राजनीतिक शायरी हिन्दी मे | 499+ BEST Rajnitik Shayari in Hindi
Rajnitik Shayari in Hindi - Read Best Rajnitik Shayari Attitude, Rajnitik Shayari Photo, युवा राजनीति शायरी, राजनीति शायरी दो लाइन, बेशर्म राजनीति शायरी, राजनीति शायरी Attitude, नेता की तारीफ में शायरी, राजनीति शायरी कांग्रेस, युवा शक्ति और राजनीति शायरी And Share On Your Social Media Like Facebook, WhatsApp And Instagram.
=> 01 - टॉप Rajnitik Shayari in Hindi With Images
दुआ करों मैं कोई रास्ता
निकाल सकूँ
तुम्हे भी देख सकूँ खुद
को भी संभाल सकूँ !!
देश को बदलने का जज्बा
सरकारी नौकरी में आते है
नौकरी मिल जाते ही य
दामाद-सा लुफ्त उठाते है !
*
राजनीति का जनून भी बड़ा गजब होता है
वही लोग दुश्मन बनता है
जो सबसे ख़ास होते है !!
भ्रष्टाचार को भ्रष्टाचार के नाम से ही बेच
रहे है काले धन के है ये वेपारी वोटों के
गरीबी वो क्या मिटायेंगे मिटाकर गरीबों को
जमीन भी बेच खायी ये सौदागर हैं वोटों के !
राजनीति में लोगो को अब बड़ा सोचना चाहिए
जाति-पाति से ऊपर उठकर
ईमानदार नेता चुनाना चाहिए !!
वोटों के खातिर निकले हैं
कुछ सौदागर लेके बण्डल नोटों के
बिकती है हर चीज यहाँ
खरीदार है यहाँ कुछ नेता वोटों के !
*
अपनी तिजोरी तो हर कोई भरता है
ऐसे लोगो को नेता बनाओ जो जनता
में विकास करता है !!
अब ख़ासदार ख़ास आदमी का है कहाँ
अब आमदार आम आदमी का है कहाँ
अब आजकल के नेता कहाँ आपसे यहाँ
अब आदमी भी आज आदमी का है कहाँ !
हमने दुनिया में मुहब्बत का
असर जिंदा किया हैं
हमनें नफ़रत को गले मिल-मिल
के शर्मिंदा किया हैं !!
इस मंच को सभा को ज़रा प्यार दीजिये
थोड़ा प्रशंसकों पर उपकार कीजिये
नेह निमंत्रण इसे स्वीकार लीजिये
नेता जी आप मंच पर आकर विराजिये !
=> 02 - Rajnitik Shayari Attitude
कीमत तो खूब बढ़ गई दिल्ली में धान की
पर विदा ना हो सकी बेटी किसान की !!
तेरे हर झूठे वादे पर मक्कारी पर लानत है देश मे
फैली नफ़रत वाली बीमारी पर लानत है! देश लूटकर
रोज़ लुटेरे नाक के नीचे भाग रहे चौकीदार तेरी ऐसी
चौकीदारी पर लानत है याद है इक जुमले पर
जब क़ुर्बान गई है ये जनता रूठी तो फर्जी़ !
*
जनता ने कैसा माहोल कर दिया बेजान लोगों
को भी हिंदू और मुसलमान कर दिया !!
जनता को वो झूंठे वादे अब फिर से मिलने वाले है
हम जनता के सेवक हैं झांसे फिर से मिलने वाले है
दुनिया की सारी सुख सुबिधायें अब जनता की है
सावधान जनता अब वोटों के भिक्षुक मिलने वाले है !
हल्दी घाटी का युद्ध याद अकबर
को जब आ जाता था
कहते हैं अकबर महलो में
सोते-सोते जग जाता था !!
हर दिन बेचारा सैनिक सरहद पर मारा जाता है
तुम कहते थे एक सर के बदले मे दस सर लाऊँगा
छप्पन इंची वाली ऐसी दमदारी पर लानत है !
