तन्हाई शायरी हिन्दी मे | 299+ BEST Tanhai Shayari in Hindi
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=> 01 - टॉप Tanhai Shayari in Hindi With Images
लोग आज भी तेरे बारे में पूछते है,,,,
की कहाँ है वो,,,,
मैं बस दिल पर हाथ रख देता हूँ…!!
खुदा की रहमत में अर्जियां नहीं चलती,
दिलो के खेल में खुद-गर्जियाँ नही चलती,
चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिये हुजुर,
इश्क की राह में मन-मर्जियां नहीं चलती।
*
बदनामी के दर से मैं रो भी नहीं पा रहा ,
तेरी याद के साये में मैं सो भी नहीं पा रहा।
सोचा के तुझे भूल कर और किसी को याद करू ,
पर लाख कोशिशों के बावजूद मैं किसी और
के ख्यालो में खो भी नहीं पा रहा।.
वक़्त बहुत कुछ चीन लेता है
खैर मेरी तोह सिर्फ मुस्कराहट
खुशियां और रातों की नींद थी।
कुछ देर बैठी रही पास, और फिर
उठ कर चली गई गुरुर तो देखो तन्हाई
का ये भी बेवफ़ा हो कर चली गई.
इश्क़ के नशे डूबे तो ये जाना हमने फ़राज़ !
की दर्द में तन्हाई नहीं होती.तन्हाई में दर्द होता है
*
मेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज़्र के दौर में गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,
दिनों को तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में,
जहाँ तन्हा मिलोगे तुम तुम्हें रातें रुलायेंगी।
मेरी तन्हाई को मेरा शौक न समझना,
बहुत प्यार से दिया है ये तोहफा किसी ने।
रिश्ते छूट रहे हैं लोगों को परवाह नहीं है
मोबाइलों के अलावा कहीं निगाहें नहीं है
सामने बैठकर घंटों मोन रहते है यूँ तो
रिप्लाई आये ना तो चेहरे पे लाह नहीं है।
कांटो सी दिल में चुभती है तन्हाई,
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई,
कोई आ कर हमको जरा हँसा दे,
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई।
=> 02 - Tanhai Shayari in Hindi For Girlfriend
अपनी तन्हाई में खलल यूँ डालूँ सारी रात…
खुद ही दर पे दस्तक दूँ और खुद ही पूछूं कौन?
उतरे जो ज़िन्दगी तेरी गलियों में हम,
महफ़िल में रह के भी रहे तन्हाइयो में हम,
दीवानगी नहीं तो और किया कहे इसे,
इंसान ढूंढते रहे परछाइयों में हम…
*
लोगों ने छीन ली है मेरी तन्हाई तक,
इश्क आ पहुँचा है इलज़ाम से रुसवाई तक।
तुम नहीं अब जहाँ में तनहा से हैं
हम यहाँ बुला लो मुझे अपने जहाँ में
दे न पाव तन्हाई का इम्तेहान।
जो रूह की तन्हाई होती हैं ना,
उसको कोई ख़त्म नही कर सकता
मुश्किल की घडी जहन में उनका
नाम आता है जमाना छोड़ देता है
जब भी वो काम आता है।
*
ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है
ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है
इफ़्तिख़ार आरिफ़
उनके जाने के बाद,तन्हाई का सहारा मिला है
इसकी आगोश में आये, फिर निकलना नही आया.
तन्हाई का उसने मंज़र नहीं देखा,
अफ़सोस की मेरे दिल के अन्दर नहीं देखा,
दिल टूटने का दर्द वो क्या जाने,
वो लम्हा उसने कभी जी कर नहीं देखा.
-
कुछ सोचो तो तेरा ख्याल आता है
कुछ बोलूं तो तेरा नाम आता है
काब तक छुपाऊ में अपने दिल की बात
उस की हार अदा पे हमें प्यार आता है।
=> 03 - रोमांटिक तन्हाई शायरी
यादों की अर्थी तन्हाई का क़फ़न गम का तकिया,
इंतज़ार तो सब हो गया बस नींद का आना बाक़ी हैं
-
रात की तन्हाई मैं तो हर
कोई याद कर लेता है…
सुबह उठा ते ही जो याद आये
मोहब्बत उसे कहते हैं।
*
मैं और मेरी तन्हाई अक्सर ये बातें करते हैं,
कि नाश्ते मैं पोहा होता तो कैसा होता?
साथ जलेबी पानी पुरी होती तो कैसा होता?
