ज़िंदगी अलोन शायरी हिन्दी मे | 101+ BEST Zindagi Alone Shayari in Hindi
Zindagi Alone Shayari in Hindi - Read Best Alone Life Shayari 2 Lines in Hindi, खुशनुमा जिंदगी शायरी, दर्द जिंदगी शायरी, शुक्रिया जिंदगी शायरी, अकेली जिंदगी शायरी, परेशान जिंदगी शायरी, खूबसूरत जिंदगी शायरी, जिंदगी की परीक्षा शायरी, 4 दिन की जिंदगी शायरी And Share On Your Social Media Like Facebook, WhatsApp And Instagram.
=> 01 - टॉप Zindagi Alone Shayari in Hindi With Images
आँखें फूटें जो झपकती भी हों,
शब-ए-तन्हाई में कैसा सोना..!!
मैं भी तनहा हूँ और तुम भी तन्हा,
वक़्त कुछ साथ गुजारा जाए..!!
*
दिल गया तो कोई आँखें भी ले जाता,
फ़क़त एक ही तस्वीर कहाँ तक देखूँ..!!
चला जाऊंगा जैसे खुद को तनहा छोड़ कर,
मैं अपने आपको रातों में उठकर देख लेता हूँ..!!
हर शख्स मुझे ज़िन्दगी जीने का तरीका बताता है,
उन्हें कैसे समझाऊँ की एक खुवाब अधुरा है मेरा,
वरना जीना तो मुझे भी आता है..!!
तेरे बिना ज़िंदगी अधूरी है यारा,
तुम मिल जाओ तो ज़िंदगी पूरी है यारा,
तेरे साथ ज़िंदगी की सारी खुशिया,
दुसरो के साथ हसना तो मज़बूरी है यारा..!!
*
एक पल का एहसास बनकर आते हो तुम,
दूसरे ही पल खुवाब बनकर उड़ जाते हो तुम,
जानते हो की लगता है डर तन्हाइयों से,
फिर भी बार बार तनहा छोड़ जाते हो तुम..!!
कैसे गुजरती है मेरी हर एक शाम तुम्हारे बगैर,
अगर तुम देख लेते तो कभी तन्हा न छोड़ते मुझे..!!
उसकी आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियों की आदत सी हो गयी है,
न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,
बस एक मोहब्बत है जो इन तन्हाइयों से हो गई है..!!
हज़ारो बातें मिल कर एक राज़ बनता है,
सात सुरों के मिलने से साज़ बनता है,
आशिक़ के मरने पर कफ़न भी नहीं मिलता,
और हसीनाओ के मरने पर ताज़ बनता है..!!
=> 02 - Alone Life Shayari 2 Lines in Hindi
मैं हूँ दिल है तन्हाई है,
तुम भी जो होते तो अच्छा होता..!!
आज की रात जो मेरी तरह तन्हा है,
मैं किसी तरह गुजारूँगा चला जाऊंगा,
तुम परेशाँ न हो बाब-ए-करम-वा न करो,
और कुछ देर पुकारूंगा चला जाऊंगा..!!
*
बिछड़ के भी वो रोज मिलता है मुझे ख्वाबों में,
अगर ये नींद न होती तो कब के मर गए होते..!!
जब जब याद करोगी अपनी तन्हाईयो को,
एक जलता चराग सा नज़र आऊगा मैं,
राह से रहगुज़र बन के भी गुजर जाओगी,
एक मिल का पत्थर सा खड़ा नज़र आऊगा मैं.
अभी ज़िंदा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ अकेले में,
कि अब तक किस तमन्ना के सहारे जी लिया मैंने..!!
बहुत सोचा बहुत समझा बहुत ही देर तक परखा,
कि तन्हा हो के जी लेना मोहब्बत से तो बेहतर है..!!
*
तुम जब आओगे तो खोया हुआ पाओगे मुझे,
मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं,
मेरे कमरे को सजाने कि तमन्ना है तुम्हें,
मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं..!!
मेरी लिखी किताब मेरे हाथो में देकर कहने लगे,
इसे पढा करो मोहब्बत करना सिख जाओगे..!!
मोहब्बत मुकद्दर है कोई ख़्वाब नही,
ये वो अदा है जिसमें हर कोई कामयाब नही,
जिन्हें मिलती मंज़िल उंगलियों पे वो खुश है,
मगर जो पागल हुए उनका कोई हिसाब नही..!!
-
मेरी पलकों का अब नींद से कोई ताल्लुक नही रहा,
मेरा कौन है ये सोचने में रात गुज़र जाती है..!!
=> 03 - खुशनुमा जिंदगी शायरी
यूँ तो हर रंग का मौसम मुझसे वाकिफ है मगर,
रात की तन्हाई मुझे कुछ अलग ही जानती है..!!
