न्यू शायरी हिन्दी मे | 499+ BEST New Shayari in Hindi
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=> 01 - टॉप New Shayari in Hindi With Images
वो आज करते है नजर अंदाज तो बुरा क्या मानू, !
टूट कर पागलो की तरह मोहब्बत भी तो सिर्फ मैंने की थी !!
दिल मे आरज़ू के दिये जलते रहेगे।
आँखों से मोती निकलते रहेगे।
तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो।
हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे।
*
दिन हुआ है, तो रात भी होगी,
मत हो उदास, उससे कभी बात भी होगी।
वो प्यार है ही इतना प्यारा,
ज़िंदगी रही तो मुलाकात भी होगी।
परवाह करनेवाले अक्सर रुला जाते है !
अपना कहकर पराया कर जाते है !
वफ़ा जितनी भी करो कोई फर्क नहीं !
मुझे मत छोड़ना कहकर खुद छोड़ जाते है !!
वो आये थे मेरी कबर पर अपने हमसफर के साथ
कौन कहता है के मरने के बाद कोई याद नहीं करता
खुदा करे वो मोहब्बत जो तेरे नाम से है,
हजार साल गुजरने पे भी जवान ही रहे।
*
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है!
कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है!
सामने बैठे रहो दिल को करार आएगा,
जितना देखेंगे तुम्हें उतना ही प्यार आएगा।
प्यार मैं तुझसे करती हूँ,
और अपनी जिंदगी से ज्यादा करती हूँ।
तन्हाई में मुश्कुराना भी इश्क है,
और इस बात को छुपाना भी इश्क है।
=> 02 - New Shayari in Hindi Attitude
बहुत खूबसूरत वो रातें होती हैं,
जब तुमसे दिल की बातें होतीं हैं।
ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझको ,
ये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं …
*
वहम से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते
कसूर हर बार गल्तियों का नही होता
तुझसे रिश्ता मेरा , कुछ ज़िन्दगी में , ऐसा है ,
जैसे छू के हवा , साँसों को , बहक जाती है !
वो शायर होते हैं जो शायरी लिखते हैं
हम तो बदनाम से लोग हैं सिर्फ दर्द लिखते हैं
तुझसे रिश्ता मेरा , कुछ ज़िन्दगी में , ऐसा है ,
जैसे छू के हवा , साँसों को , बहक जाती है !
*
बदल जाओ वक्त के साथ
या फिर वक्त बदलना सीखो
मजबूरियों को मत कोसो
हर हाल में चलना सीखो
सुना है आज समंदर को बड़ा गुमान आया है,
उधर ही ले चलो कश्ती जहां तूफान आया है।
अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ,
आ तुझे मैं गुन गुनाना चाहता हूँ।
-
इतनी चाहत के बाद भी तुझे एहसास ना हुआ,
जरा देख तो ले दिल की जगह पत्थर तो नहीं।
=> 03 - New Shayari in Hindi Love
वो कहीं आस-पास है मौजूद,
हू-ब-हू ये हँसी उसी की है।
-
ये मत पूछ के एहसास की शिद्दत क्या थी,
धूप ऐसी थी के साए को भी जलते देखा।
*
मुझ में ख़ुशबू बसी उसी की है,
जैसे ये ज़िंदगी उसी की है।
-
वही मुझको अकेला कर गयी,
जो कभी दुआओ में मांगती थी
किसी ने आज ये कहके दिल तोड़ दिया
की लोग तेरे नहीं तेरे शायरी के दीवाने है
-
दम तोड़ जाती है हर शिकायत, लबों पे आकर,
जब मासूमियत से वो कहती है, मैंने क्या किया है?
*
क्या बयान करें तेरी मासूमियत को शायरी में हम,
तू लाख गुनाह कर ले सजा तुझको नहीं मिलनी।
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कोई हार गया कोई जीत गया,
ये साल भी आखिर बीत गया
क्या गिला करें तेरी मजबूरियों का हम,
तू भी इंसान है कोई खुदा तो नहीं,
मेरा वक़्त जो होता मेरे मुनासिब,
मजबूरिओं को बेच कर तेरा दिल खरीद लेता।
-
धडकनों को कुछ तो काबू में कर ऐ दिल
अभी तो पलके झुकाई है मुश्कुराना बाकि है
=> 04 - New Shayari in Hindi Dosti
इन बारिशों से दोस्ती अच्छी नहीं फराज,
कच्चा तेरा मकाँ है कुछ तो ख्याल कर।
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हवा खिलाफ थी लेकिन चिराग भी खूब जला,
खुदा भी अपने होने का क्या क्या सबूत देता है।
*
इश्क भी भला कोई करने की चीज है
हिम्मत कीजिये और हिंदी शायरी कीजिये
-
वही रखेगा मेरे घर को बलाओं से महफूज,
जो शजर से घोसला गिरने नहीं देता।
जमाने भर की रुसवाईयाँ और बेचैन रातें,
ऐ दिल कुछ तो बता ये माजरा क्या है।
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तेरी चाहत में रुसवा यूँ सरे बाज़ार हो गये,
हमने ही दिल खोया और हम ही गुनहगार हो गये।
*
कभी टूटा नहीं दिल से तेरी याद का रिश्ता,
गुफ्तगू हो न हो ख्याल तेरा ही रहता है।
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लगने दो महफिल आज हिंदी शायरी की जबान करते हैं
तुम गालिब की कीताब उठाओ हुम्हाल दिल बया करते हैं
कुछ दर्द कुछ नमी कुछ बातें जुदाई की,
गुजर गया ख्यालों से तेरी याद का मौसम।
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कोशिश कर रहा हुँ उसके बगैर जीने की
अगर जी गया तो इतिहास बन जाएगा और मर गया तो लाश
=> 05 - न्यू वाली शायरी
एक तुम भी ना कितनी जल्दी सो जाते हो…
लगता है इश्क को तुम्हारा पता देना पड़ेगा.!!
