आँसू शायरी हिन्दी मे | 399+ BEST Aansu Shayari in Hindi
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=> 01 - टॉप Aansu Shayari in Hindi With Images
डूबी हैं मेरी उँगलियाँ मेरे ही खून में,
ये काँच के टुकड़ों पर भरोसे की सजा है।
सुना है आज समंदर को बड़ा गुमान आया है,
उधर ही ले चलो कश्ती जहां तूफान आया है।
*
कदर करलो उनकी जो तुमसे
बिना मतलब की चाहत करते है,
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम
और तकलीफ देने वाले ज्यादा होते है।
गिरना था जो आपको तो सौ मक़ाम थे,
ये क्या किया कि निगाहों से गिर गए।
वो कहती है, अचानक मैं
तुम्हे यूँ ही रुला दूँ तो !
मैं कहता हूँ , मुझे डर है
के तुम भी भीग जाओगी !!
कुछ तो बात होगी तुझमे,
जो कभी नहीं रोया उसे रुलाया है तुमने।
*
इतना रोया मेरी मौत पे
मुझे जगाने के लिए !
मे मरता ही क्यूं अगर वो
रो देता मुझे पाने के लिए !!
आया नहीं था कभी मेरी आँख से एक आँसू भी,
मोहब्बत क्या हुई आँसुओं का सैलाब आ गया।
तुमने समझा ही नहीं और ना समझना चाहा,
हम चाहते ही क्या थे तुमसे “तुम्हारे सिवा”।
अधूरी हसरतो का आज भी इल्जाम हैँ तुम पर !
अगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत खत्म नहीँ होती !!
=> 02 - Aansu Shayari 2 Lines
लफ्ज़ जब बरसते हैं बन कर बूँदें !
मौसम कोई भी हो मन भीग ही जाता है !!
पगली तेरी मोहब्बत ने
मेरा यह हाल कर दिया है !
मैँ नही रोता लोग मुझे देख के रोते है !!
*
मज़ा बरसात का चाहो
तो इन आँखों में आ बैठो,
वो बरसों में कभी बरसें
ये बरसों से बरसती हैं।
रोकने की कोशिश तो
बहुत की पलकों ने !
पर इश्क में पागल थे
आंसू खुदकुशी करते रहे !!
मत पूछोये इश्क कैसा होता है !
बस यहीं समझ लीजिए जो रूलाता है ना
उसे ही गले लगाकर रोने को जी चाहता है !!
सुहाना मौसम था हवा में नमी थी
आँसुओ की बहती नदी अभी अभी थमी थी,
मिलने की चाहत बहुत थी उनसे
पर उनके पास वक़्त और हमारे पास सांसो की कमी थी।
*
जैसे दुनिया में अकेलेपन के ताने मिलते हैं,
काश तुम भी हमें वैसे ही मिल जाते।
रोए भी तो हम किस के लिए
रोए अब हमारा कोई नहीं,
बस तू मेरा एक सहारा थी
अब हमारा सहारा कोई नहीं।
इन आंखो की दुनिया भी अजीब है
आंखो ही आंखो में प्यार कर बैठते हैं,
आंसू निकलते हैं आंखो से पर
दर्द इस मासूम दिल को दे जाते हैं।
-
कुछ अंदाज़ मोहब्बत के भी होते हैं,
जागती आँखों के भी कुछ ख्वाब होते हैं,
गम में ही आँसू निकलें जरुरी नहीं,
सैलाब मुस्कुराती आँखों में भी होते हैं।
=> 03 - दर्द आंसू शायरी
न जाने कितने आँसू बहाते हैं,
हम तेरे इश्क में हर रोज,
इतने आँसू पीकर भी
ये इश्क प्यासा क्यों है ए खुदा।
-
एक दिन करोगे याद प्यार के ज़माने को,
जब हम चले जाएँगे ना वापिस आने को,
जब महफ़िल मे चलेगा ज़िक्र हमारा तो,
तन्हाई ढूँढोगे तुम भी आँसू बहाने को।
*
जिस तरह हंस रहा हूँ मैं पी पी के गरम अश्क,
यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल जाये।
-
ज़ख़्म ऐसा दिया की कोई दवा काम नहीं आई
आग ऐसी लगाई की पानी से भी बुझ ना पायी
आज भी रोते है उनकी याद में जो छोड़ कर चले गए
और उन्हें हमारी याद तक ना आई
