नींद शायरी हिन्दी मे | 399+ BEST Neend Shayari in Hindi
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=> 01 - टॉप Neend Shayari in Hindi With Images
यह प्यार का ही तो क़सूर है,
जो इन आँखो को नींद
नामंज़ूर है
न करवटे थी न बेचैनियां थी,
क्या गजब की नींद थी
मोहब्बत से पह
*
सो कर
सुकून पा लेते, लेकिन
नींद को हुक्म नही है तुम्हारा
ना जगाओ
नींद से उस आशिक़ को
आज कई दिनों बाद सोया लगता
वो बेवफ़ा चार दिन की मोहब्बत दे गया,
और मेरी उम्र भर की रातों की नींद ले गया.
एक मुक़म्मल रात, थोड़ी सी नींद
और सिर्फ तेरी बात
*
इतना दर्द तो मरने से भी नही होगा,
जितना दर्द तेरे बिछड़ने से होगा.
नींद आँखों को न आयें तो मैं क्या करूँ,
ख्याल तेरा दिल से न जायें तो मैं क्या करूँ.
मैं
तेरे नाम का एक सपना हूँ
और तू ▪▪
तू मेरे हिस्से की नींद हैं
जो मुझसे दूर बहुत दूर रहती हैं
भरी रहे अभी आँखों में उसके नाम की नींद,
वो ख्व़ाब है तो यूँ ही देखने से गुजरेगा.
=> 02 - Neend Shayari 2 Line
सुकून
तो न जाने कहाँ खो गया है,
अब तो बस नींद के झरोखें आते है
आज
दिल कहता है, जल्दी से तुम्हें
एक नज़र देख कर
लौट आऊँ▪▪
नींद में मुस्कुराते हो तो बड़ा
प्यार आता है तुम पर
*
रात भी नींद भी कहानी भी,
हाय क्या चीज है जवानी भी.
जिन आँखों में ख्वाब होते है,
उन्हें रातों में नींद नही आती है.
ऐ नींद,
तू कहाँ खो गई
किस झोपड़ी में
सो गई
दौलत ने बिछाए बिस्तर
तू ज़मीं पर ही सो गई
दोस्ती बुरी हो तो उसे होने मत दो,
अगर हो गयी तो उसे खोने मत दो,
और अगर दोस्त हो सबसे प्यारा
तो उसे चैन की नींद सोने मत दो.
*
जागना कबूल है तेरी यादों में रात भर,
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में अब कहाँ.
आपकी नींद ख़्वाबों से भर जाएँ,
आपकी जिन्दगी खुशियों से संवर जाएँ,
चाँद की चांदनी चेहरे पर बिखर जाएँ,
और हुस्न आपका एकदम निखर जाएँ.
ता फिर न इंतिज़ार में नींद आए
उम्र भर
आने का अहद कर गए आए जो ख़्वाब में▪▪▪▪
मिर्ज़ा ग़ालिब
-
मेरी हिचकी गवाह है,
नींद उसकी भी तबाह है.
=> 03 - नींद शायरी २ लाइन्स
काश!!! किस्मत भी नींद की तरह होती,
कि हर सुबह खुल जाती.
-
आज फिर
नींद को आँखों से बिछड़ते देखा
आज फिर याद कोई चोट पुरानी आई▪▪▪▪
इक़बाल अशहर
*
बिन
तुम्हारे कभी नहीं आई
क्या मिरी नींद भी तुम्हारी है
जौन एलिया
-
मेरे ख़्वाबों का उसे कौन पता देता है,
नींद में आ के वो अक्सर ही जगा देता है.
हमारे
ख़्वाब चोरी हो गए हैं
हमें रातों को नींद आती नहीं है
बख़्श लाइलपूरी
-
तुम्हें तो आती होगी नींद सुकून से,
तुमने तो अलविदा भी मुस्कुरा के कहा था.
