सुकुन शायरी हिन्दी मे | 499+ BEST Sukun Shayari in Hindi
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=> 01 - टॉप Sukun Shayari in Hindi With Images
कमाता चला जा रहा है पर वक्त नहीं है
क्या खुशी ढूंढ रहा है जब सुकून नहीं है
कहते है कब्र में सुकून की नींद होती है
अजीब बात है की यह बात भी जिन्दा लोगो ने कही
*
दौलतमन्द दौलत कमाकर भी मीठी नींद नहीं पाते हैं
गरीब चंद पैसे कमाकर भी सुकून से सो जाते हैं
चकाचौंध के पीछे भागोगे तो सुकून कहाँ पाओगे
दुनिया भर की दौलत से भी ख़ुशी खरीद ना पाओगे
उन्हें कामयाबी में सुकून नजर आया तो वो दौड़ते गए
हमें सुकून में कामयाबी दिखी तो हम ठहर गए
जो अंधेरे बचपन में डराते थे
वोही अंधेरे आज दिल को सुकून देते हैं
*
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ
ना तुम मिले ना सुकून मिला
तेरे बाद ना फिर प्यार का फूल खिला
बिन बुलाए भी जहां जाने को जी चाहता है
वो चौखट ही है तेरी माँ जहां यह बंदा सुकून पाता है
सुकून की उड़ान आज परिंदों के पैरों में है
क्योंकि शिकारी सारे बंद अपने अपने घरों में है
=> 02 - Sukun Shayari 2 Line
शब्दों का भी तापमान होता है
ये सुकून भी देते है और जला भी देते हैं
तलाश दिल को सिर्फ सुकून की होती है
नाम रिश्तों का कुछ भी हो
*
मिल जाता है सुकून उनकी तस्वीर देख कर
कुछ शख्स हमारी जिंदगी में ऐसे भी होते हैं
जागना भी कबूल है तेरी यादों में रात भर
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहॉ
थोड़ा सुकून भी जरूरी है ज़िन्दगी मे
यह जरूरते तो कभी ख़तम नहीं होती
एक तो सुकून और एक तुम
कहां रहते हो आजकल मिलते ही नहीं।
*
तलाश दिल को सिर्फ सुकून की होती है…
नाम रिश्तों का कुछ भी हो..
तेरी चाहतों को देख जुनून आता है,
तेरे चेहरे को देख सुकून आता है,
जी चाहता है तुझे यूँही उम्र भर ताड़ता रहूं,
मगर तेरे भाई इन नज़रों के बीच क्यूँ आता है।
कभी ऐसा भी होता है कि सुकून के लिए,
किसी दवा कि नहीं किसी के लफ्जों की जरूरत होती है।
-
सपनों के चक्कर में नींद बेच दी,
ऐशो-आराम खरीदने के लिए सुकून बेच दिया।
=> 03 - Sukun Shayari Dp
सुकून की बात मत कर ऐ दोस्त,
बचपन वाला इतवार जाने क्यूँ अब नहीं आता।
-
यूँ बेवफाई कर तुम भी सुकून से ना रहे पाओगे,
इस जालिम दुनिया में देखना,
तुम भी किसी और की बेवफाई का शिकार हो जाओगे।
*
चकाचौंध के पीछे भागोगे तो सुकून कहाँ पाओगे,
दुनिया भर की दौलत से भी ख़ुशी खरीद ना पाओगे।
-
थोड़ा सुकून भी जरूरी है ज़िन्दगी मे,
यह जरूरते तो कभी ख़तम नहीं होती।
सुकून दिल को सदा जिस के नाम से आया,
वो आया भी तो किसी और काम से आया।
-
मेरे हर एक नज़्म पर हमेशा,
तेरा ही सुरुर छाया होता है,
कैसे बात ना करू तुझ से,
आखिर ये सुकून का नशा है।
*
बेचैनी भी जहाँ सुकून देने लगती है,
आ देख, उस दौर से गुजर रहा हूँ मैं।
-
एक महबूब लापरवाह सा, एक मोहब्बत बेपनाह सी,
दोनों काफी हैं सुकून बर्बाद करने को।
कमाता चला जा रहा है पर वक्त नहीं है,
क्या खुशी ढूंढ रहा है जब सुकून नहीं है।
-
काश एक सिरहाना ऐसा भी हो,
जहाँ मेरे गम सर रख कर सुकून से सो सके,
काश एक कमरा ऐसा भी हो,
जहाँ मेरी आँखे चीख-चीख कर रो सके।
=> 04 - सुकून शायरी दो लाइन
साहिल के सुकून से किसे इन्कार है लेकिन,
तूफान से लड़ने में मज़ा ही कुछ और है।
-
साहिल के सुकून से किसे इन्कार है लेकिन,
तूफान से लड़ने में मज़ा ही कुछ और है।
*
जहां न दिल को सुकून है न है क़रार मुझे,
ये किस मक़ाम पे ले आई याद-ए-यार मुझे।
-
वो हिचकिया एक अजीब सुकून दे जाती है,
जो तेरा नाम लेने से रुक जाती है।
खुशबू बनकर तेरी साँसों में समा जायेंगे,
सुकून बनकर तेरे दिल में उतर जायेंगे,
महसूस करने की कोशिश तो कीजिये,
दूर रहते हुए भी पास नज़र आएँगे.
