खामोशी शायरी हिन्दी मे | 299+ BEST Khamosh Shayari in Hindi

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=> 01 - टॉप Khamosh Shayari in Hindi With Images


जाने क्या ख़ता हुई हमसे,

उनकी याद भी हमसे जलती है,

अब आँसू भी आग उगलते हैं,

ये खामोशी कुछ तो कहती है


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मुस्कुराने से किसी का किसी से प्यार नहीं होता,

आश लगाने का मतलब सिर्फ इंतजार नहीं होता,

माना खामोश था मै उस वक़्त,

पर मेरी ख़ामोशी का मतलब इंकार नहीं होता…!!!


*


वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना,

कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना।


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सूरज, चाँद और रौशनी इनमें ही बयां कर देती है

खामोशियाँ पर अधूरी सी रह जाती है

ये गजले मेरी क्यो है ये बेरुखी सी दुनिया..!!!



जब खामोशी कमजोरी बन जाती है,

तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है.


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अब तो जिद हो चुकी है मेरी की

ख़ामोशी को हमेशा के लिए खामोश कर दूँ…!!!


*


दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है,

ऐ दोस्त, कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है.


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कौन कहता है खामोशिया खामोश होती है

खामोशिया को खामोश से सुनो

कभी कभी ख़ामोशी वो कह देती है

जिनकी आपको लफ्जो में तलाश होती है…!!!



उसने कुछ इस तरह से की बेवफाई,

मेरे लबो को खामोशी ही रास आई.


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माचिस के डिबिया जैसी है जिंदगी

और ये पल सारे तीलियों जैसे जला रहे है…!!!


=> 02 - Khamosh Shayari 2 Lines


तेरी खामोशी, अगर तेरी मजबूरी है,

तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है.


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क्या लिखूं दिल की हकीकत आरजू बेहोश है

खत पर है आंसू गिरे और कलम खामोश है…!!!


*


मैंने अपनी एक ऐसी दुनिया बसाई है,

जिसमें एक तरफ खामोशी और दूसरी तरफ तन्हाई है.


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ये जो खामोश से जज्बात लिखे है ना

पढ़ना कभी ध्यान से ये चीखते कमाल है…!!!



बोलने से जब अपने रूठ जाए,

तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं।


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खामोश कोहरे से भरा झील था

मेरे साथ अक्सर बातें करता था

एक ख़ामोशी के साथ वो देखता था

और कोहरे में अक्सर को जाता था…!!!


*


मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था,

जब वो बेवफा निकला, मैं भी खामोश हो गया.


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रात गम सुम है मगर खामोश नहीं,

कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं,

ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में

हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं.



जब कोई ख्याल दिल से टकराता है,

दिल न चाह कर भी खामोश रह जाता है,

कोई सब कुछ कह कर प्यार जताता है,

कोई कुछ न कहकर भी सब बोल जाता है।


-


राज खोल देते हैं,

नाजुक से इशारे अक्सर,

कितनी ख़ामोश

मोहब्बत की जुबान होती हैं.


=> 03 - Khamosh Shayari Dp


अजीब है मेरा अकेलापन

ना खुश हूँ, ना उदास हूँ

बस अकेला हूँ और खामोश हूँ…!!!


-


चलो अब जाने भी दो,

क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,

ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,

और बयाँ हम से होगा नहीं.


*


हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता,

हर नाकामी का मतलब हार नही होता,

तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सके

सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता.


-


खामोशियाँ अक्सर कलम से बया नहीं होती,

अँधेरा दिल में हो तो रौशनी से आशना नहीं होती,

लाख जिरह कर लो अल्फाज़ो में खुद को ढूंढ़ने की,

जले हुए रिश्तो से मगर रोशन शमा नहीं होती…!!



मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं,

तूने गौर से नहीं देखा, इन आखों में कुछ और भी हैं.


-


अंधेरे में भी सितारे उग आते,

रात चाँदनी रहती है,

कहीं जलन है दिल में मेरे,

ये खामोशी कुछ तो कहती है…!!!


*


ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना,

अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना,

जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो

बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना.


-


तेरी खामोशी जला देती है इस दिल की तमन्नाओ को,

बाकी सारी बातें अच्छी हैं तेरी तश्वीर में।



जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं,

तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं.


-


मोहब्बत नहीं थी तो एक बार समझाया तो होता,

नादान दिल तेरी खामोशी को इश्क समझ बैठा।


=> 04 - जिंदगी खामोशी शायरी


हक़ीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती है,

कभी तुम गौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है।


-


साँसों को चलनी जिगर को पार करती है,

ख़ामोशी भी बड़े सलीके से वार करती है…!!!


*


गिला शिकवा ही कर डालो के कुछ वक़्त कट जाए,

लबो पे आपके यह खामोशी अच्छी नहीं लगती।


-


इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं,

चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं.



