तारीफ शायरी हिन्दी मे | 99+ BEST Tareef Shayari in Hindi
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=> 01 - टॉप Tareef Shayari in Hindi With Images
हुस्न का बिखरा शबाब यहां हर तरफ
बंद करता हूं नजर तो दिल हो जाए खराब !
नही भाता अब तेरे सिवा किसी और का चेहरा
तुझे देखना और देखते रहना दस्तूर बन गया है
*
ऐसी कोई तारीफ ही नही है
जो तुम्हारी तारीफ कर सके !
चांद को बहुत गुरूर था उसकी खूबसूरती पर
तोड़ दिया हमने तुम्हारी तस्वीर दिखा कर !
लाजवाब हुस्न रंगीन मौसम सांझ है
तेरी चाल मे तू परी है जन्नत से उतरी
हम पागल है हर हाल मे !
दुनिया मे तेरा हुस्न मेरी जान सलामत रहे
सदियो तक जमी पे तेरी कयामत रहे !
*
तेरे हुस्न को परदे कि जरुरत क्या है
कौन रहता है होश में तुझे देखने के बाद !
उनकी एक मुस्कराहट ने हमारे होश उड़ा दिए
हम होश मे आ ही रहे थे की वो फिर मुस्कुरा दिए !
कैसे बयान करे सादगी अपने महबूब की
पर्दा हमी से था मगर नजर भी हमी पे थी !
काटे नही कटते लम्हे इन्तजार के
नजरे बिछाएं बैठे है रास्ते पे यार के !
=> 02 - Tareef Shayari For Beautiful Girl in Hindi
ऐसा ना हो तुझको भी दीवाना बना डाले
तन्हाई मे खुद अपनी तस्वीर न देखा कर !
मुझे दुनिया की ईदो से भला क्या वास्ता यारो
हमारा चाँद दिख जाये हमारी ईद हो जाये !
*
अपना इक-इक वादा इस तरह निभाना है
तुम को मेरे आँगन मे चाँद बन के आना है !
आसमा मे खलबली है सब यही पूछ रहे हैं
कौन फिरता है ज़मी पे चाँद सा चेहरा लिए !
वो तारीफे करते रहते है
हम शायरी करते रहते है
वो कुछ कहते नही ओर
हम इंतज़ार करते रहते है !
इन आँखो को जब जब
उनका दीदार हो जाता है
दिन कोई भी हो लेकिन मेरे
लिए त्यौहार हो जाता है !
*
मेरे मिजाज की क्या बात करते हो साहब
कभी-कभी मै खुद को भी जहर लगती हूं !
हुस्न वालो को संवरने की क्या जरूरत है
वो तो सादगी मे भी क़यामत की अदा रखते है !
आँखो मे आँसुओ की लकीर बन गई
जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई !
-
एक उम्र है जो तेरे बगैर गुजारनी है और
एक लम्हा है जो तेरे बगैर गुज़रता नही !
=> 03 - तारीफ शायरी For Boy
है होठ उसके किताबो मे लिखी तहरीरो जैसे
ऊँगली रखो तो आगे पढ़ने को जी करता है !
-
देख कर तेरी आँखो को मदहोश मे हो जाता हूँ
तेरी तारीफ किये बिना मै रह नहीं पाता हूँ !
*
कितनी खूबसूरत आंखें हैं
कभी हमें भी तो रूबरू करा दिया करो
इस चेहरे में कितनी और खूबियां है
जरा हमें भी तो दिखा दिया करो..!
-
नायब था अंदाज उसका
जमीन से आसमान तक
हर चीज में तारीफ करते
खुदा ने बनाया है हसीन आपको !
लोग मेरी शायरी की तारीफ कर रहे है
लगता है दर्द अच्छा लिखने लगा हूं मैं..!
-
बेवफाई की तारीफ मैं क्या करूं
वो जहर भी हमें किस्तों में देते रहे..!
*
अल्फाज खुशी दे रहे थे मुझे और
वो मेरे इश्क की तारीफ कर रही थी..!