-
किसी के लिए आंसूं बहाने से कोई
अपना नहीं होता जो अपना
होता है वो कभी रोने नहीं देता।
कितना भी दुनिया के लिए हँस के
जी लें हम, रुला देती है फिर भी
किसी की कमी कभी-कभी।
-
तन्हाई में मुस्कुराना भी इश्क़ है
और इस बात को सबसे छुपाना भी इश्क़ है
*
वो उँगलियों पे गिनते हैं ज़ुल्म जिनका
कुछ हिसाब नही तुम नहीं, गम नहीं,
शराब नहीं ऐसी तन्हाई का जवाब नही.
-
दिल की तन्हाई को Post बना लेते है
दर्द जब हद से गुजरता हैं,
तो Facebook चला लेते हैं
हमारे चले जाने के बाद,
ये समुंदर भी पूछेगा तुमसे,
कहा चला गया वो शख्स
जो तन्हाई मे आ कर,
बस तुम्हारा ही नाम लिखा करता था
-
बता दो मुझे ज़रा की मेरा तुम्हे
चाहना गलत है क्या ?
क्यों नहीं बन रही बात अपनी
किसी और से मोहब्बत है क्या।
=> 04 - मै और मेरी तन्हाई शायरी
तन्हाई ना पाए कोई साथ के बाद,
जुदाई ना पाए कोई मुलाकात के बाद,
ना पड़े किसी को किसी की आदत इतनी,
कि हर सांस भी आए उसकी याद के बाद..
-
कितनी अजीब है मेरे अंदर की तन्हाई भी
हज़ारों अपने है मगर याद तुम ही आते हो।
*
तन्हाई से तँग आकर हम मोहब्बत की तलाश मैं निकले थे….
लेकिन मोहब्बत ऐसी मिली कि तनहा कर गयी
-
गलतियां की थी मेने पर
इतनी भी बड़ी नहीं जितनी बड़ी
सजा मिल रही है।
गलतियां की थी मेने पर
इतनी भी बड़ी नहीं जितनी बड़ी
सजा मिल रही है।
-
मेरी कमी बताने वाले खुद की कमी
तोह देखो तुम.. जो आइना मुझे दिखा
रहे हो वो खुद भी कभी देखो तुम।
*
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा
-
तेरे बिना ये कैसे गुजरेंगी मेरी रातें,
तन्हाई का गम कैसे सहेंगी ये रातें,
बहुत लम्बी हैं ये घड़ियाँ इंतज़ार की,
करवट बदल-बदल के कटेंगी ये रातें।
तू ना निभा सकी तो क्या मै अपनी मोहब्बत
को अंजाम दूंगा तुझसे मिलना ना हुआ नसीब
में तो क्या हुआ मै अपनी औलाद को तेरा नाम दूंगा।
-
किसी को प्यार की सच्चाई मार डालेगी,
किसी को दर्द की गहराई मार डालेगी,
मोहब्बत में बिछड़ के कोई जी नहीं सकता,
और बच गया तो उसे तन्हाई मार डालेगी।
=> 05 - अकेलापन शायरी
मतलब की दुनिया थी
इसलिए चोर दिया सबसे मिलना
वरना ये छोटी सी उम्र तन्हाई
के क़ाबिल न थी।
-
मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता बारे में क्या सोचते हैं
बस मेरा खुदा जनता है की मेने कभी किसी का
बुरा नहीं चाहा है।
*
इस तरह हम सुकून को महफूज़ कर लेते हैं,
जब भी तन्हा होते हैं तुम्हें महसूस कर लेते हैं।
-
तन्हाई में नींद नहीं आती हमे
गुज़र जाती है हर रात किसी को याद
करते करते।
मैं हूँ दिल है तन्हाई है,
तुम भी जो होते तो अच्छा होता।
-
तुझ पे खुल जाती मेरे रूह की तन्हाई भी,
मेरी आँखों में कभी झांक के देखा होता
*
छोड कर जाना सोची समझी साजिश थी …
वर्ना तुम तो झगड़ा भी कर सकती थी…!