-
वो हर बार मुझे छोड़ के चले जाते हैं तन्हा,
मैं मज़बूत बहुत हूँ लेकिन कोई पत्थर तो नहीं हूँ..!!
*
जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फ़ासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था..!!
-
तेरा बार बार रूठना मुझे अच्छा लगता है,
पर क्या तुझे भी मेरा मनाना अच्छा लगता है..!!
अजीब सी बेताबी रहती है तेरे बिना,
रह भी लेते हैं और रहा भी नहीं जाता..!!
-
आँखों ने ज़र्रे ज़र्रे पर सजदे लुटाये हैं,
न जाने जा छुपा है मेरा पर्दा-नसीन कहाँ..!!
*
जिंदगी के ज़हर को यूँ हँस के पी रहे हैं,
तेरे प्यार बिना यूँ ही ज़िन्दगी जी रहे हैं,
अकेलेपन से तो अब डर नहीं लगता हमें,
तेरे जाने के बाद यूँ ही तन्हा जी रहे हैं..!!
-
वो सिलसिले वो शौक वो ग़ुरबत न रही,
फिर यूँ हुआ के दर्द में सिद्दत न रही,
अपनी जिंदगी में हो गये मशरूफ वो इतना,
कि हमको याद करने कि फुरसत न रही..!!
तुम जब आओगे तो खोया हुआ पाओगे मुझे,
मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं,
मेरे कमरे को सजाने कि तमन्ना है तुम्हें,
मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं..!!
-
मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है,
मैं पत्थर हूँ मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है..!!
=> 04 - दर्द जिंदगी शायरी
मेरी लिखी किताब मेरे हाथो में देकर कहने लगे,
इसे पढा करो मोहब्बत करना सिख जाओगे..!!
-
एक तेरे ना होने से बदल जाता है सब कुछ,
कल धूप भी दीवार पे पूरी नहीं उतरी..!!
*
एक तुम्हीं थे जिसके दम पे चलती थी साँसें मेरी,
लौट आओ कि ज़िंदगी से वफ़ा निभाई नहीं जाती..!!
-
मोहब्बत मुकद्दर है कोई ख़्वाब नही,
ये वो अदा है जिसमें हर कोई कामयाब नही,
जिन्हें मिलती मंज़िल उंगलियों पे वो खुश है,
मगर जो पागल हुए उनका कोई हिसाब नही..!!
मेरी पलकों का अब नींद से कोई ताल्लुक नही रहा,
मेरा कौन है ये सोचने में रात गुज़र जाती है..!!
-
जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फ़ासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था..!!
*
यूँ तो हर रंग का मौसम मुझसे वाकिफ है मगर,
रात की तन्हाई मुझे कुछ अलग ही जानती है..!!
-
वो जोश-ए-तन्हाई, वो हर तरफ बेकसी का आलम,
कटी है आँखों में रात सारी, तड़प तड़प कर सहर हुयी..!!
फिर वही मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी,
ऐसा तो कम ही होता है वो भी हो तन्हाई भी..!!
-
दिन में हमें तितलियां सताती हैं,
और शम इस दिल को तन्हा कर जाती है..!!
=> 05 - शुक्रिया जिंदगी शायरी
अगर ज़िन्दगी का जंग जीतना है,
तो अकेले चलना सीखना होगा..!!
-
जिंदगी ख्वाहिशों का एक मेला है,
कहीं पर हार तो कहीं पर जीत का ये खेला है,
जो भी मिले उससे तुम मुस्कुरा कर मिला करो,
इस भीड़ में हर कोई ही अकेला है..!!
*
वो इंसान दुनिया जीतने की हिम्मत रखता है,
जो इंसान अकेले चलने की हिम्मत रखता है..!!
-
साथ में जिसके एक दिन दुनिया चलता है,
वह शक्श अकसर शुरू में तन्हा चलता है..!!
तेरे बगैर इस मौसम में वो मजा कहाँ,
काँटों की तरह चुभती है बारिश की बूँदें..!!
-
यूँ भी हुआ रात को जब सब सो गए,
तन्हाई और मैं तेरी बातों में खो गए..!!
*
शायद इसी को कहते हैं मजबूरी-ए-हयात,
रुक सी गयी है उम्र-ए-गुरेजां तेरे बगैर..!!
-
तेरा पहलू तेरे दिल की तरह आबाद रहे,
तुझपे गुजरे न क़यामत शब-ए-तन्हाई की..!!
चलते-चलते अकेले अब थक गए हम,
जो मंज़िल को जाये वो डगर चाहिए,
तन्हाई का बोझ अब और उठता नहीं,
अब हमको भी एक हमसफ़र चाहिए..!!
