मतलबी लोग शायरी हिन्दी मे | 99+ BEST Matlabi Log Shayari in Hindi
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=> 01 - टॉप Matlabi Log Shayari in Hindi With Images
वक्त था हर वो रिश्ता सुधारने का जो हमारे बीच था
मगर स्वार्थ और प्यार में तूने स्वार्थ को चुना
जो प्यार में लिए ना गवारा था।
जिसे तूने मतलब के लिए छोड़ था
वो रिश्ता तेरे लिए नहीं ब्लकि किसी
अपने के लिए छोड़ा था।
*
ख़ुशी हुई ये जानकर की अब आप मेरी जिंदगी में नहीं हो
वरना तो आपके रिश्ते ने हमे भी मतलबी बना दिया था।
मोहोब्बत के दम पर जो रिश्ते जोड़े दिए जाते है
वहीं केवल एक मतलब के लिए तोड़ दिए जाते है।
तू नहीं जानती की किसी दर्द से आज में गुजर रहा हूँ
मतलबी रिश्तों के बीच फंस के धीरे धीरे कर मर रहा हूँ
तू आज शायद मेरा ये दर्द ना समझ पायेगी
गर जान जाएगी तब तू भी बहोत घबराएगी।
जहां तक सोच भी ना पहुंच सके
वो काम कर जाते है
मतलबी रिश्ते …….
भरी महफ़िल में यूँही बदनाम कर जाते है।
*
मेरा सनम बड़ा धोखेबाज़ है
क्यूंकि मतलब के लिए
मुझे बेमतलब में प्यार करता है
दुआ करों की मेरी जिंदगी में भी ये मुकाम आये
वो मतलबी दुआ करे मगर
उस दुआ में भी मेरा नाम आये।
जिनकी दुआ किया करते है हजारों में
वहीं बेचते है रिश्ते बाजारों में
साजिशे हजार करलो मगर
मुझे भुला ना पाओगे
मतलबी कह कर छोड़ने वाले
एक दिन बड़ा पछताओगे
=> 02 - झूठे मतलबी रिश्ते शायरी
मतलबी लड़ की से अच्छी तो मेरी सिगरेट है यारों,
जो मेरे होठ से अपनी ज़िन्दगी सुरु करती हैं,
और मेरे कदमो के नीचे अपना दम तोड़ देती हैं,
कल तक कहा करते थे वो
ये जन्मो का रिश्ता है इसे ऐसे ना तोडूंगी
चाहे जान चली जाये मगर तुझे ना छोडूंगी
पर आज उन्होंने हर वादे को तोड़ दिया है
जन्मो के रिश्ते रखने वाली ने मुझे बस
मतलबी कह कर छोड़ दिया है।
*
शीशा और रिश्ता दोनो हि बड़े नाजुक होते हैं,
दोनों मे सिर्फ एक ही फर्क है,
शीशा गलती से टुट जाता हैं और रिश्ता गलतफहमी से,
जहाँन की फ़िक्र किये बिना
तुम्हे अपना मान लिया है
मतलबी नहीं हूँ सोणियो
ये तूने झूठा जान लिया है।
लोग भी बडे मतलबी होते है,
जब हो जरूरतें तो पास आते है,
वर्ना जरूरतें ख़त्म होने पर,
आपको छोड़ जाते हैं।
ज़िन्दगी जिने का कुछ ऐसा अंदाज रखो,
मतलबी दोस्तों को नजर अंदाज़ रखो,
*
जानता था गलती थी मगर
थोड़ा नाराज़ हो के रह जाते
गर प्यार की क़दर ही होती
तो मतलबी कह कर तो ना जाते
अभी मतलबी होने ही जा रहे थें,
के तभी मेरी बदनसीबी मुझे याद आ गयी।
भूला देगे तुम्हें जरा सब्र तो कीजिए,
आपकी तरह मतलबी होने में जरा वक्त लगेगा,
-
अपनी दुनिया मानता था में उनको
पर फिर भी उन्होंने दिल तोड़ दिया
खुद के स्वार्थ के खातिर मुझे ……..