सोचता हूँ तो छलक उठती हैं मेरी आँखें
तेरे बारे में न सोचूँ तो अकेला हो जाऊँ।
-
मोहब्बत के सपने वो दिखाते बहुत हैं,
रातों में वो हमको जगाते बहुत हैं,
मैं आँखों में काजल लगाऊ तो कैसे,
इन आँखों को सब रुलाते बहुत हैं।
*
वो मंजर ही मोहब्बत में बड़ा दिलकश गुजरा,
किसी ने हाल ही पूछा था और आँखें भर आयी।
-
उसे पाया नहीं लेकिन उसको खोना भी नहीं है,
उसके बगैर आंसू लेकर रोना भी नहीं है,
प्यार का रुख नफ़रत में कुछ इस कदर बदला,
अब सोचते है कि उसका कभी होना भी नहीं है।
आँसू हमारे पोंछ कर वो मुस्कराते हैं,
इसी अदा से वो मेरा दिल चुराते हैं,
हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को,
इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं।
-
आँसू हमारे पोंछ कर वो मुस्कराते हैं,
इसी अदा से वो मेरा दिल चुराते हैं,
हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को,
इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं।
=> 04 - आंसू शायरी दो लाइन
कभी जो कहते थे तुम्हे कभी ना रोने देंगे,
आंसू भरी आंख लेकर तुझे कभी सोने देंगे,
आखिर वहीं हमारी आंख का आंसू बन गए,
जो कहते थे तुमको कभी खोने ना देंगे।
-
आया ही था ख्याल के आँखे छलक पड़ी,
आँसू किसी की याद के कितने करीब हैं।
*
रूठा था जिस गुरुर से वो भी तो याद कर
आँखों में तेरी आज यह आँसू फजूल हैं
-
वो नदियाँ नहीं आँसू थे मेरे,
जिस पर वो कश्ती चलाते रहे,
मंजिल मिले उन्हें ये चाहत थी मेरी,
इसलिए हम आँसू बहाते रहे।
दिल में हर राज़ दबा कर रखते हैं,
होंठों पे मुस्कुराहट सज़ा के रखते हैं,
यह दुनिया सिर्फ ख़ुशी में साथ देती है,
इसलिए हम अपने आँसुओं को छुपा कर रखते हैं।
-
जाने कितने आँसू बहाते हैं हम इश्क में हर रोज
इतने आँसू पीकर भी ये इश्क प्यासा क्यूँ है खुदा
*
हिम्मत इतनी थी समुन्दर भी पार कर सकते थे,
मजबूर इतने हुए कि दो बूँद आँसुओं ने डुबो दिया..!!
-
आयेंगे तुझसे मिलने सितारों की रोशनी मे,
ऐ पत्थर-ए-सनम एक आँसू
अपनी बेवफ़ाई पे बहा देना।
मेरी आँखों से बहने वाला ये आवारा सा आँसू,
पूछ रहा है पलकों से तेरी बेवफाई की बजह।
-
तेरे इश्क की दुनिया में हर कोई मजबूर है,
पल में हँसी पल में आँसू ये चाहत का दस्तूर है।
=> 05 - आंसू की कीमत शायरी
कोई दुःख बसा है उनकी आँखों में शायद,
या मुझे खुद ही वहम सा हुआ है शायद,
जब पूछा क्या भूल गए हो हमे तुम,
पोंछ कर आँसू अपनी आँख से उसने भी कहा शायद।
-
आँसू भी मेरी आँख के अब खुश्क हो गए,
तू ने मेरे ख़ुलूस की कीमत भी छीन ली।
*
जिस तरह हँस रहा हूँ मैं पी पी के गर्म अश्क.
यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल पड़े।
-
वो आती नही पर निसानी भेज देती हैं..
ख्वाबो में दास्तां पुरानी भेज देती हैं..
कितने मिठे है उनके यादो के मंजर..
कभी-कभी आखो में पानी भेज देती हैं..।
छलकते आंसुओं को पलकों में छुपा नहीं सकता,
मेरे कदम रोकते हैं मुझको उसके पास जा नहीं सकता,
न जाने किसकी गलती थी कोई रूठ गया था मुझसे,
आज उसे मनाने की ख्वाहिश तो है बहुत…
पर दिल मजबूर है इतना कि उसे मना नहीं सकता।
-
एक सफ़र ऐसा भी होता है दोस्तों….
जिसमें पैर नहीं दिल थक जाता है…!!
