मुर्शिद शायरी हिन्दी मे | 299+ BEST Murshad Shayari in Hindi
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=> 01 - टॉप Murshad Shayari in Hindi With Images
ऐ बेवफा थाम ले मुझको मजबूर हूँ कितना,
मुझको सजा न दे मैं बेकसूर हूँ कितना,
तेरी बेवफ़ाई ने कर दिया है मुझे पागल,
और लोग कहतें हैं मैं मगरूर हूँ कितना।
कोई अच्छा लगे तो उनसे प्यार मत करना,
उनके लिए अपनी नींदे बेकार मत करना,
दो दिन तो आएँगे खुशी से मिलने,
तीसरे दिन कहेंगे इंतज़ार मत करना।
*
मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी,
बदले में उसने मुझे सिर्फ खामोशी दे दी,
खुदा से दुआ मांगी मरने की लेकिन,
उसने भी तड़पने के लिए जिन्दगी दे दी।
एक कहानी सी दिल पर लिखी रह गयी,
वो नजर जो उसे देखती रह गयी,
वो बाजार में आकर बिक भी गए,
मेरी कीमत लगी की लगी रह गयी।
बड़े शौक से बनाया तुमने मेरे दिल में अपना घर
जब रहने की बारी आई तो तुमने ठिकाना बदल दिया
गुजारिश हमारी वह मान न सके,
मज़बूरी हमारी वह जान न सके,
कहते हैं मरने के बाद भी याद रखेंगे,
जीते जी जो हमें पहचान न सके।
गुजर रही है जिन्दगी बड़े ही नाजुक दौर से,
मिलती नहीं तसल्ली, तेरे सिवा किसी और से,,
मोहब्बत ऐसी थी कि उनको बता न सके,
चोट दिल पे थी इसलिए दिखा न सके,
हम चाहते तो नही थे उनसे दूर होना,
मगर दूरी इतनी थी उसे हम मिटा न सके।
*
तेरा यूँ मेरे सपनो में आना ये तेरा कसूर था,
और तुझ से दिल लगाना ये मेरा कसूर था,
कोई आया था पल दो पल को जिंदगी में,
और अपना समझ लेना वो मेरा कसूर था।
तुम अपना रंजो-गम अपनी परेशानी मुझे दे दो,
तुम्हें मेरी कसम यह दुख यह हैरानी मुझे दे दो।
ये माना मैं किसी काबिल नहीं इन निगाहों में,
बुरा क्या है अगर इस दिल की वीरानी मुझे दे दो।
हर पल साथ देने का वादा करते हैं तुझसे,
क्यों अपनापन इतना ज्यादा है तुझसे,
कभी ये मत सोचना भूल जायेंगे तुझे हम,
हर पल साथ निभाने का वादा है तुझसे।
एसे ही नम हो चली हैं मेरी आँखें….
तुम तो बिल्कुल भी गुनहगार नहीं.
मगरूर नहीं हूँ बस दूर हो गई हूँ मैं…
उन लोगों से जिन्हें मेरी कदर नहीं है…!!
=> 02 - Murshad Shayari Status
हम तो ख्वाबो की दुनिया में बस खोते गये,
होश तो था फिर भी मदहोश होते गये,
उस अजनबी चेहरे में क्या जादू था,
न जाने क्यों हम उसके होते गये।
चंद कलियाँ निशात की चुनकर,
मुद्दतों मायूस रहता हूँ,
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही,
तुझसे मिलकर उदास रहता हूँ।
*
वफ़ा का दरिया कभी रुकता नही,
मोहब्बत में प्रेमी कभी झुकता नही,
किसी की खुशियों के खातिर चुप है,
पर तू ये न समझना की मुझे दुःखता नही
किस किस से कहूँ कि यहाँ क्या क्या बवाल हैं
इस जिंदगी में उलझे से कितने सवाल हैं,
सबकी तरह उसने भी बस पूँछा हमारा हाल
हमने भी कह दिया कि मस्त हाल-चाल हैं।
हम जानते है आप जीते हो जमाने के लिए,
एक बार तो जी के देखो सिर्फ हमारे लिए,
इस नाचीज़ की दिल क्या चीज़ है,
हम तो जान भी दे देंगे आप को पाने के लिए।
रहना तो चाहते थे साथ उनके,
पर इस ज़माने ने रहने ना दिया,
कभी वक़्त की खामोशी मे खामोश रहे,
तो कभी खामोशी ने कुछ कहने ना दिया!!
*
कोई मिला ही नही हमे कभी हमारा बन कर,
वो मिला भी तो हमे सिर्फ किनारा बनकर,
हर ख्वाब बन कर टुटा है यहां,
अब बस इंतज़ार ही मिला है एक सहारा बन कर।
खोया इतना कुछ कि फिर पाना न आया,
प्यार कर तो लिया पर जताना न आया,
आ गए तुम इस दिल में पहली ही नज़र में
बस हमें आपके दिल में समाना ना आया..!!