-
तू अपनी निगाहों से न देख खुद को,
चमकता हीरा भी तुझे पत्थर लगेगा,
सब कहते होंगे चाँद का टुकड़ा है तू,
मेरी नजर से चाँद तेरा टुकड़ा लगेगा।
कुछ इस तरह से वो मुस्कुराते हैं,
कि परेशान लोग उन्हें देख कर खुश हो जाते हैं,
उनकी बातों का अजी क्या कहिये,
अल्फ़ाज़ फूल बनकर होंठों से निकल आते हैं।
-
तुम हक़ीकत नहीं हो हसरत हो,
जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो,
किस लिए देखती हो आईना,
तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो।
=> 04 - तारीफ शायरी दो लाइन
हसी फूलों को आती है,
जब आप मुस्कुराते हो,
हमारी दुनिया बदल जाती है,
जब आप मुस्कुराते हो,
आपकी मुस्कुराहट के आगे भला,
क्या चाँद की रौनक,
हुज़ूर खुद चाँद भी शरमाता है।
-
कातिल तेरी अदाओं ने लूटा है,
मुझे तेरी जफ़ाओं ने लूटा है,
शौक नही था मुझे मर मिटने का,
मुझे तो इन नशीली निगाहों ने लूटा हैं।
*
कुछ आपका अंदाज़ है,
कुछ मौसम भी रंगीन है,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ,
जुर्म दोनो ही संगीन है।
-
कुछ आपका अंदाज़ है,
कुछ मौसम भी रंगीन है,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ,
जुर्म दोनो ही संगीन है।
कुछ आपका अंदाज़ है,
कुछ मौसम भी रंगीन है,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ,
जुर्म दोनो ही संगीन है।
-
सुन्दर हो न हो,सादगी होनी चाहिए,
खुशबू हो न हो, महक होनी चाहिए,
रिश्ता हो न हो, बंदगी होनी चाहिए,
मुलाकात हो न हो, बाते होनी चाहिए।
*
सुन्दर हो न हो,सादगी होनी चाहिए,
खुशबू हो न हो, महक होनी चाहिए,
रिश्ता हो न हो, बंदगी होनी चाहिए,
मुलाकात हो न हो, बाते होनी चाहिए।
-
लोग शायरी समझ बैठे,
आप के हुस्न की तारीफ को,
आप से प्यार क्या हो गया,
लोग हमें नाकारा समझ बैठे,
सोचा था आप समझेंगे हाल-ए-दिल,
लेकिन आप तो सब की तरह हमें आवारा समझ बैठे।
लोग शायरी समझ बैठे,
आप के हुस्न की तारीफ को,
आप से प्यार क्या हो गया,
लोग हमें नाकारा समझ बैठे,
सोचा था आप समझेंगे हाल-ए-दिल,
लेकिन आप तो सब की तरह हमें आवारा समझ बैठे।
-
लोग शायरी समझ बैठे,
आप के हुस्न की तारीफ को,
आप से प्यार क्या हो गया,
लोग हमें नाकारा समझ बैठे,
सोचा था आप समझेंगे हाल-ए-दिल,
लेकिन आप तो सब की तरह हमें आवारा समझ बैठे।
=> 05 - तारीफ शायरी फॉर ब्यूटी
माना की तेरे शहर में गरीब कम होंगे,
अगर बिकी तेरी दोस्ती तो पहले खरीदार हम होंगे,
तुझे पता ना होगी तेरी क़ीमत पर,
तुझको पाकर सबसे अमीर हम होंगे।
-
गम नहीं वहाँ, जहाँ हो फ़साना आपका,
ख़ुशी भी ढूंढती है हर पल फ़साना आपका,
आप उदास ना होना कभी ज़िंदगी में,
बहुत अच्छा लगता है हमें मुस्कुराना आपका।
*
तक़दीर से तब हमे हिस्सा मिलता है,
प्यार भरा कोई जब रिश्ता मिलता है,
रोशन हो जाती है सारी दुनिआ,
जब रिश्तों में आप जैसा फ़रिश्ता मिलता है।
-
एक तिल का पहरा भी जरूरी है,
लबों के आसपास,
डर है कहीं तेरी मुस्कुराहट को,
कोई नज़र न लगा दे।
एक तिल का पहरा भी जरूरी है,
लबों के आसपास,
डर है कहीं तेरी मुस्कुराहट को,
कोई नज़र न लगा दे।
-
एक तिल का पहरा भी जरूरी है,
लबों के आसपास,
डर है कहीं तेरी मुस्कुराहट को,
कोई नज़र न लगा दे।
*
आप जब सामने से गुजर जाते है,
अरमान दिल के उभर जाते है,
देख कर आपकी प्यारी सूरत,