-
जब से देखा है चाँद को तन्हा,
तुम से भी कोई शिकायत ना रही।
आज की रात… जो मेरी तरह तन्हा है,
मैं किसी तरह गुजारूँगा चला जाऊंगा,
तुम परेशाँ न हो बाब-ए-करम-वा न करो,
और कुछ देर पुकारूंगा चला जाऊंगा।
-
शाम-ए तन्हाई में इजाफा बेचैनी,
एक तेरा ख्याल न जाना एक दूसरा तेरा जवाब न आना
=> 06 - तन्हाई शायरी 2 लाइन
ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है
दोस्तों, जिसको कोई मिल गया वो
और तन्हा हो गया।
-
कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ-कहाँ से गुजरे,
अकेले ही नजर आये हम जहाँ-जहाँ से गुजरे।
*
आँखें फूटें जो झपकती भी हों,
शब-ए-तन्हाई में कैसा सोना।
-
अब तो याद भी उसकी आती नहीं,
कितनी तनहा हो गई तन्हाईयाँ
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियो की आदत हो गयी है,
न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,
अगर है… तो एक मोहब्बत,
जो इन तन्हाइयों से हो गई है ।
-
वो हर बार मुझे छोड़ के चले जाते हैं तन्हा,
मैं मज़बूत बहुत हूँ लेकिन कोई पत्थर तो नहीं हूँ।
*
मैं भी तनहा हूँ और तुम भी तन्हा,
वक़्त कुछ साथ गुजारा जाए।
-
तन्हाई की आग में कहीं जल ही न जाऊँ,
के अब तो कोई मेरे आशियाने को बचा ले
^
अब तो हसरत ही नहीं रही
किसी से वफ़ा पाने की दिल इस क़दर
टूटा है की अब सिर्फ तन्हाई अच्छी लगती है।
-
सहारा लेना ही पड़ता है मुझको दरिया का,
मैं एक कतरा हूँ तनहा तो बह नहीं सकता।
=> 07 - दर्द ए तन्हाई शायरी
शायद इसी को कहते हैं मजबूरी-ए-हयात,
रुक सी गयी है उम्र-ए-गुरेजां तेरे बगैर।
-
कहीं पर शाम ढलती है कहीं पर रात होती है,
अकेले गुमसुम रहते हैं न किसी से बात होती है,
तुमसे मिलने की आरज़ू दिल बहलने नहीं देती,
तन्हाई में आँखों से रुक-रुक के बरसात होती है।
*
इस तन्हाई का हम पे बड़ा एहसान है
साहब न देती ये साथ अपना तो जाने
हम किधर जाते.
-
तेरा पहलू तेरे दिल की तरह आबाद रहे,
तुझपे गुजरे न क़यामत शब-ए-तन्हाई की।
^
यादों में आपके तनहा बैठे हैं,आपके
बिना लबों की हँसी गँवा बैठे हैं,
आपकी दुनिया में अँधेरा ना हो,
इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं।
-
यादों में आपके तनहा बैठे हैं,आपके
बिना लबों की हँसी गँवा बैठे हैं,
आपकी दुनिया में अँधेरा ना हो,
इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं।
*
चलते-चलते अकेले अब थक गए हम,
जो मंज़िल को जाये वो डगर चाहिए,
तन्हाई का बोझ अब और उठता नहीं,
अब हमको भी एक हमसफ़र चाहिए।
-
मुझे तन्हाई की आदत है
मेरी बात छोडो, तुम बताओ कैसी हो ?
^
मैं तन्हाई को तन्हाई में तनहा कैसे
छोड़ दूँ ! इस तन्हाई ने तन्हाई में
तनहा मेरा साथ दिए है !!
-
एक तेरे ना होने से बदल जाता है सब कुछ
कल धूप भी दीवार पे पूरी नहीं उतरी।
=> 08 - रात की तन्हाई शायरी
तन्हाईयाँ कुछ इस तरह से डसने लगी मुझे,
मैं आज अपने पैरों की आहट से डर गया।
-
मैंने तन्हाई में हमेशा तुम्हे पुकारा है,
सुन लो गौर से ऐ सनम, तेरे बिना
ज़िंदगी अधूरी सी लगती है।
*
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,
हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है।
-
हर वक़्त का हँसना तुझे बर्बाद ना कर दे,
तन्हाई के लम्हों में कभी रो भी लिया कर।
^
लोग आज भी तेरे बारे में पूछते है,,,,
की कहाँ है वो,,,,
मैं बस दिल पर हाथ रख देता हूँ…!!
