खूबसूरती शायरी हिन्दी मे | 299+ BEST Khubsurti Shayari in Hindi
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=> 01 - टॉप Khubsurti Shayari in Hindi With Images
मेरी किस्मत की लकीरों का तुम ताज बन जाओ…
कल की बात छोड़ो तुम मेरे आज बन जाओ…
मदहोश करती हैं बाते तेरी…
गर कहतें हैं नशा इसको तो तलब मंजूर हैं हमे…
*
पाँव उठा कर गलें मिलती हैं मुझ सें,
मोहतरमा कद में छोटी जो हैं मुझसें!!
उसको सज़ने संवरने की ज़रूरत ही नही ……
उसपे सज़ती है हया भी किसी ज़ेवर की तरह !!
एक इंच भी छोड़ने का मन नहीं करता……………!
किसी झगड़े की ज़मीन सी लगती हो तुम………
शुक्र है ये दिल सिर्फ धड़कता है,
अगर बोलता तो कयामत आ जाती।
*
आज फिर निकले हैं, वो बेनकाब शहर मे
आज फिर भीड़ होगी शहर में
बहुत खूबसूरत वो रातें होती थी..!!
जब तुमसे दिल की बातें होतीं थी..
चल काजल लगा ले पलकों पर..क़त्ल का नया इतिहास रचते हैं,
आज शाम मेरी महफ़िल में आना..हम एक ग़ज़ल तेरे नाम लिखते हैं..!!
तुम अपनी पायल की झंकार ना सुनाया करो
हमारे दिल में.तुम्हारी यादों के घुँघरू बजने लगते हैं
=> 02 - Khubsurti Shayari in Hindi 2 Line
बड़ी आरजू थी महबूब को बेनकाब देखने की
दुपट्टा जो सरका तो कमबख्त जुल्फें दीवार बन गयी
तुम आओगी तो फुलों की बरसात करेंगे
मौसम के फरिश्तों से मेरी बात हुई है..
*
हल्की हल्की मुस्कुराहटें और सनम का खयाल
बड़ा अजीब होता है मुहब्बत करने वालों का हाल
क़भी चुपके से मुस्कुरा कर देखना, दिल पर लगे पहरे हटा कर देख़ना,
ये ज़िन्दग़ी तेरी खिलखिला उठेगी, ख़ुद पर कुछ लम्हें लुटा कर देखना |
उन्होनें कहा,,, तुम्हारी आंखें बहुत खूबसूरत हैं …
मने भी कह दिया,,,तुम्हारे ख़्वाब जो देखती हैं !!
सुनो…
मुझे देखकर तेरा यूं मुस्कुराना बेहद पसंद है…
एक तुझ से ही मेरे जीवन मे सदा बसन्त है…!!!
*
आँखे बयां करती है, दिल में छिपे राज़
जब बज रहे हो दिल में मोहब्बत के साज़
तेरे नयनों के स्पर्श बिना,
मेरी हर रचना अधूरी है…!!!
सुना है रब कि कायनात में,एक से बढ़कर एक चेहरे हैं…
मगर मेरी आँखों के लिए सारे जहाँ में, सबसे खुबसुरत सिर्फ तुम हो…
दिल में छुपा कर पुरे जग में ढूंढते हो
बडी कातिल लगती हो जब पूछती हो कहाँ हो
-
सौ गजलें लिख डालूँ
तेरे एक दीदार पर
मुक्कमल हैं मेरी दुनिया
तेरी एक मुस्कान पर
=> 03 - खूबसूरती की तारीफ शायरी २ लाइन
कुछ नशा तो आपकी बात का है
कुछ नशा तो आधी रात का है
हमे आप यूँ ही शराबी ना कहिये
इस दिल पर असर तो आप से मुलाकात का है
-
हम पर यूँ बार बार इश्क का इल्जाम न लगाया कर,
कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो
*
ना रंग से रंगीन हुए, ना भंग से हुए मदहोश
डाली जो उसने तिरछी नज़र फिर कहाँ रहा कुछ होश,,
-
उनकी हाथों में मेंहंदी लगाने का ये फायदा हुआ
कि रात भर उनके चेहरे से ज़ुल्फें हम हटाते रहे
मैं भी ठहरूं किसी के होंठों पर
क़ाश मेरी ख़ातिर….दुआ करे कोई
-
हम तो फना हो गए उनकी आँखे देखकर,
ना जाने वो आइना कैसे देखते होंगे।
*
कहाँ से लाऊँ वो लफ्ज़ जो सिर्फ तुझे सुनाई दे ,
दुनियाँ देखे अपने चाँद को मुझे बस तूही दिखाई दे ।
-
ज़रा स्माइल रखो चेहरे पे… क्यूँकि,
रात में सपनों को हँसते हुए चेहरे पसंद हैं……!!