कहीं किसी रोज़ यूँ भी होता,
जो हमारी हालत है वो तुम्हारी होती,
जो रात हमने गुजारी तड़प कर,
वो रात तुमने भी गुजारी होती।
-
किसे सुनाये अपने गम की चन्द पन्नो के किस्से
यहाँ तो हर शख्स भरी किताब लिए बैठा है
=> 03 - Murshad Shayari Original
चिंगारी का ख़ौफ़ न दिया करो हमे,
हम अपने दिल में दरिया बहाय बैठे है,
अरे हम तो कब का जल गये होते इस आग में,
लेकिन हमतो खुद को आंसुओ में भिगोये बैठे है।
-
तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे,
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे,
अगर दिल ने कहा तुम बेवफ़ा हो,
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।
*
एक उम्र भर की जुदाई मेरे नसीब में करके,
वो तो चला गया बातें अजीब करके,
तर्ज ए वफा को उसकी क्या नाम दूं,
खुद तो दूर चला गया मुझे करीब करके।
-
महफ़िल में हँसना हमारा मिजाज बन गया
तन्हाई में रोना एक राज बन गया,
दिल के दर्द को चेहरे से जाहिर न होने दिया
बस यही जिंदगी जीने का अंदाज बन गया।
हकीकत जान लो जुदा होने से पहले,
मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले,
ये सोच लेना भुलाने से पहले,
बहुत रोई हैं आँखें मुस्कुराने से पहले.
-
होले होले कोई याद आया करता है,
कोई मेरी हर साँसों को महकाया करता है,
उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते हैं,
जो इस नाचीज़ को मोहब्बत सिखाया करता है।
*
वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई,
न जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई,
अब हमे तन्हाइयां चुभती है तो क्या हुआ,
कम से कम उसकी सारी तमन्नाएं तो पूरी हो गई
-
वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई,
न जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई,
अब हमे तन्हाइयां चुभती है तो क्या हुआ,
कम से कम उसकी सारी तमन्नाएं तो पूरी हो गई
तुम खास नहीं हो ,मगर हर सांस में हो
रू-ब-रू नहीं हो मगर ,हर एहसास में हो
मिलोगे या नहीं मगर ,मेरी हर तलाश में हो
चाहे पूरी हो या ना हो ,मगर हर आस में हो
दूर ही सही तुम ,मगर फिर भी पास ही हो।
-
तेरी चाहत में हम ज़माना भूल गये,
किसी और को हम अपनाना भूल गये,
तुम से मोहब्बत हैं बताया सारे जहाँ को,
बस एक तुझे ही बताना भूल गये..
=> 04 - कामिल मुर्शिद शायरी
क्या खूब ही होता अगर दुख रेत के होते,
मुठ्ठी से गिरा देते… पैरो से उड़ा देते।
आपके बिन टूटकर बिखर जायेंगे,
मिल जायेंगे आप तो गुलशन की तरह खिल जायेंगे,
अगर न मिले आप तो जीते जी मर जायेंगे,
पा लिया जो आपको तो मर कर भी जी जायेंगे।
-
दिन हुआ है, तो रात भी होगी,
मत हो उदास, उससे कभी बात भी होगी।
वो प्यार है ही इतना प्यारा,
ज़िंदगी रही तो मुलाकात भी होगी।
*
तुम्हारे नाम को होंठों पर सजाया है मैंने,
तुम्हारी रूह को अपने दिल में बसाया है मैंने,
दुनिया आपको ढूंढते ढूंढते हो जायेगी पागल,
दिल के ऐसे कोने में छुपाया है मैंने!
-
सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें,
किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें,
फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा,
तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें।
इस मोहब्बत की किताब के,
बस दो ही सबक याद हुए,
कुछ तुम जैसे आबाद हुए,
कुछ हम जैसे बरबाद हुए।
-
मेरी हर शायरी मेरे दर्द को करेगी बंया ए गम
तुम्हारी आँख ना भर जाएँ, कहीं पढ़ते पढ़ते।
*
नफरतें लाख मिलीं पर मोहब्बत न मिली,
ज़िन्दगी बीत गयी मगर राहत न मिली,
तेरी महफ़िल में हर एक को हँसता देखा,
एक मैं था जिसे हँसने की इजाज़त न मिली।
-
वो बात क्या करें जिसकी कोई खबर ना हो।
वो दुआ क्या करें जिसका कोई असर ना हो।
कैसे कह दे कि लग जाय हमारी उमर आपको।
क्या पता अगले पल हमारी उमर ना हो।
इस दिल को किसी की आस रहती है,
निगाहों को किसी सूरत की प्यास रहती है,
तेरे बिना किसी चीज़ की कमी तो नही,
पर तेरे बेगैर जिन्दगी बड़ी उदास रहती है..