मतलबी कह कर छोड़ दिया।
=> 03 - स्वार्थी लोग शायरी
सम्भल के चलना दोस्त इस
मतलबी दुनिया के मखमली रास्तों पर,
यहा बर्बाद करने के लिये
प्यार का सहारा भी ले लेते है लोग।
-
तेरी रुसवाई से मुझे एक सबक मिला है,
दुश्मन भी इतना नहीं करता,
तूने दोस्त बनके किया है,
*
बड़ा दर्द होता है मुझे ये जानकर
की अब वो
प्यार भुला बैठे है वो मुझे मतलबी मानकर।
-
मतलबी इस दुनिया में ,
मतलबी तु भी बन,
चलता अगर साथ कोई ,
साथ उसके तु भी चल।
तमन्ना जो आये ख्वाबो में,
हकिकत बन जाए तो क्या बात है,
कुछ लोग मतलब के लिए ढुढते हैं मुझे,
बिन मतलब कोई आये तो क्या बात है
-
मतलब का तराजू इतना भरी है
जिसमे तुलती हर दोस्त की यारी है
माना मतलबी ये दुनिया सारी है
मगर ये मतलब ……
दोस्ती से भी ज्यादा भरी है
*
मतलबी लोगों का दौर है यारों,
यहां देख कर भी अनदेखा करते हैं हज़ारों।
-
कितनी दुर निकल आये हम इश्क़ निभाते निभाते।
खुद को खो दिया हमने उनको पाते पाते।
लोग कहते हैं दर्द बहुत हैं तेरे आँखो में।
और हम दर्द छुपाते रहे मुस्कराते मुस्कराते।
जिस से हर दोस्त अनजान है
आज वही मतलब …….
हर दोस्ती की पहचान है
-
अब बस चाय से याराना है,
क्यूंकि खुदगर्ज़ ये ज़माना है,
मतलबी लोगों से दूरी बनाना है,
उनको उन्हीं की भाषा सिखाना है।
=> 04 - चालाक लोग शायरी
बिछड़ के तुझसे ना देखा गया किसी का मिलन।
उठा दिया परिंदे भी हमने शजर पे बैठे हुई।
-
सच्चे मित्र ढूंढिए मतलबी यार
तो अपने आप आपको ढूंढ लेंगे।
*
अगर मतलबी कहती दुनिया तो हूं,
डर लगता है कहीं खो तुम्हें ना दूं।
-
ये उम्र बित गयी पर समझ नहीं आया।
जिनसे मुहब्बत होती वो कदर क्यों नहीं करते।
जिन दोस्तों के धोखे में हम अक्सर जिया करते है
जिनकी दोस्तों की तारीफ अक्सर हम किया करते है
-
गर्म चाय भी देती है एक सीख हरदम,
मतलबी है दुनिया बहुत इसलिए
फूंक फूंक कर रखना हर कदम।
*
अकसर वही लोग हम पर उँगलीया उठाते हैं।
जिनकी मुझसे बात करने की औकात न हैं।
-
जब दोस्त मतलबी हो जाते है
तब उनको अपने ही काम नज़र आते है।
नादान था दिल मेरा इसलिए उसको भी नादान समझ लिया,
वो तो इंसानी भेष में एक मतलबी शैतान था।
-
दुश्मनों को सजा देने की एक तेहजीब हैं मेरी।
मैं हाथ नहीं उठाता बस नजरों से गिरा देते हैं।
=> 05 - मतलबी प्यार शायरी
जिनको हम अपना जिगरी यार मानते है
वो सिर्फ हमे अपने मतलब के लिए पहचानते है
-
निकल गया मतलब या और कोई काम लोगे,
बदनाम तो हो ही गये हैं और कितना नाम लोगे।
*
मतलब से कितने ही रिश्ते बनाने की कोशिश करो,
वो रिश्ता कभी नहीं बनता ,
और प्यार से बने रिश्ते को तोड़ने की कितनी भी,
कोशिश करो वो रिश्ता कभी नहीं टुटता,
-
जिन दोस्तों के इरादे मतलब भरे होते है
उनकी हर मुलाकातों में मकसद भरे होते है
इस शहर के लोग बहुत मतलबी है,
टूटते तारे को देख अपने लिए कुछ नायाब मांगते है।
-
कोन किसको दिल में जगह देता हैं,
सूखे पत्तो तो पेड़ भी गिरा देता हैं,
वाकिफ है हम दुनिया के रिवाजो से,
मतलब निकल जाए तो हर कोई भूल जाता हैं,
*
वादे कर बड़े मुकर जाते है
मतलबी दुनिया वाले
मतलब के लिये मर जाते है।
-
घड़ा भी पहले अपनी प्यास बुझाता है,
कौन है यहां जो मतलबी नही है।
वक़्त की आग में पत्थर भी पिघल जाते हैं।
हसी लम्हे टूटकर अशकों में बह जाते हैं।
कोई साथ नहीं देगा इस जि़दगी में हमारा।
क्योंकि वक़्त के साथ इंसान बदल जाता हैं।
-
ना कोई कस्ती ना कोई किनारा
मतलबी है दुनिया मतलबी जग सारा
रिश्तों की डोर का अब ना कोई सहारा
मतलबी लोगो का मतलब का भाईचारा
=> 06 - मतलबी शायरी 2 लाइन
हुस्न के साथ मतलबी नकाब निकलता है,
अक्सर चमकता सोना खराब निकलता है।
-
बेवफ़ा से दिल लगा लिया नादान थे हम।
गलती हमसे हुई कयोंकि इंसान थे हम।
आज जिनके नजरें मिलाने में तकलीफ होती हैं।
कुछ समय पहले उनकी जान थे हम।
*
मतलबी दुनिया के मतलबी नज़ारे
अपने ही स्वार्थ के सभी यहां मारे
अब विश्वास ना रहा अब किसी के सहारे
इसलिए कहता हूँ …….