कैसे ना हो इश्क, उनकी सादगी पर ए-खुदा,
ख़फा हैं हमसे, मगर करीब बैठे हैं…
-
तेरी तस्वीर सामने रख कर हम आँखें खोला करते है हर सुबह,
अपनी क़िस्मत को किसी और के हवाले कैसे कर दूँ….
=> 04 - खूबसूरती की तारीफ शायरी 4 लाइन
इतना खूबसूरत कैसे मुस्कुरा लेते हो?
इतना क़ातिल कैसे शर्मा लेते हो?
कितनी आसानी से जान ले लेते हो।।
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आँखों मे आँसुओं की लकीर बन गई,
जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई,
हमने तो सिर्फ रेत में उँगलियाँ घुमाई थीं,
गौर से देखा तो आप की तस्वीर बन गई।।
*
महक़ रहा है चमन की तरह वो आईना
कि जिस में तूने कभी अपना रूप देखा था
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तुम आके दिल में हमारे घर बनाए बैठे हो,
ख्वाबो में भी अपना डेरा बसाए बैठे हो,
ये ना पूछना की क्या हम दीवाने है तुम्हारे,
बस ये जान लो तुम अपनी हर अदा से हमारा दिल चुराएं बैठे हो।।
तेरे वजूद से हैं मेरी मुक़म्मल कहानी,
मैं खोखली सीप और तू मोती रूहानी।
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तुम्हारी इस अदा का क्या जवाब दू?
अपने दोस्त को क्या सौगात दू?
कोई अच्छा सा फूल होता तो माली से मँगवाता,
जो खुद गुलाब है उसको क्या गुलाब दू?
*
तुम्हारी तारीफ किये बिना मै रुक नहीं पता.
तुम्हारे हुस्न के चर्चे महफ़िल में करता जाता.
-
तेरे इश्क की जंग में, हम मुस्कुराके डट गए,
तलवार से तो बच गए, तेरी मुस्कान से कट गए
तू चाँद और मैं सितारा होता?
आसमान में एक आशियाना हमारा होता?
लोग तुम्हे दूरसे देखते,
नज़दीक से देखने का हक बस हमारा होता।।
-
एक लाइन में क्या तेरी तारीफ लिखूँ,
पानी भी जो देखे तुझे तो, प्यासा हो जाये।
=> 05 - तारीफ शायरी
बला है क़हर है आफ़त है फ़ित्ना है क़यामत है
हसीनों की जवानी को जवानी कौन कहता है।।
-
सुबह का मतलब मेरे लिए सूरज का निकलना नहीं,
तेरी मुस्कराहट से दिन शुरू होता है मेरा
*
मेरी निगाह-ए-शौक भी कुछ कम नहीं मगर,
फिर भी तेरा शबाब तेरा ही शबाब है।।
-
हया से सर झुका लेना अदा से मुस्कारा देना,
हसीनो को भी कितना सहल है बिजली गिरा देना।।
उसके मीठे होठ और मुझे शुगर का रोग
हकीम साहब तुम रहने दो हमसे नहीं होता परहेज
-
स घड़ी देखो उनका आलम
नींद से जब हों बोझल आँखें,
कौन मेरी नजर में समाये
देखी हैं मैंने तुम्हारी आँखें।
*
बातें दिल की बोलती है आंखें
इसलिए जुबां को कैद किया है
-
वो बे-नकाब जो फिरती है गली-कूंचों में,
तो कैसे शहर के लोगों में क़त्ल-ए-आम न हो।।
अंगड़ाई लेके अपना मुझ पर जो खुमार डाला,
काफ़िर की इस अदा ने बस मुझको मार डाला।।
-
तेरे होठों में भी क्या खूब नशा है
ए सनम लगता है
तेरे झूठे पानी से ही शराब बनती है
=> 06 - महिलाओं की सुंदरता पर शायरी
अदा आफतें जफा आयी गरूर आया इताब आया,
हजारों आफतें लेकर हसीनो का शबाब आया।।