*
नींद में भी गिरते है मेरी आँखों से आँसू,
जब तुम ख़्वाबों में मेरा हाथ छोड़ देते हो.
-
मुद्दत से
ख़्वाब में भी नहीं नींद का ख्याल
हैरत में हूँ ये किस का मुझे इंतिज़ार है
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
भरी रहे अभी
आँखों में उस के नाम की नींद
वो ख़्वाब है तो यूँ ही देखने से गुज़रेगा▪▪▪▪
ज़फ़र इक़बाल
-
नींद आएगी जिस दिन तो इस तरह सोयेंगे,
मुझे जगाने के लिए लोग रोयेंगे.
=> 04 - नींद पर फनी शायरी
सपना है आँखों में
मगर नींद कहीं
और है▪▪
दिल तो हैं जिस्म में
मगर धड़कन कहीं
और है
-
ना नींद है आँखों में, ना ही कोई हसरत
कितना सादा सा रह गया हूँ मैं तेरे बगैर.
*
मौत का एक दिन मुअय्यन है
नींद क्यूँ रात भर नहीं आती
-
एहसास -ए -मोहब्बत क्या है
ज़रा हमसे पूछो▪▪
करवट
तुम बदलते हो
नींद मेरी खुल जाती है
वो देखकर मुस्कुराते है और मेरे ख़्वाबों में भी आते है,
मगर उनके दिल में क्या है? यही नहीं बताते है.
-
ऊफ्फ्फ्फ
मोहब्बत कर ली ▪▪
अब रातो मे नींद कैसे आएगी
*
दिन में काम नहीं सोने देता है,
रात में महबूब का नाम नही सोने देता है.
-
वो हमें देखकर दूर भागते है,
और हम उनकी याद में रात भर जागते है.
तु दिल से
ना जाये तो मैं क्या करू▪▪
तु ख्यालों
से ना जाये तो मैं क्या करू▪▪
कहते है
ख्वावों में होगी मुलाकात उनसे▪▪
लेकिन नींद न आये तो मैं
क्या करू
-
करवट में कत्ल नींद का इक बार कर के देख,
तू भी तो कभी मेरा इंतज़ार कर के देख.
=> 05 - नींद शायरी रेख़्ता
नींद से हम उठना नहीं चाहते है,
क्योंकि अक्सर वो ख़्वाबों में आते है.
-
नीद में सपना देखा तों
ख्वाब बन गया▪▪
ख्वाबो में ही सही मिले आप
ज़िन्दगी भर का किस्सा
बन गया▪▪
नीद जब खुली तों ना सपना था
और ना कोई अपना था
*
जो सोता है वही खोता है,
मगर इश्क में इसका उलटा होता है.
-
मैंने इश्क़ किया है या कोई कसूर कर दिया है,
इन आँखों ने खुद से नींद को दूर कर दिया है.
मेरे कलम से
लफ्ज़ खो गए शायद
आज वो भी बेवफा हो गए
शायद▪▪
जब नींद खुली तो पलकों में पानी था
मेरे ख्वाब मुझपे रो गाए
शायद
-
आई होगी किसी को हिज्र में मौत
मुझ को तो नींद भी नहीं आती
*
गैर मुकम्मल सी
जिन्दगी,
वक्त कि बेतहाशा रफ्तार▪▪
रात इकाई नींद दुहाई,
ख्वाब सैकडा दर्द
हजार
-
सुबह की नींद लगती है प्यारी,
सुबह उठते है वो जिनके कन्धो पर होती है ज़िम्मेदारी.
कहते हैं कि
इश्क में नींद उड़ जाती है,▪▪
तो कोई
हमसे भी इश्क कर, लो
कमबख्त मुझे नींद बहुत आती है
-
मैं दिन हूँ, मेरी सहम तुम हो,
मैं नींद हूँ, मेरा ख्वाब तुम हो,
मैं लब हो मेरी बात तुम हो,
मैं तब हूँ जब मेरे साथ तुम हो.