इस छोटी सी जिंदगी को बस अकेले गुजरें।
-
मेरी मासुमीयत पर हंसते हैं,
मतलब निकालने वाले,
खुद को बहुत समझदार समझते हैं ,
ये शहर में रहने वाले।
^
काश उससे चाहने का अरमान ना होता।
मै होश में रहते हुए अनजान ना होता।
ना प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको।
या फिर कोई पत्थर दिल कोई इंसान ना होता।
-
ये दुनिया वाले बड़े मतलबी है
जानते है सब अपने स्वार्थ के लिए पास आते है
मगर बावजूद इसके सभी को अपना अपना कहते है।
*
हाँ बहुत मतलबी हूँ मैं भी इश्क़ में,
चाहता हूँ मैं वो जो नहीं है मिरा।
-
अब कटेगी ज़िंदगी सुकून से कुछ दिन तक।
अब हम भी कुछ दिन के लिए मतलबी हो गए हैं।
^
मतलबी दुनिया के कई नज़ारे है
इसमें सब मतलबी है पर मतलब के लिए
सभी अपने और हमारे है
अपने स्वार्थ के ये सभी मारे है
बस मतलब का प्रेम देखो ये कितने बेचारे है।
-
इस दौर ए जमाने ने मौज और
मतलब को दे दिया प्यार का नाम,
दफन हो कर रह गयी
किताबो मे सच्चे प्यार कि दास्तान।
=> 07 - मतलबी लोग कविता
तेरी दोस्ती ने बहुत कुछ सिखा दिया,
मेरी खामोश दुनिया को जैसे हँसा दिया,
कर्जदार है खुदा के जिसने आप,
जैसा दोस्त से मिला दिया,
-
तेरी दोस्ती ने बहुत कुछ सिखा दिया,
मेरी खामोश दुनिया को जैसे हँसा दिया,
कर्जदार है खुदा के जिसने आप,
जैसा दोस्त से मिला दिया,
*
आशना होकर भी अजनबी से लगे,
इस दफ़ा तुम भी मतलबी से लगे।
-
झूठी दुनिया के झूठी फसाने हैं,
लोग भी झूठे और झूठे जमाने हैं,
धोखे मिलते हैं हर कदम पर यहाँ,
हर तड़फ भीड़ हैं लेकिन अफसोस सब बेगाने हैं,
^
प्यार से अपना कह कर मतलब के लिए आती है
अपनों के लिबाज़ में ये दुनिया जख्म दे जाती है।
-
मदद करने से मैं घबराने लगा हूँ,
समझते हैं लोग मैं मतलबियों का सगा हूँ।
*
मुझको छोड़ने की वजह तो बता दे,
मुझ से नाराज थे या मुझ जैसे हजार थे,
-
मतलबी है दुनिया फिर भी ये दिल मानता नहीं
अपनों की साजिशो को ये बिल्कुल भी पहचानता नहीं
सब मतलबी है यहां लगता है इतना वो जानता नहीं
अगर पता होता तो शायद वो किसी को अपना मानता नहीं
^
कैसे कह दूँ इश्क मतलबी है उसका,
उसे मुझसे कोई फायदा भी तो नहीं है।
-
मुझको क्या हक मैं किसी को मतलबी कहूँ,
मैं खुद ही खुदा को मुसीबत में याद करता हूँ,
=> 08 - दोगले लोग शायरी
इस दुनिया से कहीं दूर चले जाने को जी चाहता है
मतलबी दुनिया में ना रह कर मर जाने को जी चाहता है
-
देखो सब को अपनी तलब लगी है,
भीड़ बहुत है लेकिन सब मतलबी है।
*
बाते बिश्रृस और भरोसा की बेमानी सी लगती हैं,
झूठी दुनिया में वफादारी अनजानी से लगती हैं,
झूठे लोगों से भरी परी है कहाँनिया यहा किताबों में,
प्यार से बोल दे कोई तो मेहर बानी सी लगती हैं,
-
उन मतलबी लोगो की तरहा ना बन
जिनको अपने लिए सबको अपना अपना कहना पड़ता है।
^
ऐसी मतलबी दोस्ती की जरूरत नहीं,
जो वक़्त और माहौल के साथ बदलती हो।
-
मैं भी झूठा तू भी झूठा झूठी है दुनिया सारी,
झूठे है लोग सभी झूठे है नर नारी,