*
वो कह के चले इतनी मुलाकात बहुत है,
मैंने कहा रुक जाओ अभी रात बहुत है,
आँसू मेरे थम जाये तो फिर शौक से जाना,
ऐसे में कहाँ जाओगे बरसात बहुत है।
-
मेरी आँखों में आँसू नहीं बस कुछ नमी है,
वजह तू नहीं बस तेरी ये कमी है।
दुपट्टे से अपने वो पोंछता है आँसू मेरे,
रोने का भी अपना कुछ अलग ही मज़ा है।
-
शहर उमडा होगा उसे देखने को
पर उसे मलाल रहेगा कि हम नहीं आए.
=> 06 - रोने पर शायरी
बस ये हुआ के उसने तकल्लुफ से बात की,
और हम ने रोते रोते दुपट्टे भिगो लिए।
-
जब्त-ए-गम कोई आसान काम नहीं फराज,
आग होते है वो आँसू जो पिए जाते हैं।
*
अश्क बन कर आँखों से बहते हैं !
बहती आँखों से उनका दीदार करते हैं !
माना की ज़िंदगी मे उन्हे पा नही सकते !
फिर भी हम उनसे बहुत प्यार करते हैं !!
-
मेरी आँखों से गिरे हैं यह जो चंद
कतरे जो समझ सको तो
आँसू न समझो तो पानी
^
दिल मैं हर राज़ दबा कर रखते है,
होंटो पर मुस्कराहट सजाकर रखते है,
ये दुनिया सिर्फ़ खुशी मैं साथ देती है,
इसलिए अपने आँसुओ को छुपा कर रखते है।
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मेरे दिल में न आओ वर्ना डूब जाओगे,
गम के आँसू का समंदर है मेरे अन्दर।
*
जज़्बातों के खेल में मुहब्बत के सबूत न मांग हमसे
मैंने वो आंसू भी बहाए हैं जो मेरी आंखों में न थे |
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मोहब्बत के भी कुछ अंदाज़ होते हैं,
जागती आँखों के भी कुछ ख्वाब होते हैं;
जरुरी नहीं कि गम में ही आँसू
निकलें; मुस्कुराती आँखों में भी सैलाब होते हैं।
^
मोहब्बत के भी कुछ अंदाज़ होते हैं,
जागती आँखों के भी कुछ ख्वाब होते हैं;
जरुरी नहीं कि गम में ही आँसू
निकलें; मुस्कुराती आँखों में भी सैलाब होते हैं।
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मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है,
ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है,
देकर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में आपसे ज्यादा रोता है।
=> 07 - खून के आंसू शायरी
क्या लिखूं हकीकत-ए-दिल आरज़ू बेहोस है,
खत पर आँसू बह रहे हैं कलम खामोश है।
-
क्या दुख है समुंदर को बता भी नहीं सकता,
आँसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता।
*
आँसू को कभी ओस का क़तरा न समझना,
ऐसा तुम्हें चाहत का समुंदर न मिलेगा।
-
कौन कहता है कि आंसुओं में वज़न नहीं होता,
एक भी छलक जाए तो मन हल्का हो जाता है
^
पढ़ने वालों की कमी हो गयी है
आज इस ज़माने में,
नहीं तो गिरता हुआ
एक-एक आँसू पूरी किताब है।
-
मुझे न जाने उस पर इतना यकीन क्यों है,
उसका ख्याल भी इतना हसीन क्यों है,
सुना है प्यार का दर्द मीठा होता है,
तो आँख से निकला आँसू नमकीन क्यों है।
*
क्या कहूँ दीदा-ए-तर ये तो मेरा चेहरा है,
संग कट जाते हैं बारिश की जहाँ धार गिरे।
-
आया नहीं था कभी मेरी आँख से एक अश्क भी ……
मोहब्बत क्या हुई अश्कों का सैलाब आ गया …!!
^
दिल तो पहले होता था सीने में ,
अब तो दर्द लिए फिरते है |
-
तेरी जुबान ने कुछ कहा तो नहीं था,
फिर न जाने क्यों मेरी आँख नम हो गयी।
=> 08 - अकेले रोना शायरी
प्यार कर के कोई जताए ये ज़रूरी तो नहीं,
याद कर के कोई बताये ये ज़रूरी तो नहीं,
रोने वाले तो दिल में ही रो लेते हैं अपने,
कभी आँख में आसूं आये ये ज़रूरी तो नहीं।
-
हमें मालूम है तुमने देखी हैं बारिश की बूँदें,
मगर मेरी आँखों से ये सावन आज भी हार जाता है।
*
हमें क्या पता था मौसम ऐसे रो पड़ेगा,
हमने तो आसमान को
बस अपनी दास्तां सुनाई थी|
-
डूब जाते हैं उम्मीदों के सफ़ीने इस में,
मैं नहीं मानती आँसू ज़रा सा पानी है।
^
इत्तिफ़ाक़ समझो या मेरे दर्द की हकीक़त,
आँख जब भी नम हुई वजह तुम ही निकले।
-
नींद मे भी बहने लगते है हमारे आँख़ों से आंसू !