=> 06 - मौत की नींद शायरी
नींद आती नहीं,
याद जाती नही,
ख्व़ाब मुक्कमल होते नही
क्योंकि तुम आती नही
-
ज़िंदगी भी
एक खेल ही है▪▪
बचपन मे कौआ उड़
,मैना उड़▪▪
जवानी में नींद उड़,
चैन उड़ ▪▪
बुढापे में बाल उड़,
दांत उड़
*
ख्व़ाब आँखों से गये,
नींद रातों से गई,
वो गई तो ऐसा लगा
जिन्दगी हाथो से गई.
-
जब ख्वाब उनकी मेरे आँखों में आते है,
उस वक्त बेहिसाब आँसू मेरे आँखों में आते है.
^
नींद भी नीलाम हो जाती है
दिलो के महफिलो मे
जनाब▪▪
किसी को भुलाकर सो जाना
इतना असान नही होता
-
तन्हाईयों में मुस्कुराना भी
इश्क है▪▪
इस बात को सबसे छुपाना भी
इश्क है▪▪
यु तो नींद नहीं आती हमें रात भर
मगर सोते-सोते जागना और जागते-जागते सोना भी
इश्क है
*
काश कोई एक रात ऐसी भी आ जाये,
नींद आ जाये पर तेरी याद न आये.
-
पगली
जागना भी मंजूर है
मुझे तेरी यादों मे.
रात भर▪▪
जितना तेरे एहसासों मे सुकून हैं
उतना उस नींद मे कहाँ
^
बस यही दो मसले जिन्दगी भर ना हल हुए,
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए.
-
मुझे भी
अब नींद की तलब नहीं रही
अब रातों को जागना अच्छा
लगता है,▪▪
मुझे नहीं मालूम वो मेरी किस्मत में है या नहीं
मगर उसे खुदा से माँगना अच्छा
लगता है
=> 07 - नींद पर दोहे
नींद आये या ना आये,
चिराग बुझा दिया करो,
यूँ रात भर किसी का जलना
हमसे देखा नहीं जाता.
-
आँखो का
यूँ नींद से बगावत कर,
किसी की यादों में जागना भी
इश्क़ है
मिलना तो हो जाये ख्वाबों में भी,
पर इस कदर खुद को तड़पाना भी
इश्क़ है
*
गुम है मेरी आँखों से नींद आज भी,
याद करके रात कट जाती हैं आज भी.
-
यू खाली पलकें झुका देने से नींद नहीं आती,
सोते वही लोग है, जिनके पास किसी की याद नहीं होती….
^
नींद सुबह की लगती है सबको प्यारी,
उठना जरुरी भी, कि ▪▪
जिम्मेदारी बहुत
सारी हैं
-
चलो नींद के दफ्तर में हाज़िरी लगा आते हैं,
वो सपनो में आये तो ओवर टाइम भी कर लेंगे…।
*
दिल की किताब में गुलाब उनका था,
रात की नींद में ख्वाब उनका था,
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जायेंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था.
-
जिस
रात तु मेरे सपनो मे आ
जाती हैं ▪▪
उस रात नीद से उठना नही
चाहते है
^
तन्हाईयों में मुस्कुराना इश्क हैं,
एक बात को सबसे छुपाना इश्क हैं,
यूं तो नींद नहीं आती हमें रात भर
मगर सोते-सोते जागना और जागते-जागते सोना इश्क हैं.
-
जाने कितनी रातो की नींदे ले गया वो…
जो पल भर मोहब्बत जताने आया था…
=> 08 - नींद और ख्वाब शायरी
वो आँखों में अरमान जगा दिया करते हैं,
फिर चुपके से नींद चुरा लिया करते हैं.
-
तुम्हारे ख्वाबों को गिरवी रखके…
तकिये से रोज़ रात थोड़ी नींद उधार लेता हूँ..