-
मोहब्बत कभी खत्म नहीं होती, सिर्फ बढ़ती है,
या तो सुकून बनकर या दर्द बनकर।
*
सुकून की एक रात भी शायद नहीं ज़िंदगी में,
ख्वाहिशों को सुलाओ तो यादें जाग जाती हैं।
-
जागना भी कबूल हैं तेरी यादों में रात भर,
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ।
मेरी हर खता पर नाराज़ न होना,
अपनी प्यारी सी मुस्कान कभी न खोना,
सुकून मिलता है देखकर आपकी मुस्कराहट को,
मुझे मौत भी आये तो भी मत रोना।
-
अपनी हार पर कितना सुकून था मुझे,
जब उसने गले लगाया जीतने के बाद।
=> 05 - इश्क और सुकून शायरी
जिद में आकर उनसे ताल्लुक तोड़ लिया हमने,
अब सुकून उनको नहीं और बेकरार हम भी हैं।
-
जब ज़िंदगी सुकून से महरूम हो गई,
उन की निगाह और भी मासूम हो गई।
*
एक सुकून की तलाश में,
जाने कितनी बेचैनियाँ पाल लीं,
और लोग कहते हैं हम बड़े हो गए,
हमने जिंदगी संभाल ली।
-
थोड़ा सुकून भी ढुँढिए जनाब,
ये जरूरते तो कभी खत्म न होगी।
जहाँ भी ज़िक्र हुआ सुकून का,
वहीँ तेरी बाहोँ की तलब लग जाती हैं।
-
ज़रा सुकून भी सहरा के प्यार ने न दिया,
मुसाफ़िरों को हवा ने पुकारने न दिया।
*
वो ना आए उनकी याद वफा कर गई,
उनसे मिलने की चाह सुकून तभा कर गई,
आहट दरवाजे की हुई तो उठकर देखा,
मजाक हमसे वफा कर गई।
-
हमसे मत पूछना ख़्वाबों की क़ीमत,
बहुत ख़्वाबों को पाला है हमने भी सुकून बेच कर।
अब बड़े हो गए तो ये जान चुके है की,
इंसान या तो सुकून में रह सकता है या बड़े घर में।
-
चेहरे पर सुकून तो बस दिखाने भर का हैं,
वरना बेचैन तो दिल जमाने भर का है।
=> 06 - सुकून भरी जिंदगी
तू मुझसे दूर है और पास भी,
तू लबों की हंसी है और आंसू भी,
तू दिल का सुकून है और बेचैनी भी,
तु मेरी अमानत है और एक सपना भी।
-
ना शायरी में मिलेगा, ना नग्मों में मिलेगा,
ये सुकून बस माँ के क़दमों में मिलेगा।
*
ना तुम मिले ना सुकून मिला,
तेरे बाद ना फिर प्यार का फूल खिला।
-
दूसरों को हंसी देकर मैं भी मुस्कुराता हूँ,
दूसरों के सुकून से मैं भी सुकून पाता हूँ।
^
तेरे इश्क ने दिया सुकून इतना,
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे,
तुझे करने है बेवफाई तो इस अदा से कर
कि तेरे बाद कोई बेवफा न लगे।
-
जिन अँधेरी रातों में चीज़ें तक नहीं मिलती,
आज वही मुझे सुकून मिल रहा है।
*
आयोडेक्स सा है, प्यार तेरा,
कभी जलन देता है, तो कभी सुकून देता है।
-
सांसो में समाओ तो खुशबु है हम,
और दिल में उतरो तो सुकून है हम।
^
खुद औरों को दर्द दिये फिरतें है,
और कहतें है सुकून भरी बाँहों की तलाश है हमे।
-
जलजला-सा जो था कल,
वो आज सुकून-सा है,
मोहोब्बत ना छोड़ी जायेगी अब हमसे,
उसका तो अब जूनून-सा है।
=> 07 - जिंदगी सुकून शायरी
सालो साल बातचीत से उतना सुकून नही मिलता,
जितना सिर्फ एक बार गले लग कर मिलता है।
-
इश्क़ भी हो सुकून भी मिले,
खुदा ने ये सहूलियत बनायी ही नहीं।
*
किसी और से दिल लगाते तो हम भी सुकून पाते,
उसकी चाहत में यूँ सरेआम जलालत ना उठाते।
-
सुकून की तलाश में हम दिल बेचने निकले थे,
खरीदार दर्द दे गया और दिल भी दे गया।
^
चलो थोड़ा सुकून की और चला जाए,
जो दिल दुखाते हैं उनसे दूर ही रहा जाए।
-
मिल जाता है सुकून उनकी तस्वीर देख कर,
कुछ शख्स हमारी जिंदगी में ऐसे भी होते हैं।
*
बचपन जो गया, सुकून साथ ले गया,
चुनौतियों और जिम्मेदारियों का बोझ दे गया।
-
ना जाने क्यों पैसो का हमने इतना ऊंचा औदा कर दिया, सुकून बेच कर हमने चंद पैसे कमाए ये तो घाटे का सौदा कर दिया।
^
तेरे जाने के बाद भी जागता हूँ रात भर, अब जो तेरी यादों को याद करने में सुकून है वो इस कम्बख्त नींद में कहाँ।
-
चलो थोड़ा सुकून की और चला जाए, जो दिल दुखाते हैं उनसे दूर ही रहा जाए।
=> 08 - सुकून Quotes
हमसे मत पूछना ख़्वाबों के क़ीमत बहुत ख़्वाबों को पाला है हमने भी सुकून बेच कर।
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आओ एक काम हम भी काम का करते है, एक दिन सुकून से मिल कर एक दिन एक दूसरे के नाम का करते हैं।
*
सपनों के चक्कर में नींद बेच दी, ऐशो-आराम खरीदने के लिए सुकून बेच दिया।