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ये जो निगाहों से हमारे दिल को हलाल करते हैं,
करते तो वैसे जुर्म हो लेकिन कमाल करते हो
*
ये हुस्न, ये सावन, ये बारिश, ये हवाएं
लगता है मुहब्बत ने आज किसी का साथ दिया है
ख्वाहिश बन मेरे रूह की महका दे तू मुझे,
खो जाऊ मैं तुझमे, अपना ले तू मुझे।।
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ये रूठना अच्छा लगता है बार बार मुझे तुमसे,
मनाने मे मुझ पे तेरा प्यार बरस जाता हैं।।
^
उन्हें हर कोई देख रहा था महफिल मे सरेआम…!
उनकी एक नज़र हम पर क्या पड़ी हम तो मशहूर हो गए…
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तारीफ करने का तो सिर्फ एक बहाना है.
असल में हमे तुम्हारे घर में आना है.
*
मेरा हर लम्हा ज़िन्दगी का संवर जाये,
अगर तेरे साथ ज़िन्दगी प्यार से गुज़र जाये।।
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तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा रहता
खबर तो रहती अभी सफर कितना तय करना है
^
धीरे से लबों पे आया एक सवाल है
तू ज्यादा खूबसूरत ये तेरा ख्याल है
-
नहीं पसंद आता अब तेरे सिवा किसी और का चेहरा,
तुझे देखना और देखते रहना दस्तूर बन गया है।।
=> 07 - दुनिया की सबसे खूबसूरत शायरी
चुपचाप चले थे जिंदगी के सफर में
तुम पर नजर पड़ी और गुमराह हो गए
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लङने दो ज़ुल्फों और हवाये को आपस में,
तुम क्यों हाथ से उनमें सुलह कराने लगती हो..
*
बिजलियों ने सीख ली उनके तबस्सुम की अदा,
रंग ज़ुल्फ़ों की चुरा लाई घटा बरसात की।।
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कुछ फिजाएं रंगीन कुछ आप हसीं
तारीफ करूँ या चुप रहूं दोनों जुर्म संगीन
^
हर बार हम पर इल्ज़ाम लगा देते हो मोहब्बत का,
कभी खुद से भी पूछा है इतने हसीन क्यों हो?
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गले मिला है वो मस्त-ए-शबाब बरसों में,
हुआ है दिल को सुरूर-ए-शराब बरसों में,
निगाह-ए-मस्त से उसकी हुआ ये हाल मेरा,
कि जैसे पी हो किसी ने शराब बरसों में
*
सुबह का मतलब मेरे लिए सूरज निकलना नही,
तेरी मुस्कराहट से दिन शुरू होना है।
-
लौट जाती है उधर को भी नजर क्या कीजे,
अब भी दिलकश है तेरा हुस्न तो क्या कीजे?
^
कैसे बयान करें सादगी अपने महबूब की,
पर्दा हमीं से था मगर नजर भी हमीं पे थी।
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डूबकर तेरी झील सी गहरी आँखों में,
एक मयकश भी शायद पीना भूल जाए..
=> 08 - खूबसूरती की तारीफ पर कविता
हुस्न का क्या काम ✧ सच्ची मोहब्बत में ✧
रंग सांवला भी हो तो ✧ यार कातिल लगता है ✧
-
बचपन में सोचता था चाँद को छू लूँ,
आपको देखा और छुआ तो ख्वाहिशे पूरी हुयी।।
*
“अब हम समझे तेरे चेहरे पे तिल का मतलब,
हुस्न की दौलत पे दरबान बिठा रखा है..”