*
रहनुमाओं की अदाओं पे फ़िदा है दुनिया
इस बहकती हुई दुनिया को सँभालो यारो !!
आज कल हर जगह वोटो के भिखारी निकल पड़े है
कुटिल राजनीति के मझे हुए खिलाडी निकल पड़े है
गलतियों का दोष औरो पर मढने का जो चलन है
उसे निभाने के लिये बहुत से अनाड़ी निकल पड़े है !
बारी-बारी लूट रहे है लगा-लगा कर अपना
फेरा सामूहिक चुप्पी के
नीचे पलता है बेशर्म अँधेरा !!
-
पूँजीपतियो से सन्यासी की यारी पर लानत है
चौकीदार तेरी ऐसी चौकीदारी पर लानत है
याद करो वो जुमला न खाने दूँगा ना खाऊँगा
वतन पे ऑंच गई तो फिर लाहौर तलक चढ जाऊँगा !
=> 03 - Rajnitik Shayari Photo
सियासत को लहू पीने की लत है
वरना मुल्क में सब खैरियत !!
-
इंडिया की राजनीति मे मचा हुआ घमासान है
लोक सभा की सीट ही जैसे हर नेता का अरमान
है टिकेट पाने होड़ में रिश्ते नाते भूल रह्रे है
पुरानी पार्टी छोड़ कर नए गठबंधन जोड़ रहे है !
*
राजनीति में हर कोई होशियार हैं
हर नेता चोरी करने को तैयार हैं
पकड़ा न जाऊं इसका
ख़ास ध्यान रखते हैं
घमंड से भरे पर साधारण दिखने
का प्रयास करते हैं !!
-
याद है इक जुमले पर जब क़ुर्बान गई है
ये जनता रूठी तो फर्जी़ ऑंसू पर मान
गई है ये जनता ललित से नीरव मोदी तक
पर ख़ामोशी ही ख़ामोशी किसके अच्छे
दिन आये अब जान गई है ये जनता !
न मस्जिद को जानते हैं
न शिवालो को जानते हैं
जो भूखे पेट हैं
वो सिर्फ निवालों को
जानते हैं !!
-
महाराष्ट्र हो या बिहार हर
रिश्ते पड़ी दरार वोट पाने की
चाह में कर रहे एक दूजे पर वार !
*
इस नदी की धार में ठंडी हवा तो आती हैं
नाव जर्जर ही सही लहरों से टकराती तो हैं !
-
सियासत की रंगत में ना डूबो इतना
कि वीरों की शहादत भी नजर ना आए
जरा सा याद कर लो अपने वायदे जुबान को
अगर तुम्हे अपनी जुबां का कहा याद आए !!
अगर कोई आपको भक्त कहकर
संबोधित करे तो समझ जाओ वो अपना
परिचय चमचे के रूप में दे रहा है !!
-
मुझे कर्म करने से मंजिल नहीं
मिल रही है अब बड़ा कांड करके
देखेंगे पंचायती राज !!
=> 04 - युवा राजनीति शायरी
हमारी रहनुमाओ में भला इतना गुमां कैसे
हमारे जागने से नींद में उनकी खलल कैसे !!
-
वाह रे वाह भारत का महान कानून यहां
नाबालिक शादी करे तो जुर्म और
बलात्कार करे तो माफी और साथ मे
सिलाई मशीन फ्री !
*
आज मैं अकेला ही हूं तो क्या हुआ
एक दिन उसे भी
मेरे लिए तड़ पना ही पड़ेगा
सब सुनना साल लगेगा !!
-
सवाल जहर का नहीं था वो तो मैं पी गया
तकलीफ लोगों को तब हुई
जब मैं फिर भी जी गया !!