-
आपके बिन टूटकर बिखर जायेंगे,
मिल जायेंगे आप तो गुलशन की तरह खिल जायेंगे,
अगर न मिले आप तो जीते जी मर जायेंगे,
पा लिया जो आपको तो मर कर भी जी जायेंगे।
=> 05 - मुर्शिद शायरी रेख़्ता
रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हमने,
कर दिया दिल किसी पत्थर के हवाले हमने,
हमें मालूम है क्या चीज़ है मोहब्बत यारो,
घर अपना जला कर किये हैं उजाले हमने।
-
मोहब्बत के भी कुछ अंदाज़ होते हैं,
जगती आँखों के भी कुछ ख्वाब होते हैं,
जरुरी नहीं के ग़म में आँसू ही निकले,
मुस्कुराती आँखों में भी शैलाब होते हैं।
*
ज़िन्दगी हैं नादान इसलिए चुप हूँ,
दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ
कह दू ज़माने से दास्तान अपनी,
उसमे आएगा तेरा नाम इसलिए चुप हूँ
-
मुर्शीद निकले हैं वो लोग मेरी शख्सियत बिगाड़ने,
किरदार जिनके खुद मरम्मत मांग रहे हैं।
मुर्शद उसे कहना के तुम्हारी याद आती है,
मुर्शद और उसे ये भी कहना के हम रो पड़ते हैं।
-
मुरशद हाल सुनना मुश्किल है,
इसलिए शेर सुनता रहता हूं।
*
मोहब्बत वाजिब थी हम पर हम ने कर डाली मुर्शिद,
वफ़ा फ़र्ज़ है तुम पर देखते हैं अदा करते हो या कजा़
-
देखता हूं अब तेरी याद कैसे आती है,
मुरशिद से अभी ताबीज बनवा कर आ रहा हूं।
मैं तो बस कश्ती थी मुर्शद
किनारे पर कोई और थी।
-
दुश्मनी उसकी तबियत में रची है मुर्शद,
कोई चिंगारी जहाँ देखी हवा दी उसने।
=> 06 - सूफी इश्क शायरी
क्या हम भी जन्नत मे जायेंगे मुर्शीद,
हम तो हर जगह से ठुकराये हुए हैं।
-
यह तो परिंदों की
मासूमियत है मुर्शिद
वरना दूसरों के घरों में
अब यु कौन आता जाता है
*
काश कोई ऐसा हो जो
गले लगा कर कहे मुर्शीद
रोया ना कर
तेरे रोने से मुझे भी दर्द होता है
-
हम तो अकेले थे
अकेले हैं मुर्शिद तुमने
छोड़ कर कोई कमाल
थोड़ी ना किया है
^
ऐसा है रिश्ता
तेरा मेरा
तू है मुर्शिद
मैं हु मुरीद तेरा
-
अपनी अच्छाई पर
भरोसा रखो मुर्शिद
की जो उसने तुमको खोया है
वो एक दिन जरूर रोयेगा
*
भरोसा तो जिंदगी
का भी नहीं मुर्शिद
और तुम इंसानो
पर कर लेते हो
-
पहले लगता था कि
तुम ही दुनिया हो मुर्शीद
और अब लगता है
कि तुम भी दुनिया हो
^
नहीं मिलता वक्त
साथ गुजारने को..
“मुर्शिद” हम दोनो एक ही फलक
के सूरज चांद है
-
हम हर जगह से
ठुकराये गए हैं,
मुर्शिद ! क्या हम भी
जन्नत में जाएंगे ?