झूठ ही सब का दाता सबका झूठ ही पालन हार हैं,
ऐसा कलयुग आया देखो झूठ हुआ सच पर भारी है,
*
उम्र गुजरती गयी तेज रफ्तार की दर से
मतलबी लोगों की पहचान हुई
एक साहूकार की नज़र से
जो स्वार्थ के लिए सबको अपना मानते थे
पर मतलबी थे बस धोखा देना जानते थे।
-
मेरी दुनिया का हर शख्स मतलबी निकला,
घर एक आईना था बस वही वफादार निकला।
^
मेरी दुनिया का हर शख्स मतलबी निकला,
घर एक आईना था बस वही वफादार निकला।
-
हम विश्वास को इंसानियत मनाते थे
पर वो मतलबी लोग
तो सिर्फ अपने मतलब को ही जानते थे।
=> 09 - झूठे लोग शायरी
दिल-ए-मासुम ऐतबार कर लेता है थोडा प्यार पा कर,
तोड देती है दिल मेरा दुनिया मतलब निकाल कर।
-
कोई कहता हैं दुनिया प्यार से चलती है,
कोई-कहता हैं दुनिया दोस्ती से चलती है,
लेकिन जब अजमाया तो पता,
दुनिया तो बस मतलब से चलती है,
*
विश्वास का गला घोट आज…….
में भी मतलबी बनके जी रहा हु
इस तुच्छ से स्वार्थ के लिए
मतलबी लोगो को अपना अपना कह रहा हूँ।
-
दिलों में मतलब और जुबान से प्यार करते हैं,
बहुत से लोग दुनिया में यही कारोबार करते हैं।
^
कुछ यूँ हुआ कि जब भी जरुरत पड़ी,
हर शख्स इतेफाक से मजबूर हो गया,
-
जिनको हमने इस दिल में बसा रखा था
उनका नाम तो मतलबी लोगो में आ रखा था।
*
इश्क़ बेमतलब ही सही,
पर मतलबी लोगो से हुआ।
-
दुनिया को देख कर अब हम भी मिज़ाज बदले गे ,
रिश्ता सब से होगा लेकिन वास्ता किसी से नहीं,
^
भरोसे की आड़ में उन्होंने मुझे बहुत सताया है
मतलबी लोगों की तरहा शायद
मतलब के लिए उन्होने मुझे अपना बनाया है।
-
पहले तो बस सुना था,
तुमसे मिलकर जाना,
जाना..
दुनिया कितनी मतलबी है।
=> 10 - मीठे लोग शायरी
आज गुमनाम हूँ तो जरा फासला रख मुझसे,
कल फिर मसहूर हो जाऊ तो कोई रिश्ता निकाल लेना,
-
जिसे हमने अपना खुदा माना वो ही
बड़ा मतलबी और खुदगर्ज निकला।
*
उनका मतलबी होना भी पसंद है हमें,
मतलब से ही सही याद तो करते हैं हमें।
-
कैसे करू भरोसा गैरो के प्यार पर,
अपने ही मजा लेते हैं अपने कि हार पर,
^
मतलबी लोगो की मीठी बातें ओह
ये तो सिर्फ एक दिखावा है।
चाहे आप भी उन्हें आजमालो
आपको भी धोखा मिलेगा ये मेरा दावा है।
-
मतलबी दुनिया का किस्सा बड़ा पुराना हैं,
यह हर शख्स खूबसूरत चीजों के पीछे दीवाना है।
*
जब रिश्ता नया होता हैं तो,
लोग बात करने का बहाना ढुढते हैं,
और जब उही रिश्ता पुराना हो जाता हैं,
तो लोग दुर होने का बहाना ढुढते हैं,
-
कुछ की फितरत मगर कुछ की मज़बूरी होती है
जिंदगी में धोखे की लत इतनी जरुरी होती है
माना आप सिर्फ अपने मतलब को जानते हो
मगर उस मतलब के लिए हमे क्यों अपना मानते हो।
^
सब मतलब की यारी है,
यही दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी है।
-
करीब रहो तो इतना कि रिश्तो में प्यार रहे,
दुर भी रहो इतना कि आने का इंतजार रहे,
रखो उम्मीद रिश्तो कि दरमिया इतनी,
कि टूट जाए उम्मीद पर रिश्ते बरक़रार रहे,
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