-
खुदा की रहमत में अर्जियां नहीं चलती,
दिलो के खेल में खुद-गर्जियाँ नही चलती,
चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिये हुजुर,
इश्क की राह में मन-मर्जियां नहीं चलती।
*
बदनामी के दर से मैं रो भी नहीं पा रहा ,
तेरी याद के साये में मैं सो भी नहीं पा रहा।
सोचा के तुझे भूल कर और किसी को याद करू ,
पर लाख कोशिशों के बावजूद मैं किसी और
के ख्यालो में खो भी नहीं पा रहा।.
-
वक़्त बहुत कुछ चीन लेता है
खैर मेरी तोह सिर्फ मुस्कराहट
खुशियां और रातों की नींद थी।
^
कुछ देर बैठी रही पास, और फिर
उठ कर चली गई गुरुर तो देखो तन्हाई
का ये भी बेवफ़ा हो कर चली गई.
-
मेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज़्र के दौर में गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,
दिनों को तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में,
जहाँ तन्हा मिलोगे तुम तुम्हें रातें रुलायेंगी।
=> 09 - शाम की तन्हाई शायरी
उनके सीनो में कभी झाँक कर
तो देखो कितना रूट हैं तन्हाई में
को हँसाने वाले।
-
रिश्ते छूट रहे हैं लोगों को परवाह नहीं है
मोबाइलों के अलावा कहीं निगाहें नहीं है
सामने बैठकर घंटों मोन रहते है यूँ तो
रिप्लाई आये ना तो चेहरे पे लाह नहीं है।
*
इस तरह हम सुकून को महफूज़ कर लेते हैं,
जब भी तन्हा होते हैं तुम्हें महसूस कर लेते हैं।
-
उतरे जो ज़िन्दगी तेरी गलियों में हम,
महफ़िल में रह के भी रहे तन्हाइयो में हम,
दीवानगी नहीं तो और किया कहे इसे,
इंसान ढूंढते रहे परछाइयों में हम…
^
तुम नहीं अब जहाँ में तनहा से हैं
हम यहाँ बुला लो मुझे अपने जहाँ में
दे न पाव तन्हाई का इम्तेहान।
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मुश्किल की घडी जहन में उनका
नाम आता है जमाना छोड़ देता है
जब भी वो काम आता है।
*
उनके जाने के बाद,तन्हाई का सहारा मिला है
इसकी आगोश में आये, फिर निकलना नही आया.
-
कुछ सोचो तो तेरा ख्याल आता है
कुछ बोलूं तो तेरा नाम आता है
काब तक छुपाऊ में अपने दिल की बात
उस की हार अदा पे हमें प्यार आता है।
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रात की तन्हाई मैं तो हर
कोई याद कर लेता है…
सुबह उठा ते ही जो याद आये
मोहब्बत उसे कहते हैं।
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किसी के लिए आंसूं बहाने से कोई
अपना नहीं होता जो अपना
होता है वो कभी रोने नहीं देता
=> 10 - तन्हाई शायरी रेख़्ता
कितना भी दुनिया के लिए हँस के
जी लें हम, रुला देती है फिर भी
किसी की कमी कभी-कभी।
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कितना भी दुनिया के लिए हँस के
जी लें हम, रुला देती है फिर भी
किसी की कमी कभी-कभी।
*
तन्हाई तो साथी है अपनी ज़िन्दगी
के हर एक पल की चलो यह शिकवा भी
दूर हुआ के किसी ने साथ न दिया।
-
कभी कभी हम किसी के लिए
इतने भी खास नहीं होते ?
जितना हम खुद सोच लेते है।
^
तेरे बिना ये कैसे गुजरेंगी मेरी रातें,
तन्हाई का गम कैसे सहेंगी ये रातें,
बहुत लम्बी हैं ये घड़ियाँ इंतज़ार की,
करवट बदल-बदल के कटेंगी ये रातें।
-
मैं हूँ दिल है तन्हाई है,
तुम भी जो होते तो अच्छा होता।
*
तन्हाई में जीना सिख लो दोस्तों
मोहब्बत कितनी ही सच्ची हो
एक दिन साथ चोर जाती है।
-
बता दो मुझे ज़रा की मेरा तुम्हे
चाहना गलत है क्या ?
क्यों नहीं बन रही बात अपनी
किसी और से मोहब्बत है क्या।
^
तन्हाई ना पाए कोई साथ के बाद,
जुदाई ना पाए कोई मुलाकात के बाद,
ना पड़े किसी को किसी की आदत इतनी,
कि हर सांस भी आए उसकी याद के बाद..
-
कितनी अजीब है मेरे अंदर की तन्हाई भी
हज़ारों अपने है मगर याद तुम ही आते हो।
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