=> 07 - मुर्शिद शायरी स्टेटस डाउनलोड
उसे लिखा गया
किसी और के नसीब में मुर्शद
वो शख़्स जिसे दुआओं में
मैंने माँगा था
-
उन्हें हँसते हुए
देखा मुर्शद
हम रोक ना पाए खुद को
हमारी भी हंसी निकल पड़ी
*
हर किसी से इश्क़
कहाँ होता है मुर्शद
इश्क़ उन्हीं से होता है
जो नसीब में नहै होते
-
इक उमर बीत गई
पूरी की पूरी मुर्शद
उन्हें देखने की खवाहिश
मगर अधूरी ही रही
^
वो जब
उनका हाथ छूटा था
यूं लगा
कुछ टुटा था मुर्शद
-
वो जो कभी हमसे
मोहब्बत करते थे मुर्शद
वो हम पर
हँसते है अब
*
हमें भी हुई थी
मुर्शद मोहब्बत किसी से
हम भी तड़पे थे
इक शख़्स के लिए
-
जिसकी ख्वाहिश
होती है हमें मुर्शद
वो शख़्स हमें
मिलता क्यूँ नहीं
^
वो तो अब पास
भी नहीं आते मुर्शद
ना जाने पास
किसके अब जाने लगे है
-
बात दिल पर
आ बनी थी मुर्शद
और वो दिल
तोड़ना चाहते थे
=> 08 - पीर की शान में शायरी इन हिंदी
हम समझाते तो
समझाते कैसे मुर्शद
वो कुछ सुनना
ही नहीं चाहते थे
-
कभी रूबरू तक
नहीं हुए थे उनसे मुर्शद
तो बात दिल की
कैसे बताते उन्हें
*
हमें कोई तरकीब बताए
आप मुस्कराने की मुर्शद
उनके जाने से
हम हंसना भूल गए है
-
जब चोट लगती है
दिल पे मुर्शद
अकल तब
ठिकाने आती है
^
ग़ुमान था उन्हें हमारे
जैसे कई मिलेंगे मुर्शद
हमने भी कह दिया जाओ
ढूंढ लो हम तुम्हें अब नहीं मिलेंगे
-
आवाज़ नहीं होती दिल
टूट फिर भी जाता है मुर्शद
ख्यालों में खोया आशिक़
चलते चलते गिर भी जाता है मुर्शद
*
मेरे नसीब में मोहब्बत
नहीं लिखी गई मुर्शद
मेरे नसीब में
सिर्फ गम लिखा गया
-
वो छोड़ी नहीं
गई हमसे मुर्शद
हमें उनकी
आदत जो लगी थी
^
जब दिल किसी शख्स
पर ठहर जाए ना, मुरशद
तो जेहन किसी और को
कुबूल करने के काबिल नहीं रहता
-
बाँध सके मुझे
ऐसी कोई बंदिश नहीं, मुर्शिद
पर तेरी बाहों की
बात कुछ और है
=> 09 - Murshad Shayari Instagram
काँटे तो नसीब में
आने ही थे मुर्शद
फूल जो गुलाब
दिना था ना हमने.
-
वो कहती है की मैं मर
जाऊं तो गिला ना करना मुर्शद
हम दुबारा फिर मिलेंगे
खुदा की जन्नत में
*
मुर्शिद माना कि मौत
बरहक़ है लेकिन
मेरे मरने तक
तो जीने दो
-
वो केसी और
को मायसर है
मुरशद मेरा ये सदमा
सिरफ खुदा जनता है
^
मैं पहले जैसा हो जाऊं
मुरशद मगर मुझे
याद तो आए
मैं पहले कैसा था
-
हम जैसे बेकार
लोग मुरशद
रूठ भी जाए तो
कोई मनाने नहीं आता
*
उनके साथ तो मैं
सिर्फ तमाशा था
मुरशद इधर तो हमारी
जिंदगी तबाह हो गई
-
मुर्शीद हमें
भरी जवानी
में गम मिला है
हमारे साथ कोई दगा कर गया
^
मुरशद तुम उस लड़के का
दुख क्या समझोगे
जो बेरोजगार हो और
उसे मोहब्बत ने घेर लिया
-
मुरशद गैरों से क्या वफा
की उम्मीद रखते हैं
शाम होते ही मेरा
साया साथ छोड़ जाता है
=> 10 - Murshad Shayari Meaning
नफरत के दावे
एक तरफ मुरशद
उसका मेरे नाम
पर मुड़कर देखना गजब था
-
दुश्मनी उसकी तबियत में रची है मुर्शद,
कोई चिंगारी जहाँ देखी हवा दी उसने।
*
क्या हम भी जन्नत मे जायेंगे मुर्शीद,
हम तो हर जगह से ठुकराये हुए हैं।
-
उस लड़के का दुख भला तुम क्या समझोगे मुर्शीद,
जिसे मोहब्बत घेर ले और वो बेरोजगार हो।
^
मोहब्बत तो मेरी भी मुकम्मल हो सकती थीं मुर्शीद,
पर अफसोस वो शाकाहारी थी और मैं मुर्गाहरी।
-
खैर अब कोई नही खैरियत पूछने वाला,
मुर्शिद जहाँ रहे मेरे चाहने वाले ख़ुश रहे।
*
उफ्फ वो तेरे नाम का पासवर्ड रखना,
सुना है इश्क़ में पागलपन कहलाता है।
-
हर बात पे जो कर लेते है ऐतबार आप का मुर्शिद,
हमारी मोहब्बत को हमारी बेकफूफी ना समझो।
^
चेहरे से कहा पता चलता है मुर्शिद,
कौन अपने अंदर कितना दर्द रखता है।
-
मोहब्बत का मज़ा तब आता है मुर्शिद,
जब एक उदास हो औऱ दूसरे पर क़ायामत आ जाएं।
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