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अजीब मिठास है मुझ गरीब के खून में भी,
जिसे भी मौका मिलता है वो पीता जरुर है।
*
सुला दिया माँ ने भूखे बच्चे को ये कहकर,
परियां आएंगी सपनों में रोटियां लेकर।
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हमें हिंदी शायरी का शौक कहाँ
हम तो लिखते हैं फकत अन्दाज तेरे
फलसफा समझो न असरारे सियासत समझो,
जिन्दगी सिर्फ हकीक़त है हकीक़त समझो,
जाने किस दिन हो हवायें भी नीलाम यहाँ,
आज तो साँस भी लेते हो ग़नीमत समझो।
-
इस शहर के अंदाज़ भी अजीब से हैं,
गूँगों से कहा जाता है बहरों को पुकारो.
*
धागा ही समझ, तू अपनी “मन्नत” का मुझे
तेरी दुआओ के मुकम्मल होने का दस्तूर हूँ मैं
-
ना शाखों ने पनाह दी,ना हवाओ ने बक्शा,
वो पत्ता आवारा ना बनता तो क्या करता।
सरे बाज़ार निकलूं तो आवारगी की तोहमत,
तन्हाई में बैठूं तो इल्जाम-ए-मोहब्बत।
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सोया हुआ है मुझमें कोई शख्स आज रात
लगता है अपने जिस्म से बाहर खड़ा हूँ मैं.
=> 06 - न्यू शायरी इमेज
फूल इसलिये अच्छे कि खुश्बू का पैगाम देते हैं,
कांटे इसलिये अच्छे कि दामन थाम लेते हैं,
दोस्त इसलिये अच्छे कि वो मुझ पर जान देते हैं,
और दुश्मनों को मैं कैसे खराब कह दूं…
वो ही तो हैं जो महफिल में मेरा नाम लेते हैं।
-
दिल तुम पे फ़िदा हुआ
कम्बख्त शौक से तबाह हुआ
*
दिन की रोशनी ख्वाबों को सजाने में गुजर गई,
रात की नींद बच्चे को सुलाने मे गुजर गई,
जिस घर मे मेरे नाम की तखती भी नहीं,
सारी उमर उस घर को बनाने में गुजर गई।
-
मेरी गलतियों को इग्नोर कर दिया करें
उखाड़ तो वैसे आप मेरा कुछ नहीं सकते
^
अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।
-
जो तीर भी आता वो खाली नहीं जाता,
मायूस मेरे दिल से सवाली नहीं जाता,
काँटे ही किया करते हैं फूलों की हिफाज़त,
फूलों को बचाने कोई माली नहीं जाता।
*
समझने ही नहीं देती सियासत हम को सच्चाई,
कभी चेहरा नहीं मिलता कभी दर्पन नहीं मिलता।
-
इस कहानी के वो किरदार कहाँ से लाऊं,
वो ही दरिया है वो ही कच्चे घड़े रखे हैं।
^
दिल की दहलीज पर यादों के दिए रखें हैं,
आज तक हम ने ये दरवाजे खुले रखे हैं।
-
सब कुछ तुम्हारे लिए माँगा है
इक तुम्हे मांगने बाद जाना
=> 07 - आज की नई शायरी
सारी गलती हम अपनी किस्मत की कैसे निकल दें,
कुछ साथ हमारा तेरी अमीरी ने भी तोडा है।
-
कहीं बेहतर है तेरी अमीरी से मुफलिसी मेरी,
चंद सिक्कों की खातिर तूने क्या नहीं खोया है,
माना नहीं है मखमल का बिछौना मेरे पास,
पर तू ये बता कितनी रातें चैन से सोया है।
*
तेरे इश्क में दीवानी हूँ
तू है समां मैं तेरी परवानी हूँ
-
माँ के नाम शायरी
वो अक्सर मेरे चेहरे को चूम लेती है
जिनके मैं पैर छूने के भी काबिल नहीं
^
मेरी खामोशी बहुत कुछ कहती हे
कान लगाकर नहीं दिल लगाकर सुनो
-
जिस्म छूने से मोहब्बत नहीं होती
इश्क़ वो जज़्बा है जिसे ईमान कहते हैं
*
हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है वहाँ,
दिनों की बात है महफ़िल की आबरू हम थे,
ख़याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर,
जो होश आया तो देखा लहू लहू हम थे।
-
तुम्हारे लिए किताब का कोई हिस्सा है मोहब्बत
