवेली पर…!!
-
Attitude मत दिखा बेटा, जल जाएगा,
अगर पंडित से टकराएगा तो घर तक पिटता ही जाएगा।
^
दिखे ना जो नयनो से ज्ञानचक्षु से उसने उसे देखा हैं
मानव कल्याण के लिए वह ब्राह्मण रात भर नहीं सोता हैं.
-
पाप-पुण्य की गठरी लाद क्यों हैं अपना बोझ बढ़ाया
सुख-दुःख, लाभ-हानि में पंडित ने ही समानता पाया।
*
ब्राह्मण भूखा तो सुदामा
ब्राह्मण समझा तो चाणक्य
ब्राह्मण रूठा तो परशुराम
-
ब परशुराम का फरशा और बाजीराव की तलवार उठी है,
बिना पराजय वाली ब्राह्मणों का स्वर्णिम इतिहास लिखी गई हैं..!!
^
हिंसा-अहिंसा का लेखा-जोखा राखी अपनी झोली
धर्मरक्षा के लिए पंडित ने खेला हैं खून की होली।
-
कोई कितनी भी कोशिश करले हम जैसा बनने की,
शेर पैदा होते हैं बनाए नहीं जाते,
जय ब्राह्मण सम्राज्य, जय परशुराम जी।
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