-
काश एक सिरहाना ऐसा भी हो जहाँ मेरे गम सर रख कर सुकून से सो सके, काश एक कमरा ऐसा भी हो जहाँ मेरी आँखे चीख-चीख कर रो सके।
^
बेचैनी कई दफा सुकून दे जाता है, सुकून कई दफा इंसान को बेचैन कर देती है।
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मुझे लगता है की मरने से पहले इंसान कभी चैन से जी ही नहीं पाएगा।
*
ना शायरी में मिलेगा ना नग्मों में मिलेगा, ये सुकून बस माँ के क़दमों में मिलेगा।
-
छाव में बाद में बैठ लूँगा पहले मैं थोड़ा जलना चाहता हूँ, सुकून शायद बाद में ढूंढ लूँगा।
^
अपनी महंगी घड़ी हाथों में संभाले हुए सोचता हूँ ना जाने कितना वक़्त निकल गया खुद के लिए वक़्त निकाले हुए।
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इस उम्मीद में थे की आगे सुकून मिलेगा, ज़िन्दगी के सफर में ना जाने कितना चल दिए।
=> 09 - चेहरे पर सुकून शायरी
मकान है पर थकान उतरती ही नहीं, ये ज़िन्दगी जो सालों से बिखरी हुई है संवरती ही नहीं।
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बहुत बड़ा है दुनिया का बाजार मगर एक सुकून की दुकान मुझे नज़र नहीं आती।
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सब कुछ पा लेने की बेचैनी से बेहतर कभी-कभी खो देने में सुकून है, झूठी मुस्कराहट मुस्कुरा देने से बेहतर कभी-कभी रो देने में सुकून है।
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बेचैनी भी जहाँ सुकून देने लगती है, आ देख, उस दौर से गुजर रहा हूँ मैं।
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फुर्सत ही महंगी है वरना सुकून तो इतना सस्ता है की चाय की प्याली में भी मिल जाता है।
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ये इश्क़ जूनून सा होता है इसमें दर्द भी सुकून सा होता है।
*
कभी-कभी सोचता हूँ सुकून की शामें बेच कर अगर अमीरी के दिन मिल भी गए तो क्या फायदा।
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जिन अँधेरी रातों में चीज़ें तक नहीं मिलती आज वही मुझे सुकून मिल रहा है।
^
सुकून तो उसी दिन नीलाम हो गया हमने जिस दिन खुदा से ऐशो-आराम मांग लिया था।
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तू मिलता तो सुकून मिलता अब तू नहीं तो चैन से जीना किसे है।
=> 10 - सुकून शायरी रेख़्ता
उन्हें कामियाबी में सुकून नज़र आया तो वो दौड़ते गए, हमे सुकून में कामियाबी नज़र आ गई तो हम ठहर गए।
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अब बड़े हो गए तो ये जान चुके है की इंसान या तो सुकून में रह सकता है या बड़े घर में।
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ज़िन्दगी में भागे जा रहे हैं, कामयाबी की तलाश में, सुकून से ही दूर जा रहे है, सुकून की तलाश मे।
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ना हमे सुकून मिला ना हम सुकून से मिल सके, अब पानी डालने का समय ही नहीं की फिर से ज़िन्दगी के मुरझाए फूल खिल सके।
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पैसा वो पहेली थी जिस में घर का रास्ता भूल गए, पैसा तो क़रीब आ गया पर मुझसे मेरे अपने दूर गए।
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जानता हूँ पैसो से ऐशो-आराम तो मिल जाएगा पर सुकून खरीद सको तो मान जाएंगे तुम्हे।
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सोचा था घर बनाकर बैठूंगा सुकून से, पर घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना दिया।
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सोचा था घर बनाकर बैठूंगा सुकून से, पर घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना दिया।
^
मैं खुशबू हूँ फूल से जुदा मत कर फिजाओं में खो जाऊँगा,
तेरी जुल्फ के साए न मिले तो मौत की गोद में सो जाऊँगा।
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बहाकर मेरे इस दिल के खून को,
चले गए लेकर वो मेरे सुकून को।
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