-
बिल्कुल चांद की तरह है
नूर भी, गुरुर भी, दूर भी…
^
धडकनों को कुछ तो काबू में कर ए दिल,
अभी तो पलकें झुकाई हैं,
दांतो तले होठों को दबा कर मुस्कुराना अभी बाकी है।।
-
“हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ,
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी…”
*
जंगली जड़ी बूटी सी मैं दोस्तों
किसी को जहर, किसी को दवा सी लगती हूं
-
अच्छे लगे तुम सो हमने बता दिया,
नुकसान ये हुआ कि तुम मगरूर हो गए।।
^
तुम आईना क्यूं देखती हो?
बेरोज़गास करोगी क्या मेरी आँखों को..
-
कमियां तो बहुत है मुझ में
पर कोई निकाल कर तो देखें
=> 09 - खूबसूरत चेहरा शायरी इन हिंदी
हुस्न दिखा कर भला कब हुई है मोहब्बत,
वो तो काजल लगा कर हमारी जान ले गयी।
-
कैसी थी वो रात कुछ कह सकता नहीं मैं,
चाहूँ कहना तो बयां कर सकता नहीं मैं ।
*
देख कर तेरी आँखों को मदहोश मै हो जाता हूँ.
तेरी तारीफ किये बिना मै रह नहीं पता हूँ.
-
रूठ कर कुछ और भी हसीन लगते हो,
बस यही सोच कर तुमको खफा रखा है।।
^
तेरी खाई हुई मेरे सर की झूठी कसमें
अब मुझे अक्सर बीमार रखती हैं
-
कुछ अपना अंदाज हैं कुछ मौसम रंगीन हैं,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो ही संगीन हैं! ?
*
रुके तो चाँद चले तो हवाओं जैसा है,
वो शख्स धूप में भी छाव जैसा है।।
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मेरे लफ्जों में है तारीफ एक चेहरे की
मेरे महबूब की मुस्कराहट से चलती है शायरी मेरी
^
मैं फना हो गया उसकी एक झलक देखकर
ना जाने आइने पर हर रोज क्या गुजरती होगी
-
“क्या लिखूँ तेरी सूरत-ए-तारीफ मेँ,
मेरे हमदम अल्फाज खत्म हो गये हैँ,
तेरी अदाएँ देख-देख के”
=> 10 - खूबसूरती की तारीफ शायरी इन हिंदी फॉर फ्रेंड
तेरी आँखों के खूबसूरती में डूब जाऊ मै.
धीरे धीरे तेरी तारीफ करता चला जाऊ मै.
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आइने में क्या चीज़ अभी देख रहे थे,
फिर कहते हो खुदा की कुदरत नहीं देखी।।
*
कितनी खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी,
बना दीजिये इनको किस्मत हमारी,
इस ज़िंदगी में हमें और क्या चाहिए,
अगर मिल जाए मोहब्बत तुम्हारी।
-
इन आँखों का जब जब दीदार हो जाता है
दिन कोई भी हो मेरे लिए त्यौहार हो जाता है
^
मुझे मालूम नहीं हुस्न की तारीफ,
मगर मेरी नजर में हसीन वो है जो तुझ जैसा हो…
-
उसने होठों से छू कर
दरिया का पानी गुलाबी कर दिया,
हमारी तो बात और थी उसने
मछलियों को भी शराबी कर दिया।
*
बड़ी खूबसूरत नाज़ुक से हैं उनके ये होठ की क्या कहिये,
मानो पंखुड़ी हो इक गुलाब सी।।
-
ये आईने ना दे सकेंगे तुझे तेरे हुस्न की खबर,
कभी मेरी आँखों से आकर पूछो के
कितनी हसीन हों तुम…
^
तेरी तारीफ में कुछ लब्ज कम पड़ गए शायद?
वरना हम भी किसी ग़ालिब से कम ना थे।।
-
तुम्हारा तो गुस्सा भी इतना प्यारा है की,
जी चाहता है की दिनभर तंग करता रहू !!
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