जब खामोश आँखो से बात होती है,

ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,

तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं,

पता नही कब दिन और कब रात होती है…!!!


-


भीगी आँखों से मुस्कुराने का मजा और है,

हँसते हँसते पलके भिगोने का मजा और है,

बात कह के तो कोई भी समझ लेता है,

खामोशी को कोई समझे तो मजा और है।


*


ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था,

इस शहर में मुझसा कोई आया न था,

किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत

हमने तो किसी का दिल दुखाया न था.


-


उसके बिना अब चुपचुप रहना अच्छा लगता है,

ख़ामोशी से दर्द को सहना अच्छा लगता है,

जिस हस्ती की याद में दिन भर आंसू बहते हैं,

सामने उस के कुछ न कहना अच्छा लगता है,

मिल कर उस से बिछड़ न जाऊं डरती रहती हूँ,

इसलिए बस दूर ही रहना अच्छा लगता है…!!!



लोग तो सो लेते हैं जमाने कि चाहेल पहेल में,

मुझे तो तेरी खामोशी सोने नहीं देती।


-


कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे,

हम उतना याद आयेंगे, जितना तुम मुझे भुलाओगे.


=> 05 - खामोशी शायरी 2 लाइन


मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको खूब हँसाया,

घर की जरूरतों ने मेरे चेहरे पर सिर्फ खामोशी ही लाया।


-


खामोशीयाँ यूं ही बेवजह नहीं होतीं,

कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लिया करतें हैं…!!!


*


दोस्त की ख़ामोशी को मैं समझ नहीं पाया,

चेहरे पर मुस्कान रखी और अकेले में आंसू बहाया।


-


ये तुफान यूँ ही नहीं आया है,

इससे पहले इसकी दस्तक भी आई थी,

ये मंजर जो दिख रहा है तेज आंधियों का,

इससे पहले यहाँ एक ख़ामोशी भी छाई थी…!!!



मेरी खामोशी से किसी को कोई फर्क नही पड़ता,

और शिकायत में दो लफ़्ज कह दूं तो वो चुभ जाते हैं।


-


ख़ामोश शहर की चीखती रातें,

सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें.


*


इन ख़ामोश हवाओं में थोड़ी आहट तो हो.

उस बिखरी रूह को हमसे थोड़ी चाहत तो हो…!!!


-


चलो अब जाने भी दो यार क्या करोगे दास्तान सुनकर,

खामोशी तुम समझोगे नहीं और बयां हमसे होगा नहीं।



चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,

लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह.


-


तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए,

तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए।


=> 06 - खामोशी शायरी Rekhta


जब कोई बाहर से खामोश होता है,

तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं.


-


मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है,

बड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती है,

हकीकत जिद किये बैठी है चकनाचूर करने को,

मगर हर आंख फिर सपना सुहाना ढूंढ लेती है।


*


जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ,

दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ.