-
तन्हाईयाँ कुछ इस तरह से डसने लगी मुझे,
मैं आज अपने पैरों की आहट से डर गया..!!
=> 06 - अकेली जिंदगी शायरी
हर वक़्त का हँसना तुझे बर्बाद ना कर दे,
तन्हाई के लम्हों में कभी रो भी लिया कर..!!
-
कितना भी किसी के लिए हँस के जी लें हम,
रुला देती है फिर भी उनकी कमी कभी-कभी..!!
*
उसकी मोहबत पे मेरा हक़ तो नहीं लेकिन ,
दिल करता है के उम्र भर उसका इंतज़ार करू.
-
जिंदगी के ज़हर को यूँ हँस के पी रहे हैं,
तेरे प्यार बिना यूँ ही ज़िन्दगी जी रहे हैं,
अकेलेपन से तो अब डर नहीं लगता हमें,
तेरे जाने के बाद यूँ ही तन्हा जी रहे हैं।
उतना हसीन फिर कोई लम्हा नहीं मिला,
तेरे जाने के बाद कोई भी तुझ सा नहीं मिला,
सोचा करूं मैं एक दिन खुद से ही गुफ्तगुं,
लेकिन कभी में खुद को तन्हा नहीं मिला
-
मेने बंद कर दिया दिखाना की
मुझे हर्ट होता है क्यूंकि मेरी
फीलिंग्स समझने वाला कोई नहीं है।
*
जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये,
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये.
-
हमारी मुलाकात होती थी जिन राहों में
अब वो उन रास्तों का इस्तमाल नहीं करती
हम जुदा हो कर जिन्हे अफ़सोस नहीं करती
वो खोकर हमें एक पल मलाल नहीं करती।
^
खुश तो वो रहते हैं जो जिस्मो से खेलते हैं
रूह से मोहब्बत करने वालो को अक्सर
तड़पते देखा है
-
तन्हा रहना तो सीख लिया
पर खुश ना कभी रह पायेगे
तेरी दूरी तो सह लेता दिल मेरा,
पर तेरे प्यार के बिन ना जी पायेंगे।
=> 07 - परेशान जिंदगी शायरी
न जाने क्यों खुद को अकेला सा पाया है,
हर एक रिश्ते में खुद को गवाया है,
शायद कोई तो कमी है मेरे वजूद में,
तभी हर किसी ने हमे यूँ ही ठुकराया है।
-
क्या लिखू अपनी ज़िन्दगी के बारे मैं
वो लोग भी बिचार गए जो ज़िन्दगी
हुआ करते थे।
*
अब मोहब्बत नही रही इस जमाने में,
क्योंकि लोग अब मोहब्बत नही मज़ाक
किया करते है इस जमाने में.
-
अब मोहब्बत नही रही इस जमाने में,
क्योंकि लोग अब मोहब्बत नही मज़ाक
किया करते है इस जमाने में.
^
कुछ कह गए,कुछ सह गए,
कुछ कहते-कहते रह गए,
मै सही और तुम गलत के खेल में,
न जाने कितने रिश्ते ढह गए।
-
हर चीज़ की कीमत वक़्त आने पर ही पता
चलती है मुफ्त में मिलता हुआ ऑक्सीजन
अस्पताल में बहुत महंगा बिकता है।
*
कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई भी मुझसे,
मुझसे कर लो मोहब्बत मैं तो बेवफा भी नहीं।
-
कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई भी
मुझसे, मुझसे कर लो मोहब्बत मैं तो
बेवफा भी नहीं।
^
वहां से बिगड़ी है ज़िंदगी मेरी
जहाँ से साथ तुमने छोड़ा था
-
अकेलापन सा लगता है हर उस रस्ते
पर जिन पर तेरे साथ कभी चला था।
=> 08 - खूबसूरत जिंदगी शायरी
जो फ़ुरसत मिली तो मुड़कर देख लेता
मुझे एक दफा तेरे प्यार में पागल होने
की चाहत मुझे आज भी हे.
-
उनका बादा भी अजीब था – बोले
जिन्दगी भर साथ निभाएंगे पर पागल
हम थे – ये पूछना भूल ही गए के
मोहबत के साथ या यादो के साथ.