जब कभी तुम ख़्वाबों मे मेरा हाथ छोंड़ देते हो !!
*
यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िन्दगी,
हादसा ये भी कम नहीं कि हमें मौत न मिली।
-
मेरे आँशुओं की कीमत, तुम चुका न पाओगे,
मोहब्बत न ले सके, तो दर्द क्या खरीदोगे।
^
पलकों के बंध तोड़ के दामन पे गिर गया,
एक अश्क मेरे ज़ब्त की तौहीन कर गया।
-
पलकों से अश्क़ गिरा है तो उसे गिरने दो,
सीने में कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही होगी।
=> 09 - प्यार में आंसू शायरी
सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई,
आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई,
जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से,
मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई।
-
सदफ की क्या हकीकत है,
अगर उसमें न हो गौहर,
न क्यों कर आबरू हो
आंख की मौकूफ आंसू पर।
*
बारिशें हो ही जाती हैं शहर में फ़राज़,
कभी बादलों से तो कभी आँखों से।
-
हमारे दिल में न आओ वर्ना डूब जाओगे,
गम के आँसू का समंदर है मेरे अन्दर।
^
आगोश-ए-सितम में छुपाले कोई,
तन्हा हूँ तड़पने से बचा ले कोई,
सूखी है बड़ी देर से पलकों की जुबां,
बस आज तो जी भर के रुला दे कोई।
-
इस जहाँ में किसी से कभी प्यार मत करना,
अपने कीमती आँसू इस तरह बर्बाद मत करना,
कांटे तो फिर भी दामन थाम लेते हैं,
फूलों पर कभी तुम ऐतबार मत करना।
*
भर आई मेरी आँखे जब उसका नाम आया,
इश्क़ नाकाम सही फिर भी बहुत काम आया,
हमने मोहब्बत में ऐसी भी गुज़ारी कई रातें,
जब तक आँसू ना बहे दिल को आराम न आया।
-
देख उनको चश्म-ए-नम मैं
खुश हुआ हूँ आज यूँ
है अभी उम्मीद-ए-उल्फत
कायम अपने दरमियां।
^
बह जाती काश यादें भी आँसुओ के साथ,
तो एक दिन हम भी रो लेते तसल्ली से बैठ कर।
-
आँखों में आँसुओ के, आने के बाद उसने,
धीरे से उसको उसने, पोंछा जरुर होगा।
=> 10 - आंसू पर गजल
तेरी मुस्कराहट तेरे कहकहे किसी और के थे,
जो तेरी आँखों से था टपका वो मैं था।
-
चुपके-चुपके रात दिन
आँसू बहाना याद है,
हम को अब तक
आशिक़ी का वो ज़माना याद है
*
दीवार के सहारे, घुटनों में सिर छिपाकर,
वो ख्याल में किसी के खोया जरुर होगा।
-
आया ही था खयाल कि आँखें छलक पड़ीं,
आँसू किसी की याद के कितने करीब हैं।
^
खुद के लिए इक सज़ा मुकर्रर कर ली मैंने !
तेरी खुशियो की खातिर तुझसे दूरियां चुन ली मैंने !!
-
बहुत अंदर तक तबाही मचाता है,
वो आँसू, जो आँख से बह नहीं पाता।
*
जिसने भी की मोहब्बत, रोया जरूर होगा,
वो याद में किसी के खोया जरूर होगा।
-
वो अश्क बन के मेरी चश्म-ए-तर में रहता है,
अजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है।
^
आँखों में आंसुओ को… उभरने ना दिया,
मिट्टी के मोतियों को बिखरने ना दिया,
जिन राहों पर पड़े थे तेरे कदमो के निशान,
उन राहों से किसी को गुजरने ना दिया।
-
दो चार आँसू ही आते हैं पलकों के किनारे पे,
वर्ना आँखों का समंदर गहरा बहुत है।
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