तु मेरा मुकाबला कहा करेगी बावली
हम तो वह जनाब हैं
जो सर्दियों में भी बड़ी बड़ी हस्तियों
के पसीने को छुड़वा देते हैं !!
-
क्या खोया क्या पाया जग में
मिलते और बिछुड़ते मग मे
मुझे किसी से नही शिकायत
यद्यपि छला गया पग-पग में !!
*
एक चमचा बोला कि गोडसे कौन
थे मैंने जवाब दिया गोडसे आजाद
भारत के वो पहले न्यायाधीश थे जिसने फैसला
ON THE SPOT किया था !!
-
दुश्मनों से इलेक्सन जितने लगा हूँ
तब से उनके ख्वाब टूटने लगे हें !!
न मस्जिद को जानते हैं
न शिवालो को जानते हैं
जो भूखे पेट हैं
वो सिर्फ निवालों को जानते हैं !!
-
राजनीति में अब युवाओं को भी आना चाहिए
देश को ईमानदारी का आईना दिखाना चाहिए
युवा नेता शायरी !!
=> 05 - राजनीति शायरी दो लाइन
सियासत की रंगत में ना डूबो इतना
कि वीरों की शहादत भी नजर ना आए
जरा सा याद कर लो अपने वायदे जुबान को
अगर तुम्हे अपनी जुबां का कहा याद आए !!
-
हम अपना स्टेटस पंचायत राज
के चुनावों में अपडेट करते हैं
पैसों पर नहीं जनता पर राज करते हें !!
*
दुश्मन भी मेरे मुरीद है शायद
वक़्त बे वक़्त मेरा नाम लिया करते है
मेरे गली से गुजरते है छुपा के खन्जर
रू-ब-रू होने पर सलाम
किया करते है !!
-
मुझको तमीज की सीख देने वाले
मैंने तेरे मुँह में कई जुबान देखा है
और तू इतना दिखावा भी ना कर
अपनी झूठी ईमानदारी का
मैंने कुछ कहने से पहले अपने
गिरेबां में देखा है !!
हम दिल से जरा से अच्छे हैं तभी
ही तो चुनाव जीत रहे हैं बुरे होते
तो जनता जीतने नहीं देती !!
-
जो दोस्त हैं वो मांगते हैं सुलह की दुआ
दुश्मन ये चाहते हैं कि आपस में जंग हो !!
*
गंदी राजनीति का यह भी एक परिणाम हैं
बीस रूपये एक बोतल पानी का दाम हैं !!
-
आज भी चुनावों का खेल अकेले ही खेलता हूँ
क्योंकि जनता के विरुध चाल चलना
मेने नहीं सिखा हें !!
धुआं जो कुछ घरों से उठ रहा है
न पूरे शहर पर छाए तो कहना !!
-
सभी एक जैसा ही लिखते है
बस मतलब बदल जाते है
सरकारे वैसे ही चलती हैं बस
वजीर-ए-आजम बदल जाते हैं !
=> 06 - बेशर्म राजनीति शायरी
में तो इलेक्सन का बादशाह हूँ
जो सुनते भी दिल की आवाज हैं
और करते भी अपनी हैं !!
-
तबाह कर दिया अहबाब को
सियासत ने मगर मकान से
झंडा नहीं उतरता है !!
*
राजा बोला रात है
राणी बोली रात है
मंत्री बोला रात है
संत्री बोला रात है
यह सुबह सुबह की बात है !!
-
खेल चुनाव का हो या जिंदगी
का अपना इक्का तभी दिखाना
जब सामने बिग शेर हो तब !
^
नए किरदार आते जा रहे हैं
मगर नाटक पुराना चल रहा है !!
-
तुम से पहले वो जो इक शख़्स यहाँ
तख़्त-नशीं था
उस को भी अपने ख़ुदा होने पे
इतना ही यक़ीं था !!
*
दुनिया को आज मुझ पर हजारो
गलतिया नजर आते हैं कभी वही
लोग हमारी गलती पर भी ताली बजाते हैं !