-


हम ख़ामोशी से देते हैं ख़ामोशी का जवाब

कौन कहता हैं अब हम बात नहीं करते


^


अल्फ़ाज़ के कुछ तो कंकर फ़ेंको

यहाँ झील सी गहरी ख़ामोशी है


-


जब से ग़मों ने मेरी  जिंदगी में

अपनी दुनिया बसाई है

दो ही साथी बचे हैं अपने

एक ख़ामोशी और दूसरी तन्हाई है


*


अपनी खामोशी में मुझे क्यूँ तलाश रहे है हुजूर

अपनी धड़कनों से पूछो मेरा एक बसेरा वहां भी है


-


मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था

जब वो बेवफा निकला, मैं भी खामोश हो गया


^


वो अब हर एक बात का मतलब पूछता है मुझसे फ़राज़

कभी जो मेरी ख़ामोशी की तफ्सील लिखा करता था


-


ये तुफान यूँ ही नहीं आया है

इससे पहले इसकी दस्तक भी आई थी


=> 07 - खामोशी पर गजल


सब फूलों की जुदा कहानी है

खामोशी भी तेरे प्यार की निशानी है

ना कोई ज़ख्म है, फिर भी ऐसा एहसास है

कोई आज भी दिल के पास है


-


हम खुश थे तो लोगों को शक भी न हुआ

जरा सी ख़ामोशी ने हमारी सारे राज खोल दिए


*


मोहब्बत नहीं थी तो एक बार समझाया तो होता

नादान दिल तेरी खामोशी को इश्क समझ बैठा


-


शोर करते रहो तुम सुर्ख़ियों में आने का

हमारी तो खामोशियाँ भी एक अखबार है


^


खामोशीयाँ यूं ही बेवजह नहीं होतीं

कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लिया करतें हैं


-


इश्क की राहों में जिस दिल ने शोर मचा रखा था

बेवफाई की गलियों से आज वो खामोश निकला


*


तुम्हारे खुश होने के अंदाज से लगता है

कुछ टुटा है बड़ी खामोशी से तेरे अन्दर


-


चाह कर भी इश्क़-ए-इज़हार जो हम कर ना सके

हमारी ख़ामोशी पढ़ लो तुम और क़ुबूल कर लो हमें


^


जुबान न भी बोले तो मुश्किल नहीं

फिक्र तब होती है जब खामोशी भी बोलना छोड़ दें


-


मोहब्बत नही थी तो एक बार समझाया तो होता

बेचारा दिल तुम्हारी ख़ामोशी को इश्क समझ बैठा


=> 08 - खामोशी शायरी इमेज


दिल की ख़ामोशी पर मत जाओ

राख के नीचे आग दबी होती है


-


इश्क़ के चर्चे भले ही सारी दुनिया में होते होंगे

पर दिल तो ख़ामोशी से ही टूटते हैं


*


शोर तो दुनिया वालों ने मचाया है हमारे कारनामों का

हमने तो जब भी कुछ किया ख़ामोशी से ही किया है


-


बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं 

हम एक दूसरे के करीब से


^


यूँ तो एक आवाज़ दूँ और बुला लूँ तुम्हें

मगर कोशिश ये है कि खामोशी को भी आज़मा लूँ ज़रा


-


अल्फाज बेहद खुबसूरत होते है

पर खामोशी की तो बात ही अलग है


*


मुझे छूने की ख़्वाहिश कौन करता है

कि पल भर में बिखर जाऊँगा मैं भी


-


चुप रहो तो पूछता है ख़ैर है

लो ख़मोशी भी शिकायत हो गई


^


बातों को कोई न समझे

बेहतर है खामोश हो जाना


-


लोग कहते हैं समझो तो खामोशियां भी बोलती हैं

अर्से से खामोश हूँ वो बरसों से बेखबर है


=> 09 - जब बहुत कुछ होता है कहने को, तब इन्सान अक्सर ख़ामोश रहने लगता है.


ख़ामोशी बहुत कुछ कहती है

कान लगाकर नहीं, दिल लगाकर सुनो


-


तेरी ख़ामोशी, अगर तेरी मज़बूरी है

तो रहने दे इश्क़ कौन सा जरुरी है


*


तेरी खामोशी जला देती है इस दिल की तमन्नाओ को

बाकी सारी बातें अच्छी हैं तेरी तश्वीर में


-


चलो अब जाने भी दो

क्या करोगे दास्ताँ सुनकर

ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं

और बयाँ हम से होगा नहीं


^


अजीब शोर मचाने लगे हैं सन्नाटे

ये किस तरह की ख़मोशी हर इक सदा में है


-


तुम्हारा होकर भी मेरा न होना

तुम्हारे प्यार में मेरा हर पल खोये रहना


*


आप ने तस्वीर भेजी मैं ने देखी ग़ौर से

हर अदा अच्छी ख़मोशी की अदा अच्छी नहीं


-


क्या कहूँ मैं कहने को शब्द नहीं मिल रहे

चलो आज खामोशी ही महसूस कर लो हामारी


^


मेरी खामोशी देखकर मुझसे ये ज़माना बोला

तेरी संज़ीदगी बताती है तुझे हँसने का शौक़ था कभी


-


जब वो खामोश होती है तब मुझे

दुनिया की सबसे महँगी चीज 

उनकी आवाज़ लगती है


=> 10 - खामोशी शायरी फेसबुक


एक उम्र ग़ुज़ारी है हमने तुम्हारी ख़ामोशी पढते हुए

एक उम्र गुज़ार देंगे तुम्हें महसूस करते हुए


-


शोर तो गुजरे लम्हे किया करते हैं जिंदगी में अक्सर

वो तो आज भी हमारे पास से ख़ामोशी से गुजर जाते हैं


*


अपने खिलाफ बाते खामोशी से सुन लो

यकीन मानो वक्त, बेहतरीन जवाब देगा


-


उसपर तेरी ख़ामोशी, बड़ा बेचैन करती है


^


दर्द आवाज़ छीन लेता है

ख़ामोशी बेवजह नहीं होती


-


लोग तो सो लेते हैं जमाने कि चाहेल पहेल में

मुझे तो तेरी खामोशी सोने नहीं देती


*


ये मंजर जो दिख रहा है तेज आंधियों का

इससे पहले यहाँ एक ख़ामोशी भी छाई थी


-


जब से ये अक्ल जवान हो गयी है जनाब

तब से ख़ामोशी ही हमारी जुबान हो गयी


^


खामोशी से बनाते रहिये अपनी पहचान

हवाएँ ख़ुद गुनगुनाएगी नाम आपका


-


कुछ कहा भी नहीं और सारी बात हो गयी

उसकी ख़ामोशी ने ही सारी दास्तान कह सुनाई


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