सहमे हुए फूल भी निखर जाते है।
-
मेरे मिजाज की क्या बात करते हो साहब,
कभी-कभी मैं खुद को भी जहर लगती हूँ।
कितनी खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी,
बना दीजिये इनको किस्मत हमारी,
इस ज़िंदगी में हमें और क्या चाहिए,
अगर मिल जाए मोहब्बत तुम्हारी।
-
ख्वाहिश ये बेशक नही की “तारीफ” हर कोई करे,
मगर “कोशिश” ये जरूर है कि कोई बुरा ना कहे।
=> 06 - तारीफ शायरी For Friend
सपनो की दुनिया में हम खोते गए,
होश में थे फिर भी मदहोश होते गए,
जाने क्या जादू था उस अजनबी चेहरे में,
खुद को बहुत रोका फिर भी उसके होते गये।
-
मत मुस्कुराओ इतना,
कि फूलों को खबर लग जाए,
कि करे वो तुम्हारी तारीफ
और तुम्हें नजर लग जाएँ।
*
नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं,
हम घबराकर आँखें झुका लेते हैं,
कौन मिलाए उनकी आँखों से आँखे,
सुना है वो आँखों से अपना बना लेते है।
-
अभी इस तरफ़ न निगाह कर,
मैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लूँ,
मेरा लफ़्ज़-लफ़्ज़ हो आईना,
तुझे आईने में उतार लूँ।
^
सोचता हु हर कागज पे तेरी तारीफ करु,
फिर खयाल आया कहीँ पढ़ने वाला भी
तेरा दीवाना ना हो जाए।
-
इन आँखों को जब-जब तेरा दीदार हो जाता है,
दिन कोई भी हो, लेकिन मेरे लिए वो खास हो जाता है।
*
इन आँखों को जब-जब तेरा दीदार हो जाता है,
दिन कोई भी हो, लेकिन मेरे लिए वो खास हो जाता है।
-
वो निगाहों से यूँ शरारत करते हैं,
अपनी अदा से भी कयामत करते हैं,
निगाहें उनकी भी चेहरे से हटती नहीं,
और वो हमारी नज़रो से शिकायत करते हैं।
^
हुस्न वालों को संवरने की क्या जरूरत है,
वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं।
-
ना चाहते हुए भी आ जाता हैं लबों पे तेरा नाम,
कभी तेरी तारीफ में तो कभी तेरी शिकायत में।
=> 07 - खूबसूरती की तारीफ शायरी 4 लाइन
ना चाहते हुए भी आ जाता हैं लबों पे तेरा नाम,
कभी तेरी तारीफ में तो कभी तेरी शिकायत में।
-
तेरी मोहब्बत में डूब कर बूँद से दरिया हो जाऊँ …..मैं तुझसे शुरू होकर तुझमें ख़त्म हो जाऊँ
*
तेरी मोहब्बत में डूब कर बूँद से दरिया हो जाऊँ …..मैं तुझसे शुरू होकर तुझमें ख़त्म हो जाऊँ
-
*तुम गुज़ार ही लोगे ज़िन्दगी, हर फन में माहिर हो...!!!* *पर मुझे तो कुछ भी नहीं आता, तुम्हे चाहने के सिवा...!!!
^
*कौन कहता है कि आपकी तस्वीर बात नहीं करती...!!!* *हर सवाल का जवाब देती है बस आवाज़ नहीं करती...!!*
-
*कौन कहता है कि आपकी तस्वीर बात नहीं करती...!!!* *हर सवाल का जवाब देती है बस आवाज़ नहीं करती...!!*
*
आओ ना , एक और ख्वाब पूरा करें .. बैठ के साथ साथ , इस आधे चांद को हमारे प्यार से पूरा करें !!
-
आसमां में खलबली है सब यही पूछ रहे हैं, कौन फिरता है ज़मीं पे चाँद सा चेहरा लिए।
^
आपसे रुसवा होकर भला हम कहाँ जाएंगे, आपके ही हैं, ऐसे कैसे भला आपसे जुदा होजाएंगे? माना हम बार बार रूठ जाते हैं, पर यकीन मानिए आप प्यारसे हमे मनाये बस यही हम बार बार चाहेंगे।
-
मुझे नहीं मालूम तू हमेशा मेरे साथ रहेगी या नहीं, मगर तेरा ज़िन्दगी भर का साथ खुदा से माँगना अच्छा लगता है।
=> 08 - तारीफ शायरी For Girl
मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही अब रातों को जागना अच्छा लगता है.....