-
बुलंदी देर तक किस शख़्स के
हिस्से में रहती है
बहुत ऊँची इमारत हर घड़ी
खतरे में रहती है !!
^
लोकतंत्र जब अपने असली
रंग में आता हैं
तो नेताओं की औकात का
पता चल जाता हैं !!
-
चुनावों का बादशाह हूं और कलम
मेरी पंचायत मेरी गुलाम बाकी
मालिक की मेहरबानी !!
=> 07 - राजनीति शायरी Attitude
जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे
किराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी है
सभी का ख़ून है शामिल यहां की मिट्टी में
किसी के बाप का हिंदोस्तान थोडी है !!
-
मैं अपनी आँख पर चशमाँ चढ़ा कर
देखता हूँ नजर उतना ही आता हैं की ज़ितना
वो दिखाता है मैं छोटा हू मगर हर बार कद
अपना बढ़ा कर देखता हूँ !!
*
हमे पढ़ पाना हर किसी की बस की बात नही है
मैं वह किताब हूं जिन शब्दों की जगह
चुनावों की कहानी लिखता हूँ !
-
ये लोग पांव नही जे़हन से अपाहिज है
उधर चलेगे जिधर रहनुमा चलाता है !!
^
नजर वाले को हिन्दू और
मुसलमान दिखता हैं
मैं अन्धा हूँ साहब मुझे तो हर
शख्स में इंसान दिखता हैं !!
-
मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे
मजबूत रखना जरा सी भी चूके तो
चुनावों में जीत मेरी होगी !!
*
वो चाहता था कि कासा खरीद ले मेरा
मैं उसके ताज की क़ीमत
लगा के लौट आया !!
-
नेता भी क्या खूब ठगते हैं
ये तो 5 साल बाद ही दिखते हैं !!
^
नेता की बातों में सच्चाई का
अभाव होता है
झूठ बोलना तो इनका
स्वभाव होता हैं !!
-
ऐसा कोई ईलाका नही जहां अपना कहर
नहीं ऐसी कोई मोहल्ला नही
जहां अपनी चली नही !!
=> 08 - नेता की तारीफ में शायरी
जहाँ सच हैं वहाँ पर हम खड़े हैं
इसी खातिर आँखों में गड़े हैं !!
-
चुनावों में दुनिया को देखो मुस्कुराती
और खुशिया बनाती नजर आएगी !!
*
जो तौर है दुनिया का उसी तौर से बोलो
बहरों का इलाका है ज़रा ज़ोर से बोलो !!
-
मूल जानना बड़ा कठिन हैं नदियों का वीरो का
धनुष छोड़कर और गोत्र क्या होता हैं रणधीरो का
पाते हैं सम्मान तपोबल से भूतल पर शूर
जाति-जाति का शोर मचाते केवल कायर क्रूर !!
^
दुनिया कहती हैं तेरी दोस्ती
कम क्यों हैं लेकिन वह नहीं जानते कि
मेरे दोस्त सारे किंग है !!
-
कैसी है ये ज़िम्मेदारी सांई की
जनता जान गयी मक्कारी सांई की
देश को लूटने वाले लूट के ले जाएं
मान गये हम चौकीदारी सांई की !!
*
चोर बेईमान और भ्रष्ट नेताओं की क्यों करते
हो बात लोकतंत्र की ताकत है जनता में
दिखला दो इनकी औकात !!
-
शेर खुद अपनी ताकत से जंगल का
राजा कहलाता है जंगल में चुनाव नहीं
होते वरना चिड़ीया जानवर भी बादशाह कहलाते !!
^
सरहदों पर बहुत तनाव है क्या
कुछ पता करो चुनाव है क्या !!
-
मुर्दा लोहे को औजार बनाने वाले
अपने आँसू को हथियार बनाने वाले
हमको बेकार समझते हैं सियासत दांर
मगर हम है इस मुल्क की सरकार बनाने वाले !!