*
मूदतों बाद उसे ख़्वाब में आते देखा
नींद में मर गए लेकिन ▪▪
ख़्वाब से निकले
नही हम
-
तुम्हें नींद नहीं आती तो कोई और वजह होगी..
अब हर ऐब के लिए कसूरवार इश्क तो नहीं..!!
^
जागते रहने से ज्यादा मुझे नींद प्यारी हैं,
क्योकि हकीकत में न सही पर सपनों में तो वो हमारी हैं.
-
सो जाने दे मुझे नींद की गहराईयों में,
जीने नहीं देती उसकी यादें तन्हाईयों में.
*
कितने आँसू
एक साथ आंखों में आ जाते है,
नींद उड़ जाती है तब
जब उनका ख्याल आ जाता हैं
-
हम
नींद के शौक़ीन
ज्यादा तो नहीं लेकिन,▪▪
तेरे ख्वाब न देखूं तो गुज़ारा
नहीं होता
^
ख्वाहिश चाहत से बढ़ गई तू इबादत हो गई हैं,
मेरी नींदों को भी तेरे सपनों की आदत हो गई हैं.
-
ख़्वाब
आंखों से गए
नींद रातों से गई ▪▪
वो गयी तो ऐसा लगा जिंदगी
हाथों से गई
=> 09 - सो जाओ पर शायरी
आज न नींद आई न ख्वाब
आए
तुम जो ख्यालो मे बेहिसाब
आए
-
नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यूँ नहीं,
इतनी ही फ़िक्र है तो फिर हमारे होते क्यूँ नही.
*
नींद से क्या शिकवा
जो आती नहीं रात भर,
कसूर तो उस चेहरे का है,
जो सोने नही देता
-
लगता है मेरी नींद का किसी पराये के साथ चक्कर चल रहा है
सारी सारी रात गायब रहती है।
^
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई,
हम न सोए रात थक कर सो गई.
-
तुमसे पहले भी रातें हमारी बीतती थी
बिना नींद के ही आने से इन आंखों को
अब जागने का एक मतलब मिल गया..
*
मुझे चैन न आये, चैन न आये, चैन न आये
न जाने कहाँ दिल खो गया
-
तुम्हारे ख्वाबों को गिरवी रखके,
तकिये से रोज़ रात थोड़ी नींद उधार लेता हूँ.
^
तारों का गो शुमार में आना मुहाल है,
लेकिन किसी को नींद न आए तो क्या करे.
-
नींद में भी गिरते है मेरे आँख से आँसू,
जब तुम ख़्वाबों में मेरा हाथ छोड़ देते हो.
=> 10 - प्यार में नींद उड़ जाती है शायरी
नीद में सपना देखा तों ख्वाब बन गया,
ख्वाबो में ही सही मिले आप ज़िन्दगी भर का किस्सा बन गया.
-
मुझे नींद का शौक कुछ ज्यादा ही होने लगा है,
तेरे ख्वाब ना देख लूँ तो अगले दिन गुजारा नहीं होता.
*
मुकदमा क्या चलाई तूने मेरे नींद पे,
मेरे सारे ख्वाब तेरे नाम हो गए.
-
अब आओ मिल के सो रहें तकरार हो चुकी,
आँखों में नींद भी है बहुत रात कम भी है. – निज़ाम रामपुरी
^
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई,
हम न सोए रात थक कर सो गई. –
-
नींद आएगी जिस दिन तो इस तरह सोयेंगे,
मुझे जगाने के लिए लोग रोयेंगे.
*
जिन आँखों में ख्वाब होते है,
उन्हें रातों में नींद नही आती है.
-
तुम्हें तो आती होगी नींद सुकून से,
तुमने तो अलविदा भी मुस्कुरा के कहा था.
^
आज न नींद आई न ख्वाब आए,
तुम जो ख्यालो मे बेहिसाब आए.
-
हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे,
अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ.
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