हमारे लिए ईमान का हिस्सा है मोहब्बत
^
खुद पुकारेगी मंज़िल तो ठहर जाऊँगा
वरना खुद्दार मुसाफिर हूँ गुजर जाऊँगा
-
जरुरी तो नहीं जीने के लिए सहारा हो,
जरुरी तो नहीं हम जिनके हैं वो हमारा हो,
कुछ कश्तियाँ डूब भी जाया करती हैं,
जरुरी तो नहीं हर कश्ती का किनारा हो।
=> 08 - नई शायरी इन हिंदी Attitude
हाँ अब ख़ामोशी हे ख़ामोशी होगी
हमेशा हमेशा के लिए
-
वक़्त नूर को बेनूर कर देता है,
छोटे से जख्म को नासूर कर देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना,
पर वक़्त सबको मजबूर कर देता है।
*
उजालों की परियाँ नहाने लगीं,
नदी गुनगुनाई ख़यालात की।
-
न जी भर के देखा न कुछ बात की,
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की।
^
कई साल से कुछ ख़बर ही नहीं,
कहाँ दिन गुज़ारा कहाँ रात की।
-
शेरो शायरी कोई खेल नहीं जनाब
जल जाती है जवनियाँ लफ्जो की आग में
*
हम समंदर है हमें खामोश रहने दो
जरा मचल गए तो शहर ले डूबेंगे
-
खामोशियाँ ही बेहतर हैं
लफ़्ज़ों से लोग रूठ जाते हैं
^
खामोशियाँ ही बेहतर हैं
लफ़्ज़ों से लोग रूठ जाते हैं
-
एक चेहरा जो मेरे ख्वाब सजा देता है,
मुझ को मेरे ही ख्यालों में सदा देता है।
=> 09 - न्यू शायरी दोस्ती
मैं खिल नहीं सका कि मुझे नम नहीं मिला,
साक़ी मिरे मिज़ाज का मौसम नहीं मिला।
-
मुझ में बसी हुई थी किसी और की महक,
दिल बुझ गया कि रात वो बरहम नहीं मिला।
*
तेरी बात को खामोशी से मान लेना
ये भी अंदाज़ है मेरी नाराज़गी का
-
नज़र में ज़ख़्म-ए-तबस्सुम छुपा छुपा के मिला,
खफा तो था वो मगर मुझ से मुस्कुरा के मिला।
^
वो हमसफ़र कि मेरे तंज़ पे हंसा था बहुत,
सितम ज़रीफ़ मुझे आइना दिखा के मिला।
-
लोग दीवाने हैं बनावट के
हम सादगी लेकर कहाँ जाएँ
*
जिन के आंगन में अमीरी का शजर लगता है,
उन का हर एब भी जमानें को हुनर लगता है।
-
धुंध धुंध सा छाने लगा
जब वो मेरे पास से जाने लगा
^
बैठे थे अपनी मौज में अचानक रो पड़े
यू आकर तेरे ख्याल ने अच्छा नहीं किया
-
बिछड़ने की इतनी जल्दी थी उसे
खुद को आधा छोड़ गया मुझमे
=> 10 - New Shayari in Hindi 2 Line
कागजों पे लिख कर जाया कर दूं,
मैं वो शख्स नहीं।
वो शायर हूं, जिसे दिलों पे
लिखने का हुनर आता है।
-
तेरी मोहब्बत से भर रखी है, मैंने
अपने दिल की तिजोरी।
कोई कोहिनूर भी ला के दे तो भी,
मैं सौदा ना करूं।
*
हटाओ हाथ आंखों से,
ये तुम हो जानता हूं, मैं।
तुम्हें खुशबू नहीं,
आहट से भी पहचानता हूं, मैं।
-
बहुत भीड़ है, इस मोहब्बत के शहर में।
एक बार जो बिछड़ा, वो दोबारा नहीं मिलता।
^
लोग अपनी दुनिया बनाते हैं।
लेकिन हमें तो हमारी,
दुनिया ने ही उजाड़ दिया।
-
जमीर बेचकर अमीर बन जाना।
इससे अच्छा है, फकीर बन जाना।
*
आखरी बार बात हो जाती तो
अच्छा होता।
मन में जो सवाल थे?
उनके जवाब मिल जाते।
-
आंसू तब नहीं आते…
जब आप किसी को खो देते हैं।
आंसू तब आते हैं, जब खुद को
खोकर भी किसी को पा नहीं सकते।
^
एक हम हैं, जो
समझे नहीं खुद को अब तक।
और एक दुनिया है, जो
पता नहीं हमें क्या-क्या समझती है।
-
मुझे समझना है, तो
बस अपना समझ लेना।
क्योंकि हम अपनों का साथ,
खुद से भी ज्यादा निभाते हैं।
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