=> 09 - राजनीति शायरी कांग्रेस
इस बात से सलाम करना मेरी सूरत
का अंदाजा वह लोग लगाते हें जो मुझे
सलाम टोकते हैं जिन्हें तू सलाम करता है !
-
जिनको हम चुनते हैं वो ही हमें धुनते हैं
चाहे बीवी हो या नेता दोनों कहाँ सुनते हैं !!
*
सरकार को गरीबों का ख्याल
कब आता है चुनाव नजदीक आ जाए तो
मुद्दा उछाला जाता है !!
-
क्या खोया, क्या पाया जग में,
मिलते और बिछुड़ते मग में,
मुझे किसी से नही शिकायत
यद्यपि छला गया पग-पग में.
^
अब कोई और न धोखा देगा,
इतनी उम्मीद तो वापस कर दे.
हम से हर ख़्वाब छीनने वाले,
हमारी नींद तो वापस कर दे..
-
बन सहारा बे-सहारो के लिये,
बन किनारा बे-किनारो के लिये,
जो जीये अपने लिये तो क्या जीये,
जी सके तो जी हज़ारो के लिये.
*
जो मातृभूमि की जय कहते सकुचाते
मजहब को मुल्क से ऊपर बतलाते
नमक देश का खााते दुश्मन गुण गाते
ऐसे गद्दारों पे कुत्ते भी तो शरमाते.
-
न मस्जिद को जानते हैं,
न शिवालो को जानते हैं,
जो भूखे पेट हैं,
वो सिर्फ निवालों को जानते हैं.
^
सियासत की रंगत में ना डूबो इतना,
कि वीरों की शहादत भी नजर ना आए,
जरा सा याद कर लो अपने वायदे जुबान को,
गर तुम्हे अपनी जुबां का कहा याद आए.
-
नजर वाले को हिन्दू और मुसलमान दिखता हैं,
मैं अन्धा हूँ साहब, मुझे तो हर शख्स में इंसान दिखता हैं.
=> 10 - युवा शक्ति और राजनीति शायरी
दोस्ती हो या दुश्मनी सलामी दूर से अच्छी लगती हैं,
राजनीति में कोई नही सगा, ये बात सच्ची लगती हैं.
-
अपनी अदा हैं सबसे निराली
इसलिए राजनीति से दूरी बना ली
*
बारूद के इक ढेर पे बैठी दुनिया को क्या सूझ रही हैं
शोलो से हिफ़ाजत का हुनर पूछ रही हैं
-
मेरा झुकना और तेरा खुदा हो जाना,
अच्छा नही, इतना बड़ा हो जाना.
^
दुश्मन तो खोद निकलेंगे हम सात समन्दर पार से !
लेकिन कैसे बच पायेंगे अपने घर के गद्दार से !!
-
भारत पर जो हमला करते नापाकी हथियार से,
ऐसे कुत्ते लाकर टाँगो सात समंदर पार से !
*
सियासत इस कदर अवाम पे अहसान करती है,
पहले आँखे छीन लेती है फिर चश्में दान करती है.
-
आत्महत्या की चिता पर देखकर किसान को
नींद कैसे आ रही हैं देश के प्रधान को.
^
इस नदी की धार में ठंडी हवा तो आती हैं,
नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो हैं.
-
न समझोगे तो मिट जाओगे ऐ हिंदुस्तान वालो
तुम्हारी दास्ताँ तक भी न होगी दास्तानों में
Recommended Posts :
Thanks For Read राजनीतिक शायरी हिन्दी मे | 499+ BEST Rajnitik Shayari in Hindi. Please Check New Updates On Shayari777 Blog For Get Fresh New Hindi Shayari, English Shayari, Love Shayari, Sad Shayari, Motivational Shayari, Attitude Shayari And All Type Shayari Poetry.
No comments:
Post a Comment