*
दर्द मेरे दिल का किसने देखा है,
मुझे सिर्फ खुदा ने तड़पते देखा है,
हम तन्हाई में बैठकर रोते हैं,महफ़िल
में लोगों ने हमें हस्ते देखा है।
-
ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है
दोस्तों, जिसको कोई मिल गया वो
और तन्हा हो गया।
^
जानता पहले से था मैं,
लेकिन एहसास अब हो रहा है,
अकेला तो बहुत समय से हूं मैं,
पर महसूस अब हो रहा है।
-
ना आंसुओ से छलकते है
ना कागज़ पर उतारते हैं
दर्द कुछ होते हैं ऐसे जो
बस भीतर ही भीतर पालते है।
*
कुछ हार गई तक़दीर कुछ टूट
गए सपने कुछ किया बर्बाद गैरों
ने कुछ भूल गए अपने।
-
एक तुम्हीं थे जिसके दम पे चलती थी
साँसें मेरी, लौट आओ कि ज़िंदगी से
वफ़ा निभाई नहीं जाती।
^
अगर बेवफा होता तो भीड़ होती,
वफादार हूं इसलिए अकेला हूं।
-
दो कदम तो सब चल लेते हैं ज़िन्दगी भर
का साथ कोई नहीं निभाता अगर रो कर
भुलाई जाती यादें तो है कर कोई गम ना
छुपता।
=> 09 - जिंदगी की परीक्षा शायरी
बहुत शौक था दुसरो को खुश रखने
का, होश तो तब आया, जब खुद को
अकेला पाया।
-
कई बार ये सोचकर दिल मेरा रो देता है
की मुझे ऐसा क्या पाना था जो मेने खुद
को भी खो दिया।
*
कोई कभी अकेला हो नहीं सकता,
जब वो अकेला होता है,तो अकेलापन
उसके साथ होता है।
-
अकेला हूँ पर मुस्कुराता बहुत हूँ,
ख़ुद का साथ बड़ी शिद्दत से दे रहा हूँ।
^
आज कुछ अजनबी सा अपना वजूद
लगता है, साथ हैं सब मगर दिल क्यों
अकेला सा लगता है।
-
या तो झूठे लोगों से दूर रहो
या फिर खुद झूठे बन जाओ,तभी
इस दुनिया में खुश रह पाओगे।
*
तेरे दिल की दुनिया को रौशन कर जाऊंगा
अकेला ही आया था, अकेला ही मैं जाऊंगा।
-
जाने क्यों अकेले रहने को मज़बूर हो गए,
यादों के साये भी हमसे दूर हो गए,
हो गए तन्हा, इस महफ़िल में,
कि हमारे अपने भी हमसे दूर हो गए।
^
हजारों महफिलें हैं और लाखों मेले हैं,
पर जहाँ तुम नहीं वहाँ हम अकेले हैं।
-
अकेले रहने की आदत हमें भी नहीं है
साथ हम भी किसी का चाहते है
मन लिए बताने को ये बात कोई है
नहीं हमारे पास पर हम खुद की
बात खुद से बताते है।
=> 10 - 4 दिन की जिंदगी शायरी
जिन्हे पता है अकेलापन क्या होता है
वो दुसरो के लिए हमेशा हाज़िर रहते हैं
-
हमने वक़्त से बहुत वफ़ा की लेकिन
वक़्त हमसे बेवफाई कर गया कुछ
हमारे नसीब बुरे थे कुछ लोगों हमसे
जी भर गया.
*
तू उदास मत हुआ कर इन हजारों के
बीच,आख़िर चांद भी अकेला रहता हैं
सितारों के बीच।
-
उनकी कमी खलती है हर पल
सांसे मेरी छूटती है हर पल उनकी
यादें तड़पाती है मुझे हर पल.
^
वो इंसान दुनिया जीतने की हिम्मत
रखता है,जो इंसान अकेले चलने की
हिम्मत रखता है।
-
सच कहा था किसी ने तन्हाई में जीना
सीख लो, मोहब्बत जितनी भी सच्ची
हो साथ छोड़ ही जाती है
*
लोग हमारी क़दर उस वक़्त नहीं
करते जब हम अकेले हो बल्कि,उस
वक़्त करते हैं जब वो अकेले होते हैं.
-
मुझको मेरे अकेलेपन से अब
शिकायत नहीं है मैं पत्थर हूँ मुझे
खुद से भी मुहब्बत नहीं है.
^
कैसे गुजरती है मेरी
हर एक शाम तुम्हारे बगैर,
अगर तुम देख लेते तो
कभी तन्हा न छोड़ते मुझे।
-
तुम क्या जानो हम अपने आप
में कितने अकेले है,पूछो इन
रातो से जो रोज़ कहती है के
खुदा के लिए आज तो सो जाओ.
Recommended Posts :
Thanks For Read ज़िंदगी अलोन शायरी हिन्दी मे | 101+ BEST Zindagi Alone Shayari in Hindi. Please Check New Updates On Shayari777 Blog For Get Fresh New Hindi Shayari, English Shayari, Love Shayari, Sad Shayari, Motivational Shayari, Attitude Shayari And All Type Shayari Poetry.
No comments:
Post a Comment