-
तुम्हे देख के ऐसा लगा चाँद को जमीन पर देख लिया तेरे हुस्न तेरे शबाब में सनम हमने कयामत को देख लिया…
*
बहक गए हम तेरे महखाने में देखा नहीं हुस्न तेरे जैसा जमाने में हटाओ पर्दा दिखाओ चाँद का टुकड़ा हल चल मच जाए दिल के वीराने में…
-
मैंने चेहरे हजार देखें हैं अदाएं भी बेशुमार देखी हैं सादगी तेरी जैसी पर कहीं देखी नहीं मैंने घूमके हर बाजार देखे हैं…
^
कुछ फिजायें रंगीन हैं, कुछ आप हसीन हैं, तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो संगीन हैं।
-
क्या लिखूँ तेरी सूरत - ए - तारीफ मेँ , मेरे हमदम अल्फाज खत्म हो गये हैँ, तेरी अदाएँ देख-देख के
*
ये आईने क्या दे सकेंगे तुम्हें तुम्हारी शख्सियत की खबर, कभी हमारी आँखो से आकर पूछो कितने लाजवाब हो तुम।
-
ये आईने क्या दे सकेंगे तुम्हें तुम्हारी शख्सियत की खबर, कभी हमारी आँखो से आकर पूछो कितने लाजवाब हो तुम।
^
क्या लिखूं तेरी तारीफ-ए-सूरत में यार, अलफ़ाज़ कम पड़ रहे हैं तेरी मासूमियत देखकर।
-
जो कागज पर लिख दू तारीफ तुम्हारी तो श्याही भी तेरे हुस्न की गुलाम हो जाये
=> 09 - तारीफ शायरी फॉर गर्ल 2 Line
गज़ब का हुस्न बला का शबाब है उसका,
कि सब हसीनों में चेहरा गुलाब है उसका,
तलाश मैंने किया हर मकाम पर लेकिन,
कहीं भी कोई सानी न जवाब है उसका।
-
कभी उनकी याद आती है कभी उनके ख्वाब आते हैं,
मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते हैं,
क़यामत देखनी हो अगर चले जाना किसी महफ़िल में,
सुना है कि महफ़िल में वो बेनकाब आते हैं।
*
हुजूर लाज़िमी है महफिलों में बवाल होना,
एक तो हुस्न कयामत उसपे होठों का लाल होना।
-
हम उससे थोड़ी दूरी पर हमेशा रुक से जाते हैं,
न जाने उससे मिलने का इरादा कैसा लगता है,
मैं धीरे-धीरे उनका दुश्मन-ए-जाँ बनता जाता हूँ,
वो आँखें कितनी क़ातिल हैं वो चेहरा कैसा लगता है।
^
तुम्हारी क्या तारीफ करू
क्यूंकि तुम्ही तारीफ हो..
-
तारीफ तुम्हारी नहीं
तारीफ तो उसकी है
जिसने बना दी
इतनी खूबसूरत हस्ती है..
*
तारीफ मुझे करना नहीं आता
बस जब भी देखू तुझको
तेरे ऊपर फ़िदा मै हो जाता
-
क्या कहू ऐसे शब्द
तुम्हारी आन-बान-शान में
क्या इतना कहना काफी नहीं कि
तुम हो सबसे खूबसूरत
“ इस जहान में ”
^
तुम तारीफ़ के काबिल नहीं
तारीफ तुम्हारे काबिल है.
-
ढाया है खुदा ने ज़ुल्म हम दोनों पर,
तुम्हें हुस्न देकर मुझे इश्क़ देकर।
=> 10 - तारीफ शायरी In English
मैं तुम्हारी सादगी की क्या मिसाल दूँ
इस सारे जहां में बे-मिसाल हो तुम।
-
हुस्न वालों को संवरने की क्या जरूरत है,
वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं।
*
हैं होंठ उसके किताबों में लिखी तहरीरों जैसे,
ऊँगली रखो तो आगे पढ़ने को जी करता है।
-
ये आईने क्या दे सकेंगे तुम्हें
तुम्हारी शख्सियत की खबर,
कभी हमारी आँखो से आकर पूछो
कितने लाजवाब हो तुम।
^
उनके हुस्न का आलम न पूछिये,
बस तस्वीर हो गया हूँ, तस्वीर देखकर।
-
न देखना कभी आईना भूल कर देखो
तुम्हारे हुस्न का पैदा जवाब कर देगा।
*
आफ़त तो है वो नाज़ भी अंदाज़ भी लेकिन,
मरता हूँ मैं जिस पर वो अदा और ही कुछ है।
-
मुझे दुनिया की ईदों से भला क्या वास्ता यारो,
हमारा चाँद दिख जाये हमारी ईद हो जाये।
^
क्यों न अपनी ख़ूबी-ए-क़िस्मत पे इतराती हवा,
फूल जैसे एक बदन को छू कर आई थी हवा।
-
गज़ब का हुस्न बला का शबाब है उसका,
कि सब हसीनों में चेहरा गुलाब है उसका,
तलाश मैंने किया हर मकाम पर लेकिन,
कहीं भी कोई सानी न जवाब है उसका।
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